नई दिल्ली: न्यूज़़ ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (एनबीडीएसए) ने स्वयंभू संत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उर्फ़ ‘बाबा बागेश्वर’ के साथ न्यूज़18 के साक्षात्कार को आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए हफ्ते भर के भीतर सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म से हटाने का निर्देश दिया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूज़18 के मैनेजिंग एडिटर किशोर अजवानी ने साल 2023 में 10 जुलाई को धीरेंद्र शास्त्री का इंटरव्यू किया था. एनबीडीएसए ने अपने आदेश में कहा कि इस साक्षात्कार के दौरान शास्त्री ने कई ऐसे बयान दिए, जो अंधविश्वास को बढ़ावा देते थे और विभाजनकारी प्रकृति के हैं.
एसोसिएशन पुणे स्थित समाजिक कार्यकर्ता इंद्रजीत घोरपड़े की शिकायत पर सुनवाई कर रही थी.
एनबीडीएसए ने अपने आदेश में कहा, ‘इस मामले में प्रसारक द्वारा आमंत्रित किए गए बाबा (seer) ने प्रसारण के दौरान कई दावे किए, जो अंधविश्वास को बढ़ावा देते हैं. इसके अलावा प्रसारण के दौरान बाबा द्वारा हिंदू राष्ट्र और धर्म के संबंध में भी कई बयान दिए गए, जो प्रकृति में विभाजनकारी थे, जैसे कि भारत में रहने के लिए ‘सीता राम’ कहना जरूरी है या लव जिहाद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि इस्लाम पुरुषों को युवा हिंदू लड़कियों को फंसाने और फिर उनकी हत्या करने को कहता है.’
एसोसिएशन ने कहा कि इस प्रसारण ने उसके विशिष्ट दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है, जो ‘नस्लीय और धार्मिक सद्भाव, सुपर – नैचरल, जादू-टोना (occultism), अंधविश्ववास और पैरानार्मल गतिविधियों’ आदि की रिपोर्टिंग को लेकर सुझाए गए हैं.
आदेश में कहा गया है, ‘एनबीडीएसए ने पाया है कि ऐसे कार्यक्रम जो अंधविश्वास को बढ़ावा देते हैं और समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करते हैं, उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, न ही प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए.’
साक्षात्कार में शास्त्री ने दावा किया था कि वह अन्य चीजों के अलावा अलौकिक शक्तियों के माध्यम से हीरे ढूंढ सकते हैं, चुनावों की भविष्यवाणी कर सकते हैं और लोगों को ठीक कर सकते हैं.
एसोसिएशन ने चैनल को चेतावनी देते हुए ऐसे व्यक्तियों को आमंत्रित न करने की सलाह दी है, जिनके विचारों को अंधविश्वासी मान्यताओं और प्रथाओं को बढ़ावा देने वाला माना जा सकता है.
एसोसिएशन को दिए गए अपने जवाब में न्यूज़18 ने तर्क दिया था कि कार्यक्रम में धीरेंद्र शास्त्री को भगवान संबंधी मुद्दे से जुड़ी जानकारी के लिए आमंत्रित किया गया था. चैनल ने यह भी दावा किया कि उसने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में शास्त्री द्वारा दिए गए किसी भी बयान को बढ़ावा या समर्थन नहीं दिया है और इसलिए वह इन सबका ज़िम्मेदार नहीं है.
घोरपड़े ने चैनल के दावों का खंडन करते हुए कहा था कि न्यूज़18 शास्त्री के इस तरह के बयान देने की प्रवृत्ति से अच्छी तरह वाकिफ़ था और अजवानी ने साक्षात्कार के दौरान पर्याप्त रूप से हस्तक्षेप भी नहीं किया.
न्यूज़18 के तर्कों का खंडन करते हुए शिकायतकर्ता ने कहा था कि जैसा कि प्रसारक ने खुद स्वीकार किया था, बाबा को हिंदू राष्ट्र और लव जिहाद जैसे विवादास्पद बयान देने के लिए जाना जाता है, इसलिए चैनल को उनकी प्रवृत्ति के बारे में अच्छी तरह से पता था और यही कारण था कि उन्हें प्रसारण में आमंत्रित किया गया था.
एनबीडीएसए के आदेश में कहा गया है कि घोरपड़े का यह कहना कि प्रसारक का यह बयान कि उसने बाबा की अलौकिक क्षमताओं के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा था, गलत है, क्योंकि यह एंकर ही थे, जिन्होंने प्रसारण के दौरान स्वयं बाबा से सवाल किया था कि क्या वह चुनाव परिणामों की भविष्यवाणी कर सकते हैं. इसलिए, साक्षात्कार अच्छी तरह से तैयार किया गया था और चैनल को पहले से पता था कि शास्त्री किस सवाल का क्या जवाब देंगे.