गुजरात में भाजपा की मामूली अंतर से जीत को लेकर राजनीति दलों में छिड़ा वाकयुद्ध. शिवसेना और सपा ने कहा- गुजरात मॉडल की पोल खुली, गहलोत बोले- भाजपा की उल्टी गिनती शुरू.
नई दिल्ली: गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव नतीजे आने के बाद राजनीतिक दलों के बीच वाकयुद्ध छिड़ा हुआ है. एक तरफ जहां भाजपा जहां इसे विकास की राजनीति की जीत बता रही है, वहीं पर भाजपा को दो अंकों में समेट देने वाली कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं. विपक्षी दल इसे भाजपा की नैतिक हार के रूप में देख रहे हैं.
भाजपा की इस चुनावी जीत और नैतिक हार को लेकर सबसे ज्यादा भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना हमलावर है. शिवसेना ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए मंगलवार को कहा कि गुजरात मॉडल हिल गया है और राज्य के चुनावी नतीजे तानाशाही शासन में यकीन रखने वालों के लिए खतरे की घंटी हैं.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखे गए एक संपादकीय में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को बंदर कहकर उनका मजाक उड़ाया गया, लेकिन इन बंदरों ने शेर को तमाचा जड़ दिया. गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के एक दिन बाद शिवसेना ने यह हमला किया है.
भाजपा को इस बार 99 सीट मिली जबकि 2012 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को 115 सीट मिली थी. कांग्रेस को पिछली बार 61 सीट मिली थी जबकि इस बार 77 सीटें हासिल कर पार्टी ने अपने प्रदर्शन में सुधार किया. भाजपा ने 1995 से लगातार छठवीं बार विधानसभा चुनाव जीता है. 1995 से ऐसा पहली बार हुआ है जब भाजपा ने 100 से कम सीटें जीती हैं.
कांग्रेस मुक्त भारत का सपना पूरा नहीं हो सका: शिवसेना
शिवसेना ने कहा कि भाजपा किसी तरह चुनावी परीक्षा पास करने में सफल हुई है, लेकिन दिखा ऐसे रही है जैसे उसे बहुत अच्छे नंबर मिले हों. संपादकीय में कहा गया कि भाजपा ने गुजरात और हिमाचल में जीत जरूर हासिल की, लेकिन कांग्रेस भी हारी नहीं है.
शिवसेना ने कहा, कांग्रेस मुक्त भारत का सपना पूरा नहीं हो सका. पार्टी ने कहा कि गुजरात के चुनावी नतीजे तानाशाही शासन में यकीन रखने वालों के लिए खतरे की घंटी हैं.
संपादकीय में कहा गया, भाजपा भले ही चुनाव जीत गई हो, लेकिन चर्चे तो राहुल गांधी की प्रगति के हैं. कहा जा रहा था कि गुजरात में भाजपा 150 से कम सीटें नहीं जीतेगी, लेकिन 100 सीटों तक पहुंचना भी उनके लिए मुश्किल हो गया.
पार्टी ने भाजपा से कहा कि वह गुजरात में राहुल और हार्दिक के जबरदस्त प्रदर्शन पर गौर करे. पार्टी ने कहा कि गुजरात के 99 विधानसभा क्षेत्रों के लोगों ने मोदी का साथ दिया, लेकिन राहुल गांधी-हार्दिक पटेल की जोड़ी ने 77 सीटों पर जीत हासिल की.
शिवसेना ने कहा कि कुछ लोगों ने राहुल और हार्दिक को भाजपा नेतृत्व की तुलना में बंदर करार दिया, लेकिन इन बंदरों ने शेर को तमाचा जड़ दिया है और खतरे की घंटी बजा दी है.
पार्टी ने कहा, मजाक उड़ाने के इस खेल में शामिल लोग अब ऐसा दिखा रहे हैं कि वे बहुत अच्छे नंबरों से पास हो गए, जबकि वह किसी तरह से परीक्षा में पास हो सके हैं.
शिवसेना ने कहा, विकास के गुजरात मॉडल के बारे में बहुत कुछ बोला गया, लेकिन अब वह हिल चुका है. हम कामना करते हैं कि 2019 के चुनाव तक यह धराशायी न हो जाए.
