नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित राजकीय महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज की नवजात गहन चिकित्सा कक्ष (एनआईसीयू) में शुक्रवार (15 नवंबर) की देर रात आग लगने से दस नवजात शिशुओं की मौत हो गई. कई अन्य नवजात घायल बताए जा रहे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि सूचना मिलते ही घटनास्थल पर फायर ब्रिगेड वाहनों को भेजा गया और दर्जनों बच्चों को बाहर निकाला गया, लेकिन कई बच्चों को बचाया न जा सका. आग लगने से अस्पताल में भगदड़ की स्थिति भी पैदा हो गई थी.
सोशल मीडिया पर घटना से संबंधित कई वीडियो उपलब्ध हैं, जिनमे देखा जा सकता है कि बुरी तरह जले हुए बच्चों को बार्ड से बाहर निकाला जा रहा है. उन्हीं वीडियो में बच्चों के मां-बाप और परिजन रोते-बिलखते हुए नज़र आ रहे हैं. यह भी देखा जा सकता है कि जिस वार्ड में बच्चों को रखा गया था, वहां के उपकरण किस तरह से जल गए थे.
झांसी के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (डीएम) अविनाश कुमार ने मीडिया को बताया कि एनआईसीयू के कर्मचारियों के अनुसार आग रात 10.30 से 10.45 बजे के बीच में लगी थी.
एनआईसीयू के दो यूनिट हैं. जिन शिशुओं की हालत गंभीर होती है उन्हें आतंरिक यूनिट में रखा जाता है, और जिन बच्चों की हालत स्थिर होती है, उन्हें बाहरी यूनिट में रखा जाता है. अनुमान है कि आग आंतरिक इकाई में संभवतः शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी.
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि अस्पताल में लगाए हुए फायर एक्सटिंग्विशर की अवधि समाप्त हो चुकी थी. हिन्दुस्तान अखबार ने लिखा है कि झांसी के अस्पताल में आग लगने के बाद वहां मौजूद डॉक्टर और नर्स वहां से भाग गए.
डीएम ने बताया कि बाहरी यूनिट में इलाजरत लगभग सभी बच्चे सुरक्षित हैं. जबकि आंतरिक यूनिट के 10 शिशुओं की जान चली गई, कई अन्य को बचाया गया, और जो बच्चे घायल हैं उनका इलाज चल रहा है.
घटना की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है, जिसमें कमिश्नर और डीआइजी शामिल हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इस घटना से संबंधित एक पोस्ट में लिखा, ‘झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में घटित एक दुर्घटना में हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुःखद एवं हृदयविदारक है. जिला प्रशासन तथा संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों को संचालित कराने के निर्देश दिए हैं. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को सद्गति एवं घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें.
मई में दिल्ली में भी घटी थी इसी तरह की घटना
इस साल मई में, दिल्ली के विवेक विहार स्थित बेबी केयर न्यू बॉर्न हॉस्पिटल में भीषण आग लगने के कारण सात नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी और पांच अन्य बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए थे. जांच में सामने आया था कि पांच बच्चों को भर्ती करने की क्षमता रखने वाले अस्पताल में हादसे के समय 12 बच्चों को रखा गया था.
दिल्ली पुलिस की जांच में पता चला था कि जिस लाइसेंस पर अस्पताल चल रहा था वह घटना के समय वैध नहीं था. पुलिस ने यह भी बताया था कि अस्पताल की एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) समाप्त हो गई थी.