वीरप्पा मोइली ने कहा, आधारभूत संरचना क्षेत्र की परियोजनाएं रुकीं, इनकी संख्या बढ़ रही है. ऐसे में विकास दर में बढ़ोत्तरी कैसे होगी?
नई दिल्ली: देश की अर्थव्यवस्था और आर्थिक की स्थिति को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि आर्थिक गतिविधियां रुक गई हैं और आधारभूत परियोजनाओं में प्रगति नहीं होने के कारण अर्थव्यवस्था में फिलहाल सुधार के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं.
दूसरी ओर भाजपा ने कहा कि जब वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी का सामना कर रही है तो इस सरकार में भारत करीब सात फीसदी की विकास दर बनाए हुए है.
लोकसभा में वर्ष 2017-18 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांग के दूसरे बैच पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सदस्य वीरप्पा मोइली ने कहा कि देश में अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब है, आधारभूत संरचना क्षेत्र की परियोजनाएं रुकी हुई हैं और ऐसी परियोजनाओं की संख्या बढ़ती जा रही है. अगर आधारभूत संरचना की परियोजना रुकी रहेंगी तो विकास दर में बढ़ोतरी की उम्मीद कैसे की जा सकती है.
छोटे कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं
नोटबंदी और जीएसटी का उल्लेख करते हुए मोइली ने कहा कि दोनों फैसले कुछ अंतराल पर किए गए जिससे अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा तथा मझोले और छोटे कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
मोइली ने आरोप लगाया कि मनरेगा, शिक्षा का अधिकार और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम को लेकर पर्याप्त राशि जारी नहीं की जा रही है जिससे जमीनी स्तर पर काम बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि मूडीज ने भारत की रेटिंग बढ़ाई, इसका हम भी स्वागत करते हैं, लेकिन इस एजेंसी ने भविष्य में विकास दर के सुधरने की बात की है और सरकार को वर्तमान आर्थिक हालत को समझना चाहिए.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार में आय में असामनता बढ़ी है, बैंकों के एनपीए बढ़े हैं तथा प्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष कर संग्रह में भी कमी आई है. उन्होंने दावा किया कि इन सब वजहों से ही आजकल इस सरकार को कारपोरेट की सरकार कहा जा रहा है.
भारत की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है
भाजपा के रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि मोदी सरकार के आने के बाद भारत की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है और दुनिया भर में इसकी तारीफ हुई है.
उन्होंने कहा कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजे इस बात के प्रमाण हैं ने जनता ने नोटबंदी और जीएसटी के फैसलों को अपना समर्थन दिया है.
निशंक ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी मोदी और देश की आर्थिक स्थिति की तारीफ की है. उन्होंने दावा किया कि आर्थिक विकास की गति के मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है.
जेटली अपना चेहरा बचाने वाले बयान दे रहे हैं
तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने भी केंद्र सरकार और वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधा. उन्होंने आज सीबीआई की एक अदालत द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम मामले में ए राजा, कनिमोझी समेत 17 आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि इसी मामले को आधार बनाकर ही भाजपा और नरेंद्र मोदी ने संप्रग के खिलाफ भ्रष्टाचार का अभियान छेड़ा था.
सौगत राय ने कहा, आज वित्त मंत्री अपना चेहरा बचाने वाले बयान दे रहे हैं लेकिन चेहरा बचा नहीं पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जेटली वित्त मंत्री के तौर पर पूरी तरह विफल रहे हैं और उनके कार्यकाल में लिए गए चार बड़े फैसले आम जनता के लिए नुकसानदायक साबित हुए हैं और इनसे देश में अनिश्चितता का माहौल बन गया है.
तृणमूल सांसद ने ये चार फैसले गिनाते हुए कहा कि नोटबंदी से देश में संकट पैदा हुआ. जीएसटी को हड़बड़ी में लागू किया गया. आधार को बैंक खातों आदि से लिंक करने की योजना भी परेशान करने वाली है और इसके बाद चौथा फैसला एफआरडीआई का है जिसके संबंध में सरकार विधेयक ला चुकी है.
लोग धन छिन जाने से भयभीत हैं
सौगत राय ने कहा कि एफआरडीआई संबंधी विधेयक को सरकार को वापस लेना चाहिए और आम आदमी का भरोसा जीतना चाहिए जो इस आशंका से भयभीत हैं कि एफआरडीआई को कानून बनाकर सरकार बैंकों में रखे उसके धन से भी उसकी आजादी को छीन लेगी.
उन्होंने आरोप लगाया, यह विधेयक मौजूदा सरकार के आईएमएफ जैसे पश्चिमी आकाओं की तरफ से आया है.
राय ने कहा देश में एक तरफ खेती का क्षेत्र संकट में है तो एमएसएमई क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर कम होते जा रहे हैं. देश की अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है.
भाजपा के रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि मोदी सरकार में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 400 अरब डॉलर के पार चला गया जो अपने आप में ऐतिहासिक उपलब्धि है.
भारत करीब सात फीसदी की विकास दर बनाए हुए है
उन्होंने कहा कि मनरेगा जैसे कार्यक्रम जमीनी स्तर पर पारदर्शी ढंग से चल रहा है और मजदूरों के खाते में सीधे पैसा जा रहा है. निशंक ने कहा कि जब दुनिया में बहुत सारे देश आर्थिक मंदी का सामना कर रहे हैं तो इस सरकार में भारत करीब सात फीसदी की विकास दर बनाए हुए है.
उन्होंने कहा कि जब कोई योजना लागू होती है तो थोड़ी-बहुत परेशानी आती है और यही जीएसटी में हुआ है. जीएसटी परिषद को सशक्त बनाया गया जिससे बहुत आसानी हुई है. उन्होंने देश में खोले गए सैकड़ों जन औषधिक केंद्रों का भी उल्लेख किया और कहा कि इससे आम जनता को सीधा फायदा पहुंचा है.
तेदेपा के मुरली मोहन मंगती ने चर्चा में भाग लेते हुए आंध्र प्रदेश राज्य पुनर्गठन आयोग के तहत राज्य के लिए केंद्र सरकार द्वारा घोषित विशेष पैकेज तथा विभिन्न परियोजनाओं के लिए आवंटित राशि को जारी किए जाने की मांग की.
पोलावरम परियोजना, अमरावती में नई राजधानी के निर्माण के लिए नई ढांचागत परियोजनाओं, तिरुपति के विकास तथा राज्य में रेल परियोजनाओं को सुदृढ़ किए जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश रेलवे के विकास में बहुत अधिक तरक्की नहीं कर पाया है और इसके लिए केंद्र सरकार को विशाखापट्टनम में एक नए रेल जोन की स्थापना करनी चाहिए.
तेलंगाना राष्ट्र समिति के जितेंद्र रेड्डी ने प्रदेश की कालेर परियोजना को एक राष्ट्रीय परियोजना के रूप में घोषित किए जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि तेलंगाना को पृथक राज्य गठन के तहत हर साल 450 करोड़ रुपये मुहैया कराने की जो व्यवस्था की गई थी, उसके तहत वर्ष 2017-18 की धनराशि अभी तक केंद्र की ओर से जारी नहीं की गई है. साथ ही उन्होंने तेलंगाना में एम्स की स्थापना के लिए भी धनराशि उपलब्ध कराए जाने की मांग की.
अब मंदिर भी एक उद्योग बन गया है
माकपा के मोहम्मद सलीम ने राजग सरकार को घोषणाओं की सरकार करार देते हुए कहा कि अगर अनुदान की अनुपूरक मांगें ही लानी हैं तो बजटीय प्रक्रिया का क्या औचित्य रह जाता है. सरकार का खर्चा बढ़ रहा है और राजस्व घट रहा है और विकास दर घट रही है.
उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में जो युवा झंडा लेकर मोदी मोदी के नारे लगाते हुए चल रहे थे आज वे हार्दिक पटेल बन गए हैं. उन्होंने साथ ही नोटबंदी को राजग सरकार का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार करार दिया और राम मंदिर भूमि विवाद की पृष्ठभूमि में आरोप लगाया कि सरकार के लिए अब मंदिर भी एक उद्योग बन गया है.
सलीम ने सरकार से सवाल किया कि क्या नोटबंदी एक मौद्रिक जुआ नहीं था? और सरकार को देश को बताना चाहिए उससे उसे क्या हासिल हुआ. बीजू जनता दल के भृतुहरि मेहताब ने राजग सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि विकास दर लगातार घट रही है और यह पिछले तीन साल में सबसे नीचे चली गई है. सरकार को इसका जवाब देना चाहिए.
उन्होंने ओडिशा का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य को दी जाने वाली कोयला रायल्टी की समीक्षा नहीं की गई है और इसके बजाय केंद्र सरकार ने स्वच्छ पर्यावरण उपकर को बढ़ा कर प्रदेश के खजाने पर और बोझ डाल दिया है.
अनुदान की अनुपूरक मांग संवैधानिक मामला, इसलिए कार्यवाही में हिस्सा लिया: खड़गे
पिछले कुछ दिनों से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ कथित टिप्पणी का मुद्दा संसद के दोनों सदनों में पुरजोर तरीके से उठाने वाली कांग्रेस ने गुरुवार को लोकसभा में अनुदान की अनुपूरक मांग पर चर्चा में हिस्सा लिया और कहा कि यह संवैधानिक मामला है इसलिए वह विरोध छोड़कर चर्चा में शामिल हो रही है.
लोकसभा में वर्ष 2017-18 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांग के दूसरे बैच पर चर्चा शुरू होने से पहले सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मनमोहन सिंह के खिलाफ जो टिप्पणी की गई, उस पर हमारा विरोध और वाकआउट जारी है, लेकिन यह संवैधानिक मामला है इसलिए हम चर्चा में भाग ले रहे हैं.
मनमोहन सिंह के खिलाफ कथित टिप्पणी का जिक्र किए जाने पर सत्तापक्ष के कुछ सदस्यों ने खड़गे को टोका. सिंह के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर कांग्रेस पिछले कुछ दिनों से संसद के दोनों सदनों में प्रधानमंत्री से माफी मांगने की मांग कर रही है. इसके कारण सदन का कामकाज बाधित रहा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)