नई दिल्ली: बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर कथित अत्याचार के खिलाफ रविवार (9 दिसंबर) को कोलकाता में आयोजित विरोध प्रदर्शन में ढाकाई जामदानी साड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, कोलकाता में साल्ट लेक इंटरनेशनल बस टर्मिनस पर बंगाली हिंदू सुरक्षा समिति द्वारा आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में बांग्लादेशी सामानों के बहिष्कार का आह्वान किया गया.
प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा, ‘हम बांग्लादेश में हिंदुओं को लगातार निशाना बनाए जाने और भारत के खिलाफ नफरत फैलाने वाले बयानों की निंदा करते हैं. हम चुप नहीं बैठेंगे और जामदानी साड़ियों को जलाने के साथ ही हम लोगों से बांग्लादेशी उत्पादों का बहिष्कार करने का आग्रह करते हैं.’
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया.
बीएनपी (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिजवी ने भी 5 दिसंबर को त्रिपुरा के अगरतला में बांग्लादेशी सहायक उच्चायोग पर हुए हमलों के विरोध में अपनी पत्नी की भारतीय साड़ी को आग के हवाले कर दिया था.
दुर्गापुर में बांग्लादेशी व्यापारियों को निशाना बनाया गया
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में भी ऐसी ही एक घटना देखने को मिली, जब दुर्गापुर महोत्सव में विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसमें दो व्यापारियों ने बांग्लादेशी झंडों के साथ साड़ियां बेचने के लिए स्टॉल लगाए थे.
स्थानीय पार्टी नेता लखन घोरुई के नेतृत्व में भाजपा द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जाने के बाद स्टॉल पर लगे झंडों की तस्वीरें हटा दी गईं, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी रही.
व्यापारियों में से एक शम्सुर रहमान ने कहा, ‘हम मेला समिति से चर्चा करने के बाद साड़ियां बेचने के लिए नारायणगंज, बांग्लादेश से आए थे. साड़ियों के लिए हमारे बैनर पर बांग्लादेशी झंडे का प्रतीक था. हमें इसे हटाने के लिए कहा गया, इसलिए हमने इसे हटा दिया.’
मेला समिति के सदस्य प्रबीर घोषाल ने कहा कि उन्होंने व्यापारियों से बैनर हटाने के लिए कहा क्योंकि ऐसी कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के कोलकाता, कांथी, काकद्वीप, संदेशखाली और पुरुलिया में हिंदू समूहों द्वारा आयोजित विभिन्न विरोध रैलियों में सैकड़ों लोग शामिल हुए और बांग्लादेश के हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई की मांग की.
कांथी में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए राज्य के विपक्ष के नेता सुभेंद्रु अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेश में बढ़ती कट्टरपंथी ताकतों के खिलाफ ‘सनातनी’ एकजुट हैं.
अधिकारी ने कहा, ‘1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में 30,000 भारतीय सैनिकों की शहादत को पड़ोसी देश के इस्लामवादियों ने भुला दिया है. आज की रैली सीमा पार के तत्वों के लिए एक चेतावनी है कि वे भड़काऊ बयानबाजी बंद करें.’
बांग्लादेशी समूहों द्वारा भारत विरोधी बयानों के बारे में पूछे जाने पर भाजपा नेता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल और संयुक्त राष्ट्र के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार सही समय पर उचित कदम उठाएगी.