नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गुरुवार (28 नवंबर) को राज्यसभा में बताया कि देश भर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में वर्तमान में 5,000 से अधिक शैक्षणिक पद रिक्त हैं.
खबर के अनुसार, शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने एक लिखित जवाब में बताया कि 31 अक्टूबर तक इन संस्थानों में 5,182 पद रिक्त थे.
मजूमदार ने रिक्तियों के लिए सेवानिवृत्ति, इस्तीफे और छात्रों के नामांकन में वृद्धि जैसे कारकों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, ‘रिक्तियों का होना और उनका भरना एक सतत प्रक्रिया है. केंद्रीय विश्वविद्यालय यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार हैं कि ये पद समय पर भरे जाएं.’
मंत्री ने कहा कि विशेष भर्ती अभियान के माध्यम से 7,650 से अधिक शैक्षणिक पद भरे गए हैं. उन्होंने मई 2023 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा शुरू किए गए सीयू-चयन भर्ती पोर्टल का जिक्र भी किया, जो सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में रिक्तियों को भरने और विज्ञापन देने के लिए एक केंद्रीकृत मंच है.
मजूमदार ने जोड़ा, ‘शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी नियमित रूप से संस्थानों की निगरानी करते हैं और केंद्रीय विश्वविद्यालयों को नियमित रूप से रिक्तियों को भरने का निर्देश दिया गया है.’
कुल मिलाकर, 25,777 पद – जिनमें 15,139 फैकल्टी पद शामिल हैं – देश भर के केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा मिशन मोड में भरे गए हैं , हालांकि सरकार ने माना है कि शैक्षणिक पदों में रिक्तियां एक सतत मुद्दा बनी हुई हैं.
केंद्रीय विश्वविद्यालयों के अलावा, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी), राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बैंगलोर सहित अन्य प्रमुख संस्थानों ने सामूहिक रूप से 29 अक्टूबर तक 25,257 खाली पद भरे हैं.
इनमें से 15,047 फैकल्टी पद थे, जिनमें अनुसूचित जातियों के लिए 1,869, अनुसूचित जनजातियों के लिए 739 और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए 3,089 आरक्षित थे.