नई दिल्ली: गुजरात के पाटन जिले में मेडिकल कॉलेज के 18 वर्षीय छात्र की शनिवार (16 नवंबर) रात मौत हो गई. बताया गया है कि उनके छात्रावास में सीनियर्स द्वारा रैगिंग के दौरान कथित तौर पर उसे तीन घंटे तक खड़ा रखा गया. कॉलेज ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने सोमवार (18 नवंबर) को कहा, ‘पुलिस ने कथित तौर पर रैगिंग के शिकार हुए छात्र की मौत के बाद मेडिकल कॉलेज के 15 छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.’
एफआईआर के अनुसार, आरोपी, जो सभी एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्र हैं, ने कथित तौर पर पीड़ित सहित कुछ जूनियर छात्रों को शनिवार रात (16 नवंबर) तीन घंटे से अधिक समय तक छात्रावास के कमरे में खड़ा रखा और उन्हें मानसिक और शारीरिक यातना दी.
एफआईआर में कहा गया है, ‘उन पर गैर इरादतन हत्या और अन्य अपराधों के तहत मामला दर्ज किया गया है.’
पाटन के धारपुर स्थित जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि आरोपी छात्रों को अगले आदेश तक छात्रावास और शैक्षणिक गतिविधियों से निलंबित कर दिया गया है.’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सुरेंद्रनगर जिले के जेसदा गांव के अनिल नटवरभाई मेथानिया पाटन के धारपुर में जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रथम वर्ष के छात्र थे.
कॉलेज के डीन डॉ. हार्दिक शाह ने रविवार (17 नवंबर) को बताया, ‘पीड़ित, एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र अनिल मेथानिया शनिवार रात (16 नवंबर) को कॉलेज के एक छात्रावास में अपने सीनियर्स द्वारा रैगिंग के दौरान तीन घंटे तक खड़े रहने के बाद बेहोश हो गए और कथित तौर पर उनकी मौत हो गई.’
डॉ. शाह ने कहा, ‘छात्र को बेहोश होने के बाद अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसे होश में लाने के प्रयास विफल रहे और उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. उनके सहपाठियों ने बताया कि मेथानिया की मौत कॉलेज के छात्रावास में तीन घंटे तक खड़े रहने और सीनियर्स के सामने परिचय देने के बाद हुई.’
डॉ. शाह की अध्यक्षता वाली कॉलेज की एंटी-रैगिंग कमेटी ने 11 प्रथम वर्ष के और 15 द्वितीय वर्ष के छात्रों समेत 26 छात्रों के बयान दर्ज किए हैं. कॉलेज के एक अधिकारी ने सोमवार (18 नवंबर) को बताया, ‘समिति ने पाया कि प्रथम वर्ष के 11 छात्रों को 15 द्वितीय वर्ष के छात्रों के एक समूह द्वारा रैगिंग का शिकार बनाया गया था.’
बलिसाणा थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार, 15 आरोपियों ने मेथानिया और उसके सहपाठियों सहित प्रथम वर्ष के 11 छात्रों को शनिवार रात (16 नवंबर) परिचय के लिए छात्रावास के कमरे में बुलाया था.
एफआईआर में कहा गया है कि उन्होंने जूनियर छात्रों को करीब साढ़े तीन घंटे तक खड़ा रखा और उन्हें गाने और नाचने, गाली-गलौज करने और कमरे से बाहर न निकलने के लिए मजबूर किया. छात्रों को मानसिक और शारीरिक यातना दिए जाने के कारण मेथानिया की तबीयत खराब हो गई. वे आधी रात के करीब बेहोश होकर गिर पड़े. उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
कॉलेज के अतिरिक्त डीन डॉ. अनिल भठीजा की शिकायत के आधार पर 15 छात्रों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं के तहत गैर इरादतन हत्या, गलत तरीके से बंधक बनाने, गैरकानूनी ढंग से एकत्र होने और आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है.