नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के वाराणसी में जिला प्रशासन द्वारा मुस्लिम बहुल इलाके मदनपुरा में सनातन रक्षा दल नामक समूह के दावे के बाद एक स्थानीय मंदिर को खोलने की मांग सिर उठा रही है. समूह का दावा है कि यह दो शताब्दी पुराना शिव मंदिर है जो 70 वर्षों से बंद है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला तब सामने आया जब मंदिर के बंद दरवाजे की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई. इसके बाद सनातन रक्षा दल के सदस्य उस स्थल पर पहुंचे और प्रशासन को इसकी जानकारी दी. समूह ने मंदिर खोलने की मांग की है ताकि वहां प्रार्थना की जा सके.
वाराणसी के पुलिस उपायुक्त गौरव बंसवाल ने कहा, ‘जिला प्रशासन को मंदिर के बारे में सूचित कर दिया गया है, और वे इस पर निर्णय लेने के लिए रिकॉर्ड की समीक्षा कर रहे हैं. किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा.’
डीसीपी ने कहा कि एहतियात के तौर पर मंदिर स्थल पर पुलिस की एक टीम तैनात की गई है.
एक स्थानीय निवासी ने बताया है कि मंदिर में लंबे समय से ताला लगा हुआ है क्योंकि कोई भी वहां पूजा के लिए नहीं आता है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सनातन रक्षा दल के प्रदेश अध्यक्ष, अजय शर्मा ने कहा कि संगठन ने जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से मंदिर खोलने और पूजा-अर्चना की अनुमति देने का अनुरोध किया है.
उन्होंने कहा, ‘मंदिर खुलने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि अंदर देवताओं की कोई मूर्ति है या नहीं. उन्होंने यह भी कहा कि सनातन रक्षा दल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने और निर्देश जारी करने का आग्रह किया है.
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते संभल जिला प्रशासन ने संभल में एक ‘प्राचीन मंदिर’ को फिर से खोल दिया है. कथित तौर पर यह मंदिर साल 1978 से बंद पड़ा था. कहा जा रहा है कि यह मंदिर बिजली चोरी के खिलाफ चल रहे अभियान के दौरान मिला.
मंदिर ‘विवादित’ शाही जामा मस्जिद के पास स्थित है, जहां पिछले महीने अदालत के आदेश पर सर्वेक्षण किया गया था, जिसके बाद इलाके में तनाव बढ़ गया था. आरोप है कि इस मस्जिद को एक हिंदू मंदिर को ध्वस्त करने के बाद बनाया गया था. 24 नवंबर को सर्वेक्षण को लेकर हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी.