असम: सरकार ने रेस्त्रां और ‘सार्वजनिक जगहों’ पर गोमांस सेवन पर प्रतिबंध लगाया

असम की हिमंता बिस्वा सरकार ने बीफ के सार्वजनिक स्थानों पर सेवन पर लगाई गई रोक को तीन साल पहले राज्य में लागू किए गए मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2021 का विस्तार बताया है.

हिमंता बिस्वा शर्मा. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: असम की हिमंता बिस्वा शर्मा कैबिनेट ने बुधवार (4 दिसंबर) को राज्य में होटल, रेस्तरां और सार्वजनिक स्थानों के साथ-साथ सार्वजनिक समारोहों में भी गोमांस (बीफ) के सेवन पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, असम का मौजूदा मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2021 गोहत्या के साथ ही कुछ अन्य मवेशियों को मारने पर भी प्रतिबंध लगाता है. इस कानून के तहत उन क्षेत्रों में मवेशी हत्या और बीफ की बिक्री बैन है, जहां हिंदू, जैन और सिख बहुसंख्यक हैं या कोई मंदिर या वैष्णव मठ के पांच किलोमीटर के दायरे में हैं.

मालूम हो कि हिमंता बिस्वा शर्मा बुधवार को नई दिल्ली में थे, जहां उन्होंने 2021 के मवेशी संरक्षण अधिनियम को कारगर बताते हुए कहा कि राज्य कैबिनेट ने इसके विस्तार का निर्णय लिया है कि अब से किसी भी रेस्तरां या होटल के साथ-साथ सार्वजनिक समारोह या सार्वजनिक स्थान पर गोमांस नहीं परोसा जाएगा.

उन्होंने यह भी कहा कि उपरोक्त स्थानों पर गोमांस का ‘सेवन’ प्रतिबंधित होगा.

ज्ञात हो कि इससे पहले द हिंदू ने एक रिपोर्ट में बताया था कि कांग्रेस सांसद रकीबुल हुसैन ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया था कि भाजपा ने नगांव जिले के सामगुरी विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं से चुनावी लाभ लेने के लिए बीफ बांटा था. इस पर पलटवार करते हुए कुछ दिन पहले ही सीएम शर्मा ने कहा था कि यदि असम कांग्रेस के अध्यक्ष उन्हें पत्र लिखकर बीफ पर प्रतिबंध की मांग करें, तो वह इसे लागू करने के लिए तैयार हैं.

हालांकि, स्क्रॉल ने अपनी 2022 की खबर में उल्लेख किया था कि गोमांस और गोमांस उत्पादों की बिक्री और खरीद पर मंदिर या मठ के पांच किलोमीटर के दायरे के प्रतिबंध को पूर्ण प्रतिबंध के रूप में ही देखा जा रहा है, क्योंकि राज्य में शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र है, जो किसी मंदिर/मठ के पांच किलोमीटर के दायरे में नहीं आता है.

इस मामले पर ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के विधायक और पार्टी महासचिव डॉ. हाफिज रफीकुल इस्लाम ने कहा कि कैबिनेट को यह तय नहीं करना चाहिए कि लोग क्या खाएंगे या क्या पहनेंगे? भाजपा गोवा में गोमांस पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती, वे पूर्वोत्तर राज्यों में गोमांस पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते, फिर असम में क्यों? हम इस निर्णय पर ज्यादा ध्यान नहीं देते.

वहीं, असम के दरांग-उदलगुरी से भाजपा सांसद दिलीप सैकिया ने कहा कि यह ऐतिहासिक फैसला है. जनता भी यही चाहती थी. इस फैसले को सांप्रदायिक नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि धार्मिक आस्था के प्रति सम्मान के तौर पर देखा जाना चाहिए. निजी तौर पर गोमांस खाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है.