नई दिल्ली: अमेरिका की पुलित्जर पुरस्कार विजेता कार्टूनिस्ट एन टेल्नेस ने शुक्रवार (3 जनवरी) शाम को वाशिंगटन पोस्ट से अपने इस्तीफे का ऐलान किया. टेल्नेस का ये कदम अखबार द्वारा उनके एक कार्टून को अस्वीकार करने के बाद सामने आया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, टेल्नेस साल 2008 से वाशिंगटन पोस्ट के साथ कार्यरत हैं. उन्होंने शुक्रवार शाम एक सबस्टैक पोस्ट में अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए इसके पीछे एक कार्टून की अस्वीकृति का हवाला दिया. इस कार्टून में वाशिंगटन पोस्ट के मालिक जेफ बेजोस को अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने झुकते हुए दिखाया गया है.
इस कार्टून में कई अन्य अरबपतियों को भी दिखाया गया है, जिनमें मेटा के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, लॉस एंजिल्स टाइम्स के मालिक पैट्रिक सून-शियोंग और डिज्नी मसकट मिकी माउस भी शामिल हैं.
द टेलीग्राफ के अनुसार, टेल्नेस ने अपनी पोस्ट में बताया कि उन्होंने जो भी कार्टून प्रकाशन के लिए दिए हैं, उसके संबंध में उनके पास संपादकीय प्रतिक्रिया और सार्थक बातें सामने आई हैं, कुछ मतभेद भी आए. लेकिन अपने पूरे कार्यकाल के दौरान अब तक उन्होंने किसी भी कार्टून को सिर्फ इसलिए नहीं छोड़ा कि वो किस पर आधारित है या कौन इसके केंद्र में है.
टेल्नेस ने अपने कार्टून को अस्वीकार करने के निर्णय को ‘गेम चेंजर’ और ‘स्वतंत्र प्रेस के लिए खतरनाक’ बताया. टेल्नेनस ने कहा, ‘ये सही है कि ऐसा कई बार हुआ है कि कार्टून को अस्वीकार कर दिया गया है या संशोधन का अनुरोध किया गया है, लेकिन ये कभी भी कार्टून की टिप्पणी में निहित दृष्टिकोण के कारण नहीं हुआ.’
उन्होंने आगे कहा, ‘ऐसे लोग होंगे जो कहेंगे, ‘अरे, आप एक कंपनी के लिए काम करते हैं और उस कंपनी को कर्मचारियों से यह अपेक्षा करने का अधिकार है कि वे कंपनी के लिए जो अच्छा है उसका पालन करें’. यह सच है, सिवाय इसके कि हम उन समाचार संगठनों के बारे में बात कर रहे हैं जिनके सार्वजनिक दायित्व हैं और जो लोकतंत्र में स्वतंत्र प्रेस को बनाये रखने के लिए बाध्य हैं. ऐसे प्रेस संगठनों के मालिक उस स्वतंत्र प्रेस की सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार हैं – और एक तानाशाह शासक की कृपा पाने की कोशिश करने का नतीजा केवल फ्री प्रेस को कमज़ोर करना होगा.’
उन्होंने ये भी कहा कि एक संपादकीय कार्टूनिस्ट के रूप में उनका काम शक्तिशाली लोगों और संस्थानों को जवाबदेह ठहराना है. और ये पहली बार है जब उन्हें उनके संपादक ने वह महत्वपूर्ण काम करने से रोका है.
इस संबंध में द वाशिंगटन पोस्ट के ओपिनियन एडिटर डेविड शिप्ली ने अखबार के इस निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि कार्टून को अस्वीकार करने की वजह पूर्वाग्रह नहीं बल्कि संपादकीय विचार थे.
शिप्ली ने बताया कि अखबार ने हाल ही में टेल्नेस के कार्टून के समान विषय को संबोधित करते हुए एक कॉलम प्रकाशित किया था और प्रकाशन के लिए एक और व्यंग्य लेख निर्धारित किया था. ऐसे में जो एकमात्र पूर्वाग्रह था वो पुनरावृत्ति रोकने का था. शिप्ली ने कहा कि वह अखबार में टेल्नेस के योगदान का सम्मान करते हैं और उन्होंने शुक्रवार को उनसे बात कर इस इस्तीफे पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.