विदेश में पढ़ने वाले भारतीयों की संख्या में 50% से अधिक की वृद्धि: सरकार

संसद में एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि साल 2019 में विदेश में पढ़ने वाले भारतीयों की संख्या 5,86,337 थी, जो 2023 में बढ़कर 8,92,989 हो गई. सबसे अधिक भारतीय छात्र अमेरिका, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम में हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: फेसबुक/University of Toronto)

नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को राज्यसभा को बताया कि पिछले पांच सालों में विदेश में पढ़ने वाले भारतीयों की संख्या में 52.2% की वृद्धि हुई है. साल 2019 में विदेश में पढ़ने वाले भारतीयों की संख्या 5,86,337 थी, जो 2023 में बढ़कर 8,92,989 हो गई.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि विदेश में रह रहे 8,92,989 भारतीय छात्रों में से सबसे बड़ा समूह अमेरिका में है, जहां 2,34,473 छात्र हैं, इसके बाद कनाडा में 2,33,532 और यूनाइटेड किंगडम (यूके) में 1,36,921 छात्र हैं.

शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2019 से विदेश में अध्ययन करने का विकल्प चुनने वाले भारतीयों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है, 2020 को छोड़कर, जब यह आंकड़ा 55.7% घटकर 2,59,655 रह गया था. यह गिरावट कोविड-19 महामारी के दौरान दुनिया भर में लगाए गए प्रतिबंधों के कारण थी, जिसके कारण 2019 और 2020 के बीच कई शैक्षणिक संस्थानों को कक्षाओं को पूरी तरह से ऑनलाइन करना पड़ा था.

केरल से सीपीआई (एम) सांसद वी. शिवदासन द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने एक लिखित जवाब में कहा कि शिक्षा मंत्रालय उच्च अध्ययन के लिए विदेश जाने वाले भारतीय छात्रों से संबंधित डेटा नहीं रखता है, लेकिन उसके पास गृह मंत्रालय (एमएचए) के आव्रजन ब्यूरो (बीओआई) द्वारा प्रदान की गई जानकारी है कि पिछले पांच वर्षों में विदेश जाने के दौरान कितने भारतीयों ने अपनी यात्रा का उद्देश्य ‘अध्ययन या शिक्षा’ बताया है.

सबसे अधिक संख्या में भारतीय छात्रों की मेजबानी करने वाले शीर्ष तीन देशों में से एक कनाडा है, जहां भारतीय छात्रों के नामांकन में 76% की वृद्धि हुई है, जो 2019 में 132,620 से बढ़कर 2023 में 233,532 हो गई है. यह वृद्धि दोनों देशों के बीच बढ़ते राजनयिक तनाव के बावजूद हुई है.

ये तनाव दिसंबर 2020 में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की भारतीय किसानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने वाली टिप्पणियों के बाद शुरू हुआ था. अक्टूबर 2023 में कनाडा ने भारत से 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया था, जब भारत सरकार ने उनकी डिप्लोमैटिक इम्युनिटी को रद्द करने और उनके परिवारों के लिए सुरक्षा वापस लेने की योजना की घोषणा की. अक्टूबर 2024 में स्थिति और बिगड़ गई जब दोनों देशों ने सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर आरोप-प्रत्यारोप के बीच एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया. बता दें कि 18 जून, 2023 को कनाडा में एक गुरुद्वारे के बाहर हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

हालांकि, इस वर्ष से कनाडा ने कुछ ऐसी नीतियों को अपनाया है, जिससे वहां अन्य विदेशी छात्रों के साथ-साथ भारतीय छात्रों की संख्या भी कम हो सकती है.

अमेरिका, जो एमआईटी, स्टैनफोर्ड, हार्वर्ड और यूसी बर्कले जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों का स्थान है, ने भारतीय छात्रों की संख्या में 91% की वृद्धि दर्ज किया, जो 2019 में 122,535 से बढ़कर 2023 में 234,473 हो गई.

इस बीच, यूनाइटेड किंगडम में 273.9% की नाटकीय वृद्धि देखी गई. साल 2019 में यूके में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 36,612 थी, जो 2023 में बढ़कर 136,921 हो गई. यह उछाल आंशिक रूप से 2021 में ग्रेजुएट रूट वीज़ा की शुरुआत से हुआ था, जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद काम करने के लिए दो साल (या पीएचडी स्नातकों के लिए तीन साल) तक यूके में रहने की अनुमति देता है.