चुनाव नतीजों ने खोली गुजरात मॉडल की पोल : अखिलेश
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को भाजपा की कठिन जीत सुनिश्चित हो जाने के बाद कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव परिणाम से साफ हो गया है कि विकास का गुजरात मॉडल महज छलावा है और ये नतीजे इस बात का उदाहरण भी हैं कि कैसे जनता को राजनीति से कोई वास्ता न रखने वाले क्रिया-कलापों से बहकाने का प्रयास किया जा सकता है.
अखिलेश ने एक बयान में कहा कि भाजपा गुजरात चुनाव में 150 सीटों पर जीत का दावा कर रही थी जबकि परिणाम उसके उलट रहे. इस चुनाव परिणाम ने यह स्पष्ट कर दिया कि गुजरात विकास मॉडल एक छलावा था. यह परिणाम भविष्य की राजनीति के लिए एक संकेत भी है कि विकास न करने वालों को जनता पसंद नहीं करती है.
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात चुनाव के नतीजे देश की जनता के सामने एक उदाहरण हैं कि कैसे जनता को राजनीति से कोई वास्ता न रखने वाले क्रिया-कलापों से बहकाने का प्रयास किया जा सकता है और जिनकी मदद से किसी भी प्रकार सत्ता पर काबिज हो सकें.
अखिलेश ने कहा कि गुजरात में करीब 22 वर्ष तक भाजपा के सत्ता में रहने के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी सहित पूरी भाजपा वहां डटी रही. सत्ता एवं सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल करने के साथ-साथ चुनाव को प्रभावित करने के कई हथकंडे अपनाए गए.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस चुनाव से भाजपा के जातिवादी और सांप्रदायिक राजनीति का सच जनता के सामने आ गया है. गुजरात चुनाव प्रचार में भाजपा नेताओं ने असंसदीय बयानों और बड़बोलेपन से अपनी राजनैतिक साख को गिरा दिया है.
गुजरात मॉडल अंदर से खोखला है: राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव परिणाम को भाजपा के लिए जबरदस्त झटका बताया. राहुल ने मोदी के विकास के गुजरात मॉडल पर निशाना साधते हुए कहा कि यह अच्छा प्रचार है लेकिन अंदर से खोखला है.
कांग्रेस को पिछली बार 61 सीट मिली थी जबकि इस बार राहुल गांधी के नेतृत्व में 77 सीटें हासिल कर पार्टी ने अपने प्रदर्शन में सुधार किया. राहुल ने गुजरात चुनाव में मिली मामूली जीत में पार्टी का नेतृत्व करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विश्वसनीयता पर भी सवाल किए.
कांग्रेस अध्यक्ष ने गुजरात के विकास मॉडल पर हमला करते हुए कहा, मुझे वहां पता चला कि मोदीजी का जो मॉडल है, उसे गुजरात के लोग असल में मानते ही नहीं.
राहुल ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा, मोदी जी की विश्वसनीयता पर बहुत बड़ा सवाल उठ गया है. उनके लिए यह बहुत मुश्किल होगा. वो जो कह रहे हैं…वह देश सुन नहीं रहा है, यह बात गुजरात ने दिखाई है. यह आपको आने वाले समय में बहुत आसानी से दिखेगा.
राहुल ने कहा, हमने जो अभियान चलाया, उसका वह जवाब नहीं दे पाए. आपने देखा होगा कि चुनाव से पहले मोदीजी के पास कहने के लिए कुछ रहा नहीं था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कह रहे हैं कि यह विकास का चुनाव है. उन्होंने बोला कि जीएसटी पर मुहर है. यह अजीब सी बात है कि चुनाव के दौरान उनके भाषणों में न तो विकास की बात हो रही थी और न जीएसटी की, न नोटबंदी की.
विकास को पागल कहने वाले विकास के मॉडल को कैसे समझेंगे: जावडे़कर
गुजरात चुनाव परिणाम को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर राहुल गांधी के तंज पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा कि जनता चुनावों में कांग्रेस को लगातार झटके पे झटके दे रही है लेकिन विकास को पागल कहने वाले विकास के मॉडल को कैसे समझेंगे.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा कि राहुल गांधी जी को समझना चाहिए कि झटका तो कांग्रेस को लग रहा है. जनता चुनावों में कांग्रेस को लगातार झटके पे झटके दे रही है लेकिन राहुल गांधी जी कह रहे हैं कि नरेंद्र मोदी जी की विश्वसनीयता कम हो रही है, भाजपा का विकास का मॉडल फेल है.
कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि विकास को पागल कहने वाले विकास के मॉडल को कैसे समझेंगे. राहुल गांधी हताशा और निराशा में कुछ भी बोल रहे हैं.
जावडे़कर ने कहा कि 2014 से कांग्रेस राहुल जी के नेतृत्व में लगातार हार रही है, अब वो हार को विजय मानते हैं तो उनको ऐसी विजय मुबारक. जावडे़कर ने कहा कि गुजरात में भाजपा ने छठी बार सरकार बनाई है और हिमाचल में हमें दो तिहाई बहुमत मिला है और राहुल गांधी कह रहे हैं कि भाजपा को झटका लगा है. जो लोग विकास को पागल कह रहे थे, उनको लोगों ने झटका दिया है और भाजपा में भरोसा दिखाया है.
कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने भी संवाददाताओं से कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस की विश्वसनीयता हमेशा कम रही है, दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी की विश्वसनीयता न सिर्फ भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमेशा ऊंची रही है.
जावड़ेकर ने कहा राहुल भ्रम में हैं और हार को जीत मान रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि चुनाव नतीजे से असल में कांग्रेस हिल गई है. जावड़ेकर ने साथ ही आरोप लगाया कि कांग्रेस ने गुजरात में विभाजनकारी राजनीति अपनाने की कोशिश की थी लेकिन लोगों ने मोदी और उनके विकास के एजेंडे में विश्वास दिखाया.
गुजरात के नतीजे लोगों के गुस्से को दर्शाते हैं: येचुरी
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने सोमवार को कहा कि गुजरात विधानसभा चुनावों में भाजपा की सीटों की संख्या में आई कमी उसकी नीतियों के खिलाफ लोगों के गुस्से और विरोध को दर्शाती है. हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि विपक्ष इस गुस्से और विरोध का पूरा फायदा नहीं उठा पाया.
येचुरी ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, भाजपा भले ही जीत गई हो, लेकिन 2014 लोकसभा चुनावों और 2012 गुजरात विधानसभा चुनावों की तुलना में उनकी सीटें और वोट प्रतिशत दोनों कम हुए हैं. वे 150 सीटों के अपने लक्ष्य तक भी नहीं पहुंच पाए हैं. चुनावी नतीजे भाजपा की नीतियों के खिलाफ लोगों के गुस्से को दर्शाते हैं.
उन्होंने कहा कि गुजरात के लोगों ने विकास के गुजरात मॉडल के लिए वोट नहीं किया था, बल्कि इसके खिलाफ किया था, क्योंकि जीएसटी और नोटबंदी के कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था.
वामपंथी नेता ने कहा कि भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कार्ड खेला ताकि जीएसटी एवं नोटबंदी के खिलाफ लोगों के गुस्से को पार्टी के खिलाफ वोटों में तब्दील होने से रोका जा सके.
उन्होंने कहा, भाजपा ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की गंदी राजनीति की. पूरा प्रचार ऐसे किया गया जैसे लड़ाई हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच हो. सिर्फ चुनावी फायदे के लिए ऐसा किया गया. येचुरी ने कहा कि चुनावी नतीजों से कई ऐसे सबक मिले हैं जिनसे विपक्ष को सीखने की जरूरत है.
भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है :गहलोत
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और गुजरात के प्रभारी अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के गृह राज्य में भाजपा को कड़ी टक्कर दी है और इसके साथ ही भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो गई है.
गहलोत ने ट्वीट के जरिये कहा कि गुजरात के लोगों की धारणा के अनुसार चुनाव परिणाम में न तो भाजपा की जीत हुई है और न ही कांग्रेस की हार फिर भी लोग हमें बधाई दे रहे हैं.
उन्होंने गुजरात चुनाव के परिणाम के बाद भाजपा के जश्न पर चुटकी लेते हुए कहा कि जिन लोगों ने मिशन 150 की बात कर लक्ष्य से एक भी सीट कम आने पर जश्न नहीं मनाने का दावा किया था, उन्हें इस बारे में सोचना चाहिए.
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नई सरकार को बधाई देते हुए कहा कि हम गुजरात के परिणामों को विनम्रता से स्वीकार करते हैं. उन्होंने चुनाव अभियान के दौरान कड़ी मेहनत करने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं, नेताओं का आभार जताते हुए गुजरात के लोगों का प्यार और समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया है.
भाजपा ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया: आनंद शर्मा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने गुजरात में कांग्रेस की नैतिक जीत होने का दावा करते हुए कहा कि राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने जिस तरह से केंद्र एवं राज्य की सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग तथा धन एवं जन का प्रयोग किया, वैसा कभी देखने को नहीं मिला.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि इसके बावजूद भाजपा का वोट प्रतिशत गिरना और सीटों का महज दहाई अंक में सिमट जाना, बताता है कि गुजरात में उसकी स्थिति कैसी रही.
कांग्रेस नेता कहा कि गुजरात चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी पार्टी विकास के नाम पर जीती है. उन्होंने कहा कि भाजपा एवं प्रधानमंत्री मोदी ने विकास के नाम पर गुजरात चुनाव नहीं लड़ा.
उन्होंने दावा किया कि गुजरात चुनाव में प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा नेताओं ने विकास के अलावा हर वह बात की जो समाज में विघटन लाती हो. उन्होंने कहा कि प्रचार के नाम पर प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ किया, उन्हें उछाला.
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा नेताओं ने अशालीन भाषा का भी काफी प्रयोग किया. शर्मा ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात विकास के बारे में भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी से 13 विभिन्न सवाल पूछे थे. प्रधानमंत्री ने गुजरात चुनाव के दौरान इनमें से एक भी प्रश्न का उत्तर नहीं दिया.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनाव खत्म होने के बाद भी इन सवालों को उठाती रहेगी और सरकार पर इनका जवाब देने के लिए दबाव बनाएगी.
गुजरात चुनाव के बाद कांग्रेस की स्वीकार्यता बढ़ जाएगी: राकांपा
शरद पवार नीत राकांपा ने गुजरात चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन के मद्देनजर मंगलवार को कहा कि उन राज्यों में कांग्रेस पार्टी की स्वीकार्यता बढ़ जाएगी जहां पर भाजपा से उसका सीधा मुकाबला है.
महाराष्ट्र में राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्य जहां भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई है वहां कांग्रेस को फायदा पहुंचेगा.
मलिक ने कहा, जहां सीधा मुकाबला है वहां कांग्रेस को फायदा पहुंचेगा. उनकी स्वीकार्यता बढ़ेगी. उन्होंने कहा, लेकिन उन राज्यों में जहां छोटे विपक्षी दल हैं, कांग्रेस को उन्हें अपने साथ लेना होगा.
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में कांग्रेस अपने दम पर क्या कर सकती है भाजपा से कांग्रेस अकेले नहीं लड़ सकती. अगर उसे भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराना है तो दूसरे दलों को अपने साथ लेना होगा.
अय्यर और सिब्बल के बयानों ने संभवत: राहुल को नुकसान पहुंचाया: मोइली
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने मंगलवार को इशारों में कहा कि हो सकता है कि मणिशंकर अय्यर और कपिल सिब्बल के विवादास्पद बयानों ने गुजरात चुनाव अभियानों के दौरान पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा हासिल किए गए फायदों को बर्बाद कर दिया हो.
उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2019 के आम चुनावों के लिए राहुल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकल्प के तौर पर उभरे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मोदी पर गुजरात के मतदाताओं को भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया और कहा कि राजनीतिक दलों को जुमलों के आधार पर चुनाव नहीं जीतना चाहिए.
मोइली ने कहा, अय्यर जैसे हमारे लोगों को उनके प्रधानमंत्री खिलाफ वैसे मुद्दे नहीं उठाने चाहिए थे. पूर्व केंद्रीय मंत्री अय्यर द्वारा की गई नीच की टिप्पणी के संदर्भ में बात कर रहे थे.
उनसे जब पूछा गया कि क्या अय्यर की टिप्पणी कांग्रेस को भारी पड़ी तो उन्होंने कहा, हो सकता है. नरेंद्र मोदी ने उस बयान का इस्तेमाल कांग्रेस और हमारे नेताओं पर हमला बोलने के लिए किया. हमें बहुत सावधान रहना चाहिए था.
इसके अलावा उन्होंने सिब्बल के उस बयान को भी अनावश्यक बताया जिसमें उन्होंने राम जन्मभूमि मामले की सुनवाई को वर्ष 2019 के आम चुनावों के बाद तक टालने के लिए कहा था.
मोइली ने कहा, सिब्बल को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए थे. पार्टी की ओर से ऐसे बयान देने के लिए वह अधिकृत नहीं थे. उन्होंने कहा, कई बार हमारा नेतृत्व यानि राहुल गांधी द्वारा जो कुछ भी किया जाता है, उसे ऐसे बयान बर्बाद कर देते हैं. यह पार्टी का दृष्टिकोण नहीं है और प्रधानमंत्री ने इस बयान का भी इस्तेमाल किया.
गुजरात चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिये बड़ी सफलता-शरद
जदयू के बागी पूर्व सांसद शरद यादव ने गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम को कांग्रेस के लिए बड़ी सफलता बताते हुए इसके लिए पार्टी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी को बधाई दी है.
यादव ने सोमवार को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद कहा कि गुजरात में कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन कर अपनी सीटों में इजाफा किया है. इसे महान कामयाबी करार देते हुए उन्होंने एक बयान में कहा कि इस चुनाव में भाजपा किसी तरह अपनी सत्ता बचाने में कामयाब रही. उन्होंने दावा किया कि जल्द ही गुजरात के लोगों का भाजपा से मोहभंग हो जाएगा.
उल्लेखनीय है कि यादव की अगुवाई वाला जदयू का बागी गुट गुजरात में कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. राज्य में चार सीटों पर शरद गुट ने उम्मीदवार उतारे थे, इनमें गुट के नेता छोटू भाई बसावा सहित दो उम्मीदवारों को चुनावी जीत मिली है.
यादव ने कहा यह संतोष की बात है कि कांग्रेस ने गुजरात में पहले के मुकाबले सीटों की संख्या बढ़ाने में बड़ी सफलता हासिल की है. मैं इसके लिए राहुल गांधी को बधाई देता हूं, जिनके अथक प्रयासों से कांग्रेस गुजरात में इस मुकाम तक पहुंची है. उन्होंने कहा मैं जनादेश का सम्मान करता हूं, यद्यपि सत्तारूढ़ दल ने बहुत कम अंतर के साथ जीत दर्ज की है, फिर भी मुझे लगता है, जल्द ही गुजरात के लोग देश के अन्य राज्यों के लोगों की तरह खुद को परेशान और दुखी महसूस करेंगे.
गुजरात में भाजपा के लिए नैतिक हार: ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि गुजरात में भाजपा के लिए नैतिक हार हुई है और राज्य के लोगों ने 2019 के लिए बिल्ली के गले में घंटी बांध दी है.
गुजरात के लोगों को इस घड़ी में बहुत ही संतुलित फैसला देने के लिए बधाई देते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि यह सत्तारूढ़ दल के लिए अपनी इज्जत बचाने वाली जीत है.
उन्होंने ट्वीट किया, यह भाजपा के लिए अस्थायी तथा अपनी इज्जत बचाने वाली जीत है. यह उसके लिए नैतिक हार को दर्शाती है. गुजरात ने आम लोगों पर किए गए अत्याचार, बेचैनी एवं उनके साथ की गई नाइंसाफी के खिलाफ मतदान किया.
2019 के आम चुनाव भाजपा के लिए आसान नहीं होंगे: टीआरएस नेता
तेलंगाना राष्ट्र समिति यानी टीआरएस के एक वरिष्ठ नेता ने सोमवार को कहा कि गुजरात में भाजपा का उम्मीद से कम प्रदर्शन बताता है कि 2019 के आम चुनाव राजग की अगुवाई करने वाली इस पार्टी के लिए आसान नहीं होने जा रहे हैं.
लोकसभा में टीआरएस के नेता एपी जितेंद्र रेड्डी ने कहा, गुजरात विधानसभा चुनाव का अहम संदेश यह है कि 2019 के चुनाव में मुकाबला भाजपा के लिए कोई आसान नहीं होने जा रहा है. उसे भाजपा को मूल तौर पर अपने प्रशासन को फिर से परखना होगा.
उन्होंने कहा, निश्चित ही यह भाजपा के लिए झटका है. मैं इसे नोटबंदी और जीएसटी का असर मानता हूं. भाजपा सरकार ने जो कुछ किया, वह लोगों को वाकई पसंद नहीं आया, यही मतपत्र परिणाम है जो उन्होंने दिया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)