उत्तर प्रदेश: भाजपा विधायक पर सामूहिक बलात्कार, धमकाने और धोखाधड़ी का मामला दर्ज

बदायूं के एक ग्रामीण ने विशेष एमपी/एमएलए अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि बिल्सी से विधायक हरीश चंद्र शाक्य और उनके सहयोगी दो साल से एक ज़मीन बेचने का दबाव डालते हुए धमका रहे थे. शिकायतकर्ता ने शाक्य पर उनकी पत्नी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है.

भाजपा विधायक हरीश चंद्र शाक्य. (फोटो: एक्स/@harishshakyabjp)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बदायूं में एक विशेष अदालत के निर्देश पर बिल्सी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक हरीश चंद्र शाक्य, उनके दो भाइयों और उनके 13 कथित सहयोगियों पर सामूहिक बलात्कार, धोखाधड़ी और जबरदस्ती दबाव डालने का मामला दर्ज किया गया है. 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 10 दिन पहले जारी अदालत के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने शनिवार को एफआईआर दर्ज की और कहा कि मामले की जांच शुरू कर दी गए है और सबूत इकट्ठाकिए जा रहे हैं.

भाजपा विधायक शाक्य को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है. उन्होंने उक्त आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि उन्हें पुलिस जांच पर पूरा भरोसा है. 

पुलिस के अनुसार, एक ग्रामीण ने विशेष एमपी/एमएलए अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि शाक्य और उनके सहयोगी साल 2022 से उनके परिवार पर बदायूं में एक प्रमुख स्थान पर एक जमीन बेचने के लिए दबाव डाल रहे हैं. जब शिकायतकर्ता के दादा और पिता ने जमीन बेचने से इनकार कर दिया, तब विधायक के सहयोगियों ने कथित तौर पर उन पर विधायक से मिलने का दबाव डाला. विधायक ने उन्हें 80 लाख रुपये प्रति बीघे की दर से कुल 17 करोड़ रुपये में जमीन बेचने के लिए मजबूर किया.  

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है, ‘हालांकि, दबाव में आकर उन्होंने 16.50 करोड़ रुपये में समझौता कर लिया. समझौते के अनुसार, 40 प्रतिशत राशि का अग्रिम भुगतान किया जाना था, शेष बिक्री पूरा होने पर देय था. परिवार को तुरंत एक लाख रुपये मिले, लेकिन कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया.’ 

दो दिन बाद विधायक के सहयोगियों ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता और उसके परिवार पर जमीन हस्तांतरित करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया. पुलिस ने शिकायतकर्ता का हवाला देते हुए कहा कि जब शिकायतकर्ता के परिवार के सदस्यों ने पूरी राशि का भुगतान नहीं होने तक बिक्री करने से इनकार कर दिया, तब उनके खिलाफ कथित तौर पर दो झूठे आपराधिक मामले दर्ज किए गए. 

शिकायतकर्ता ने विधायक के सहयोगियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनके परिवार पर ऐसे दस्तावेजों पर अंगूठे का निशान लगाने का दबाव बनाया, जिसमे जमीन की कीमत केवल 4 करोड़ रुपये लगाई गई थी. 

शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि जब उनकी पत्नी 17 सितंबर को मामले को निपटाने के लिए विधायक के कैंप कार्यालय में उनसे मिलने गई, तब उनका यौन उत्पीड़न किया गया. 

विधायक पर शिकायतकर्ता को हत्या और बलात्कार के झूठे मामले में फंसाने का भी आरोप लगाया गया है. 

स्थानीय थाना प्रभारी ने बताया है कि ‘मुकदमा सामूहिक बलात्कार, आपराधिक धमकी, धोखाधड़ी और अन्य आरोपों के तहत दर्ज किया गया है. सभी आरोपी बदायूं के निवासी हैं.’ 

उधर, पहली बार विधायक बने शाक्य ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि न तो उनका और न ही उनके सहयोगियों का भूमि सौदे से कोई संबंध है, जैसा कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है. उन्होंने यह भी दावा किया कि वह शिकायतकर्ता से कभी नहीं मिले हैं.