आंध्र प्रदेश: तिरुपति मंदिर के पास भगदड़ में कम से कम छह लोगों की मौत, टीटीडी ने माफ़ी मांगी

आंध्र प्रदेश के तिरुपति में 8 जनवरी की रात को तिरुमाला मंदिर दर्शन टिकट वितरण के दौरान मची भगदड़ में कम से कम छह श्रद्धालुओं की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए. भगदड़ को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए टीटीडी बोर्ड के एक सदस्य ने श्रद्धालुओं से इस घटना के लिए माफ़ी मांगी है.

दर्शन टिकट वितरण के दौरान मची भगदड़ में कम से कम छह श्रद्धालुओं की जान चली गई. (फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के तिरुपति में बुधवार (8 जनवरी) की रात को तिरुमाला मंदिर दर्शन टिकट वितरण के दौरान मची भगदड़ में कम से कम छह श्रद्धालुओं की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए. यह घटना उन काउंटरों पर हुई, जहां 9 जनवरी की सुबह तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर के दर्शनार्थियों के लिए वैकुंठ द्वार दर्शन टिकट जारी किए जाने थे.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी), जो मंदिर के संचालन की देखरेख करता है, के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना तब हुई, जब देश भर से आए बड़ी संख्या में श्रद्धालु तिरुमाला हिल्स पर भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में वार्षिक वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए टिकट लेने के लिए एकत्र हुए थे.

मालूम हो कि 10 दिवसीय वैकुंठ द्वार दर्शनम (मंदिर के उत्तरी प्रवेश द्वार से देवता के दर्शन) 10 जनवरी से शुरू हो रहा है. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने 9 जनवरी को वैकुंठ एकादशी उत्सव के लिए दर्शन टोकन वितरित करने के लिए विशेष काउंटर स्थापित किए थे.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मंदिर का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट ने बताया कि वैकुंठ एकादशी उत्सव के अवसर पर श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में दर्शन के लिए निःशुल्क टोकन वितरित करने के लिए तिरुपति के आठ केंद्रों पर 90 काउंटर स्थापित किए गए हैं, तथा भारी भीड़ को प्रबंधित करने के लिए व्यवस्था की गई है.

बुधवार की रात तिरुपति के बैरागीपट्टेडा में एमजीएम हाई स्कूल में भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए टोकन वितरित किए जाने के दौरान हुई भगदड़ में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए. यह स्कूल विष्णु निवासम मंदिर के पास स्थित है.

रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार सुबह से ही हजारों श्रद्धालु टिकट लेने के लिए काउंटरों पर जमा होने लगे थे और शाम तक धक्का-मुक्की शुरू हो गई. टीटीडी के अध्यक्ष बीआर नायडू ने कहा कि भगदड़ तब शुरू हुई जब एक महिला को बाहर निकालने के लिए गेट खोला गया, लेकिन वहां जमा हुए श्रद्धालुओं ने एक साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी.

घटना में मारे गए छह श्रद्धालुओं में तीन महिलाएं भी शामिल हैं. मृतकों में से एक महिला तमिलनाडु की थी.

इस बीच, मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि इससे वह बहुत दुखी हैं.

चंद्रबाबू नायडू ने एक्स पर तेलुगु में लिखे एक पोस्ट में लिखा, ‘तिरुपति में विष्णु निवासम के पास तिरुमाला श्रीवारी वैकुंठ द्वार के दर्शन के लिए टोकन लेने के लिए मची भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की मौत ने मुझे झकझोर कर रख दिया है. यह दुखद घटना, उस समय हुई जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु टोकन लेने के लिए एकत्र हुए थे, ने मुझे बहुत दुखी कर दिया.’

सीएम ने आगे कहा, ‘कुछ लोगों की हालत गंभीर होने की सूचना मिलने के बाद मैंने उच्च अधिकारियों को मौके पर जाकर राहत उपाय करने का निर्देश दिया है… ताकि घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सके और उनकी जान बचाई जा सके. मैं समय-समय पर जिला और टीटीडी अधिकारियों से बात कर रहा हूं और स्थिति का जायजा ले रहा हूं.’

इस बीच, वाईएसआरसीपी नेता और आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वेलमपल्ली श्रीनिवास ने राज्य सरकार की आलोचना की और आरोप लगाया कि वह तिरुपति में टिकट वितरण का प्रबंधन करने में विफल रही.

उन्होंने इस घटना के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया और मौतों को लापरवाही का नतीजा बताया. श्रीनिवास ने टीटीडी पर भक्तों के कल्याण से ज़्यादा वीआईपी सेवाओं को प्राथमिकता देने का भी आरोप लगाया.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, भगदड़ को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए टीटीडी बोर्ड के सदस्य भानु प्रकाश ने श्रीवारी (भगवान वेंकटेश्वर स्वामी) के भक्तों से इस घटना के लिए माफी मांगी.

उन्होंने कहा कि कुछ खामियां थीं और कड़ी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन खोई हुई जिंदगियां वापस नहीं लाई जा सकतीं.