नई दिल्ली: पुलिस ने बताया कि संदिग्ध उग्रवादियों ने बुधवार (1 जनवरी) की सुबह मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले के कदंगबंद इलाके में फिर से हमला किया.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस अधिकारी ने बताया कि कांगपोकपी जिले में अपने पहाड़ी ठिकानों से उग्रवादियों ने अत्याधुनिक हथियारों से कई राउंड फायरिंग की और इंफाल पश्चिम जिले के निचले इलाके कदंगबंद इलाके में रात करीब 1 बजे बम फेंके.
क्षेत्र में तैनात गांव के वालिंटयर्स ने जवाबी फायरिंग की और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को इलाके में भेजा गया. पुलिस ने बताया कि गोलीबारी में किसी के घायल होने की खबर नहीं है.
उन्होंने बताया कि हमले के कारण कच्चे घरों में रहने वाले कई ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर भागना पड़ा.
मई 2023 में राज्य में हिंसा भड़कने के बाद से कदंगबंद इलाके में संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा कई हमले हुए हैं.
बिष्णुपुर और थौबल जिलों में हथियार जब्त
इस बीच, मणिपुर के बिष्णुपुर और थौबल जिलों में तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने हथियारों और गोला-बारूद का एक बड़ा जखीरा जब्त किया.
बुधवार को एक पुलिस बयान में कहा गया है कि बिष्णुपुर जिले के थोंगखोंगलोक गांव से सुरक्षा बलों ने मंगलवार (31 दिसंबर, 2024) को एक एसएलआर और एक मैगजीन, एक.303 राइफल, एक 12 बोर सिंगल बैरल बंदूक, दो 9 एमएम पिस्तौल और मैगजीन, एक दंगा रोधी बंदूक, दो इंसास एलएमजी मैगजीन, दो इंसास राइफल मैगजीन, चार हथगोले, एक डेटोनेटर, पांच दंगा रोधी गोले, गोला-बारूद और अन्य सामान जब्त किया.
सुरक्षा बलों ने थौबल जिले के लीशांगथेम इकोप पाट क्षेत्र से एक एंटी मैटेरियल राइफल (एएमआर) स्नाइपर, दो सिंगल बोल्ट एक्शन राइफल, तीन 9 एमएम पिस्तौल (देशी निर्मित), एक हैंड ग्रेनेड, चार एमके-13टी और गोला-बारूद जब्त किया.
पुलिस ने इससे पहले मंगलवार को इंफाल पूर्वी जिले में बंगाली क्रॉसिंग के पास मंत्रिपुखरी बाजार से जबरन वसूली में शामिल प्रतिबंधित संगठन कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीपुल्स वार ग्रुप) के एक सदस्य को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने बताया कि उसके पास से एक 9 एमएम पिस्तौल, मैगजीन, केसीपी (पीडब्ल्यूजी) की दो मनी रसीदें और अन्य सामान जब्त किया गया है.
कांगपोकपी में सुरक्षा बलों और कुकी महिलाओं के बीच झड़प
मणिपुर के कांगपोकपी जिले में कुकी-ज़ो महिलाओं के नेतृत्व में भीड़ की मंगलवार (31 दिसंबर) को सुरक्षा बलों के साथ झड़प हो गई, जिससे जातीय संघर्ष प्रभावित राज्य में नए सिरे से तनाव पैदा हो गया.
पुलिस ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह घटना थम्नापोकपी के पास उयोकचिंग में हुई, जब भीड़ ने सेना, बीएसएफ और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम की तैनाती को बाधित करने की कोशिश की.
उन्होंने कहा कि संयुक्त बलों ने न्यूनतम बल प्रयोग करके भीड़ को तितर-बितर कर दिया और अब स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने सामुदायिक बंकरों पर ‘जबरन कब्ज़ा’ करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों को इलाके पर नियंत्रण रखने और इलाके में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पहाड़ी की चोटी पर तैनात किया गया था.
स्थानीय लोगों ने दावा किया कि ट्विचिंग के सैबोल गांव में सुरक्षा बलों की कार्रवाई में कई लोग घायल हो गए, जो कुकी-नियंत्रित पहाड़ियों और मेईतेई-प्रभुत्व वाली इंफाल घाटी के बीच तथाकथित ‘बफर ज़ोन’ में स्थित है.
उन्होंने कहा कि स्थानीय महिलाएं सामुदायिक बंकरों पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा बलपूर्वक कब्जे के विरोध में एकत्र हुई थीं.
एक कुकी नेता ने आरोप लगाया कि स्थिति तब बिगड़ी, जब सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया.
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘यह युद्ध के मैदान जैसा था.’ उन्होंने आगे कहा, ‘हम अपनी चिंताओं को व्यक्त करने आए थे, युद्ध की रणनीति का सामना करने नहीं.’
