मणिपुर में हिंसा जारी: बिहार के दो मजदूरों की गोली मारकर हत्या, पुलिस मुठभेड़ में एक उग्रवादी की मौत

पिछले साल 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से प्रवासी श्रमिकों पर यह दूसरा जानलेवा हमला है. इससे पहले अज्ञात हमलावरों ने इंफाल में एक 41 वर्षीय प्रवासी मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी थी और दो साथी श्रमिकों को घायल कर दिया था.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: X/@manipur_police)

नई दिल्ली: हिंसा प्रभावित मणिपुर में शनिवार (14 दिसंबर) को अज्ञात बंदूकधारियों ने बिहार के दो प्रवासी मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी. वहीं, एक अन्य घटना में पुलिस ने मुठभेड़ में एक 18 वर्षीय उग्रवादी को मार गिराया.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि मजदूरों की पहचान 18 वर्षीय सुनालाल कुमार और 17 वर्षीय दशरथ कुमार के रूप में हुई है. दोनों शनिवार शाम को मजदूरी कर साइकिल से वापस लौट रहे थे, जब उन्हें काकचिंग जिले के केइराक में अज्ञात हमालावरों ने गोली मार दी. दोनों बिहार के गोपालगंज जिले के राजवाही गांव के रहने वाले थे.

मालूम हो कि पिछले साल 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से प्रवासी श्रमिकों पर यह दूसरा घातक हमला है. इससे पहले इसी साल मई में अज्ञात हमलावरों ने इंफाल में एक 41 वर्षीय प्रवासी मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी थी और दो साथी श्रमिकों को घायल कर दिया था. वे सभी झारखंड के गोड्डा जिले के रहने वाले थे.

मुठभेड़ में एक उग्रवादी की मौत

थौबल जिले के सालुंगफाम मैनिंग लेइकाई में सालुंगफाम हाई स्कूल के पास इंफाल घाटी स्थित प्रतिबंधित समूह प्रीपाक के सात हथियारबंद हमलावरों ने पुलिस कमांडो की एक टीम पर गोलीबारी की. पुलिस ने मुठभेड़ के बाद इन हमलावरों पर काबू पा लिया और सातों को गिरफ्तार कर लिया. बाद में इनमें से एक लैशराम प्रेम की गोली लगने के कारण अस्पताल में मौत हो गई.

पुलिस के अनुसार, लैशराम प्रेम 13 अगस्त से लापता था और इस संबंध में युवक के परिवार ने पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई थी. वह प्रीपाक में शामिल होने के बाद काकचिंग खुनोउ में रह रहा था.

पुलिस को गिरफ्तार किए गए उग्रवादियों के पास से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद हुए हैं. इसमें दो इंसास राइफल (5.56 मिमी), एक अमोघ राइफल (5.56 मिमी), एक 303 राइफल, एक एसएलआर (7.62 मिमी), एक इंसास फोल्डिंग राइफल (5.56 मिमी) और भारी मात्रा में विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद और पांच मोबाइल फोन शामिल हैं.

पुलिस को संदेह है कि जब्त किए गए हथियार राज्य में जातीय हिंसा के शुरुआती चरणों के दौरान पुलिस शस्त्रागार से लूटे गए हथियारों का हिस्सा हैं.

गौरतलब है कि मणिपुर में संघर्ष शुरू होने के बाद से 250 से अधिक लोगों की मौत हो गई है, लगभग 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं, और पहाड़ी जिलों में कुकी-ज़ो आदिवासी समुदायों और इंफाल घाटी में मैतेई लोगों के बीच गहरे मतभेद उभरे हैं.