केन्या ने जांच एजेंसियों से मिली जानकारी का हवाला देते हुए अडानी समूह के साथ सभी सौदे रद्द किए

अमेरिकी न्याय विभाग और सिक्योरिटी एक्सचेंज कमीशन द्वारा भारतीय कारोबारी गौतम अडानी के ख़िलाफ़ घूसखोरी के आरोपों को लेकर अभियोग जारी किए जाने के बाद केन्या के राष्ट्रपति ने अडानी ग्रुप के साथ सभी सौदों को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की घोषणा की है.

केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो संसद में भाषण देते हुए . फोटो: स्क्रीन ग्रैब, X/@WilliamsRuto

नई दिल्लीः अमेरिकी न्याय विभाग और सिक्योरिटी एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) द्वारा भारतीय अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी पर  रिश्वतखोरी मामले में अभियोग जारी करने के बाद केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने गुरुवार (21 नवंबर) को अडानी ग्रुप के साथ सभी सौदों को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की घोषणा की है.

रद्द किए गए सौदों में अडानी ग्रुप के साथ जोमो केन्याटा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विवादास्पद अधिग्रहण भी शामिल है. 

इससे पहले गुरुवार (21 नवंबर) को अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने एक बयान में कहा था कि अडानी पर व्यक्तिगत रूप से रिश्वतखोरी के इस मामले में शामिल होने का आरोप है. साल 2020 से 2024 के बीच उन्होंने इस सिलसिले में भारत सरकार के एक अधिकारी से मुलाकात की थी, ‘अभियुक्त अक्सर मिलते थे और रिश्वतखोरी योजना के बारे में चर्चा करते थे.’

एसईसी ने गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर के खिलाफ संघीय प्रतिभूति कानूनों के धोखाधड़ी विरोधी प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज की. शिकायत में उन्हें दंडित करने, स्थायी निषेधाज्ञा और अधिकारी या निदेशक के रूप में उनकी सेवा पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है.

अडानी समूह ने आरोपों को ‘निराधार’ बताते हुए उन्हें खारिज कर दिया है. 

केन्याई संसद में अपने राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान राष्ट्रपति रुटो ने अडानी ग्रुप के साथ दो बुनियादी ढांचे से जुड़े सौदों को रद्द करने का ऐलान किया. 

रुटो ने सूचित किया कि यह निर्णय स्थानीय जांचकर्ताओं द्वारा पेश की गई ताजा सबूतों और अडानी ग्रुप पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले साझेदार देशों द्वारा साझा की गई जानकारी पर आधारित है.

उन्होंने कहा, ‘माननीय सदस्यों, मैंने पहले भी कहा है और आज भी दोहरा रहा हूं कि भ्रष्टाचार पर निर्विवाद सबूत या विश्वसनीय जानकारी मिलने पर मैं कठोर कार्रवाई करने में संकोच नहीं करूंगा.’

उन्होंने संबंधित मंत्रालयों को सौदे रद्द करने का निर्देश देते हुए कहा, ‘भागीदार राष्ट्रों द्वारा हमें जो जानकारी प्रदान की गई है, उसके आधार पर मैंने परिवहन मंत्रालय और ऊर्जा एवं पेट्रोलियम मंत्रालय के भीतर एजेंसियों को जोमो केन्याटा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (जेकेआईए) के विस्तार के लिए चल रही खरीद प्रक्रिया को तुरंत रद्द करने का निर्देश दिया है.’ 

घोषणा के तुरंत बाद केन्याई संसद के गलियारे तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठे, एक या दो सांसदों को अपनी सीट पर नृत्य करते हुए भी देखा गया. 

रुटो ने परियोजनाओं को महत्वपूर्ण बताते हुए मंत्रालयों को वैकल्पिक साझेदारों को ढूंढने की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने का भी निर्देश दिया. 

केन्याई राष्ट्रपति ने यह घोषणा उनके भाषण के उस भाग के बाद की, जिसमें उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भ्रष्टाचार से निपटना उनकी सरकार के लिए पहली प्राथमिकता है. 

ज्ञात हो कि जेकेआईए का संचालन 30 वर्षों के लिए अडानी समूह को दिए के प्रस्ताव के बाद देश में सार्वजनिक आक्रोश और हड़तालें देखने को मिली. आलोचकों ने एक प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर संपत्ति को एक विदेशी फर्म के हाथों सौंपने के फैसले पर कड़ी आपत्ति दर्ज की, साथ ही चेतावनी भी दी. 

सितंबर के महीने में केन्याई संसद की एक सार्वजनिक निवेश समिति ने अडानी ग्रुप के साथ हुए सौदे का ‘फॉरेंसिक ऑडिट’ करने की मांग की थी. 

इस बीच, अडानी ग्रुप द्वारा अधिग्रहण को कानूनी रूप से भी चुनौती दी जा रही थी. पिछले हफ्ते यह घोषणा की गई थी कि केन्या के हाईकोर्ट की तीन जजों की पीठ, 17 दिसंबर से अडानी समूह को हवाई अड्डे के प्रस्तावित लीज दिए जाने के खिलाफ दर्ज याचिका पर सुनवाई शुरू करेगी. 

इसके अतिरिक्त, इस साल 11 अक्टूबर को ऊर्जा मंत्रालय ने केन्या इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड की ट्रांसमिशन लाइन को 30 वर्षों तक अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड को देने के लिए 736 मिलियन डॉलर (95.68 बिलियन केन्याई शिलिंग) के समझौते पर हस्ताक्षर किए.