घटना के बाद कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी (Committee on Tribal Unity-CoTU) ने केंद्रीय बलों की वापसी की मांग करते हुए इस क्षेत्र को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण सड़क, राष्ट्रीय राजमार्ग 2 को अनिश्चित काल के लिए अवरुद्ध कर दिया.
सीओटीयू के प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारे लोगों ने बहुत कष्ट सहा है. निहत्थी महिलाओं पर अत्यधिक बल का प्रयोग अस्वीकार्य है.’
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) की महिला शाखा ने दावा किया कि सुरक्षाकर्मियों द्वारा बल प्रयोग में कई महिलाएं घायल हो गईं.
इसमें कहा गया है, ‘यह घटना विशेष रूप से परेशान करने वाली है क्योंकि यह क्रिसमस-नए साल के दौरान हुई है, यह वह समय है जब लोग शांति, प्रेम और खुशी मनाने के लिए एक साथ आते हैं. इसके बजाय, सीआरपीएफ की कार्रवाइयों ने समुदाय में भय, आघात और पीड़ा ला दी है. चूंकि इसने कुकी-ज़ो समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, इसलिए सैबुल-ट्विचिन घटना पर दुनिया भर में कुकी-ज़ो समुदाय द्वारा बारीकी से नज़र रखी जाएगी.’
कुकी महिलाओं ने सुरक्षा बलों पर हमले का आरोप लगाया
कुकी महिला मानवाधिकार संगठन (KWOHR) ने आरोप लगाया कि सुरक्षा बलों ने कुकी महिलाओं को निशाना बनाया, जो विरोधी समुदाय द्वारा की जा रही बढ़ती हिंसात्मक गतिविधियों और इन बलों द्वारा उत्पन्न असुरक्षा के खिलाफ़ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रही थीं.
इसमें आरोप लगाया गया कि यह बेहद परेशान करने वाली बात है कि शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए ज़िम्मेदार इन केंद्रीय सुरक्षा बलों ने ऐसी कार्रवाइयों में भाग लिया है, जो कुकी-ज़ो समुदाय की पीड़ा को और बढ़ा रही हैं.
कुकी महिला संघ ने दावा किया कि सुरक्षा बलों की कार्रवाई ने न केवल लोकतंत्र और न्याय के सिद्धांतों को कमजोर किया है, बल्कि केंद्रीय अधिकारियों और कुकी समुदाय के बीच मौजूदा विश्वास की कमी को भी बढ़ाया है.
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने जातीय संघर्ष के लिए माफी मांगी
इससे पहले, साल के आखिरी दिन मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने 3 मई, 2023 से अपने राज्य में चल रहे जातीय संघर्ष-जिसमें कम से कम 258 लोग मारे गए और हजारों लोग बेघर हो गए, को लेकर खेद जताया और माफी मांगी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ‘यह पूरा साल बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा है. मुझे खेद है और मैं राज्य के लोगों से पिछले 3 मई से आज तक जो कुछ भी हुआ है, उसके लिए माफी मांगना चाहता हूं.’
उन्होंने कहा, ‘कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया. कई लोगों ने अपना घर छोड़ दिया. मुझे वाकई खेद है. मैं सभी पीड़ितों से माफी मांगना चाहता हूं. लेकिन अब पिछले तीन-चार महीनों में शांति की दिशा में जो प्रगति हुई है, उसे देखते हुए मुझे उम्मीद है कि नए साल 2025 के आते-आते राज्य में सामान्य स्थिति और शांति बहाल हो जाएगी.’
उन्होंने कहा, ‘और मैं राज्य के सभी समुदायों से अपील करना चाहता हूं – जो कुछ भी हुआ, वह हो चुका है. हमें पिछली गलतियों को माफ़ करना होगा और भूलना होगा तथा हमें एक नया जीवन शुरू करना होगा, एक शांतिपूर्ण मणिपुर, एक समृद्ध मणिपुर. सभी मान्यता प्राप्त 34-35 जनजातियों के साथ रहना और हमें भविष्य में भी साथ रहना चाहिए.’
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने बताया कि उक्त हिंसा में 200 से ज़्यादा लोगों की जान गई है. उन्होंने बताया कि 12,000 से ज़्यादा एफआईआर दर्ज की गई हैं, 600 से ज़्यादा आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया है और 5,600 हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए हैं, साथ ही 35,000 राउंड गोला-बारूद भी बरामद किया गया है.
उन्होंने कहा कि 2,058 विस्थापित परिवारों को उनके मूल घरों में बसाया गया है, जिनमें इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, कांगपोकपी और चूड़ाचांदपुर के इलाके शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि मणिपुर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर हिंसा को रोकने के लिए राज्य ने एनएच-2 (इंफाल-दीमापुर) और एनएच-37 (इंफाल-सिलचर वाया जिरीबाम) पर सुरक्षाकर्मियों की 17-18 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की हैं.