मणिपुर: पुलिस का दस कथित उग्रवादियों को मारने का दावा, जिरीबाम में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू

मणिपुर पुलिस के अनुसार, संदिग्ध उग्रवादियों ने जाकुरधोर स्थित सीआरपीएफ पोस्ट और बोरोबेकरा थाने पर हमला किया, जिस पर हुई जवाबी कार्रवाई में दस 'हथियारबंद उग्रवादी' मारे गए. वहीं, एक नागरिक समूह कुकी-ज़ो काउंसिल ने दावा किया है कि मरने वाले लोग आदिवासी विलेज वालंटियर थे.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: X/@manipur_police)

नई दिल्ली: मणिपुर के जिरीबाम में सोमवार (11 नवंबर) को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की चौकी पर हुए हमले के बाद राज्य पुलिस ने बताया कि जवाबी गोलीबारी में दस हथियारबंद उग्रवादी मारे गए. इसके बाद प्रशासन ने अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, पड़ोसी चूड़ाचांदपुर जिले के एक नागरिक समाज समूह कुकी-जो काउंसिल ने मृतकों की संख्या 11 बताई है और दावा किया है कि मरने वाले लोग कुकी-जो विलेज वालंटियर (village volunteers) थे.

मणिपुर पुलिस ने बताया कि उग्रवादियों ने दोपहर करीब 3 बजे जाकुरधोर स्थित सीआरपीएफ पोस्ट और बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन पर हमला किया. ये जगहें दक्षिणी असम के कछार जिले के करीब हैं. पुलिस ने कहा कि सीआरपीएफ कांस्टेबल संजीव कुमार को गोली लगी और उन्हें इलाज के लिए असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाया गया.

पुलिस ने कहा, ‘हमले का सीआरपीएफ और पुलिस ने जमकर जवाब दिया. 40-45 मिनट तक चली भारी गोलीबारी के बाद स्थिति पर काबू पा लिया गया. गोलीबारी बंद होने के बाद इलाके की तलाशी ली गई और हथियारबंद आतंकवादियों के 10 शव बरामद किए गए, साथ ही हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया गया.’

पुलिस ने कहा कि तीन एके-47 राइफलें, चार सेल्फ-लोडिंग राइफलें, 2 इंसास, एक रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड लॉन्चर, एक पंप एक्शन गन, बुलेटप्रूफ हेलमेट और मैगजीन बरामद की गई.

रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने आगे बताया कि आपराधिक मामला दर्ज कर लिया गया है और इसकी जांच की जा रही है.

जांच की मांग

घटना के तुरंत बाद कुकी-ज़ो काउंसिल ने मंगलवार को सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक पूर्ण बंद का आह्वान किया और कहा, ‘पीड़ितों के सम्मान में और हमारे सामूहिक दुःख और एकजुटता को व्यक्त करने के लिए – जिन्हें बेरहमी से गोली मार दी गई है.’

काउंसिल ने अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए तत्काल और गहन जांच की मांग की.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, हमार छात्र संघ ने भी हत्याओं की निंदा की और आरोप लगाया कि ये हत्याएं केंद्र, मणिपुर राज्य समर्थित बलों और मेईतेई उग्रवादियों द्वारा रची गई हैं.

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस थाने के परिसर में एक राहत शिविर भी स्थित है और वहां रहने वाले पांच लोग लापता हैं. यह स्पष्ट नहीं है कि इन नागरिकों को पीछे हटते आतंकवादियों ने अगवा कर लिया था या वे हमला शुरू होने के बाद छिप गए.

कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया

इस बीच, कानून एवं व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के बीच जिरीबाम जिला प्रशासन ने अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया.

जिलाधिकारी कृष्ण कुमार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि, ‘कुछ असामाजिक तत्वों की गैरकानूनी गतिविधियों के कारण क्षेत्र में शांति और सार्वजनिक शांति में व्यापक गड़बड़ी या दंगा या किसी तरह का हिंसा होने और मानव जीवन और संपत्तियों को गंभीर खतरा होने की आशंका है.’

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर के जिरीबाम जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में ग्यारह संदिग्ध उग्रवादियों के मारे जाने के एक दिन बाद मंगलवार सुबह स्थिति शांत लेकिन तनावपूर्ण रही और पुलिसकर्मी संवेदनशील स्थानों पर गश्त कर रहे हैं.

उन्होंने बताया, ‘जिला प्रशासन ने इलाके में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी है, जबकि लापता लोगों का पता लगाने के लिए अभियान शुरू किया गया है.’

अधिकारियों ने बताया कि संदिग्ध उग्रवादियों की हत्या के विरोध में मंगलवार सुबह पांच बजे से ही कुकी-जो बहुल पहाड़ी इलाकों में बंद रखा गया है.

हमलों की एक श्रृंखला में संदिग्ध आतंकवादियों ने जाकुरधोर करोंग बाजार में और उसके आस-पास कई दुकानों और घरों को आग लगा दी, इसके अलावा बोरोबेकरा थाने और उसके बगल में स्थित सीआरपीएफ कैंप को भी आग के हवाले कर दिया.

द हिंदू के अनुसार, इससे एक दिन पहले गोलीबारी की दो अलग-अलग घटनाओं में तीन लोग घायल हो गए थे.

इंफाल पूर्वी जिले में पहली घटना में संदिग्ध उग्रवादियों ने गोलीबारी की, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की. इस घटना में एक ग्रामीण घायल हो गया, जो कुछ अन्य लोगों के साथ धान की कटाई करने गया था.

घायल 35 वर्षीय कांगसो होराम को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उन्हें इंफाल के जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान अस्पताल भेज दिया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है.

मालूम हो कि पिछले हफ़्ते जिरीबाम जिले के ज़ैरावन हमार गांव में हथियारबंद हमलावरों ने हमला कर 31 वर्षीय आदिवासी महिला की हत्या कर दी थी.  उनके परिवार का आरोप है कि उनसे बलात्कार कर फिर ज़िंदा जलाया गया. इस हमले में कम से कम 20 घरों को भी जला दिया गया था.

3 मई 2023 को मणिपुर में मेईतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद से अब तक लगभग 226 लोग जान गंवा चुके हैं, सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए हैं और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.