नई दिल्ली: एक चौंकाने वाली घटना में झारखंड के धनबाद जिले के एक निजी स्कूल के प्रिंसिपल पर आरोप लगा है कि उन्होंने 10वीं की 100 से ज़्यादा लड़कियों को शर्ट उतारने का आदेश दिया क्योंकि उन्होंने शर्ट पर एकदूसरे के लिए संदेश लिखे थे.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, बोर्ड परीक्षा से पहले गुरुवार (10 जनवरी) को स्कूल में छात्रों का आखिरी दिन था और छात्राएं इसे अपने दोस्तों के साथ यादगार बनाना चाहती थीं. कक्षा 10 की छात्राओं ने एक-दूसरे की शर्ट पर शुभकामनाएं लिखीं. हालांकि, यह हरकत स्कूल प्रिंसिपल को पसंद नहीं आई और उन्होंने छात्राओं को अपनी शर्ट उतारने का निर्देश दिया और लड़कियां केवल ब्लेज़र पहनकर घर लौटीं.
क्या था मामला
यह घटना 10 जनवरी को जोड़ापोखर थाना क्षेत्र के एक स्कूल में हुई. बोर्ड परीक्षा से पहले अपने आखिरी दिन का जश्न मना रही छात्राओं ने एक-दूसरे की शर्ट पर विदाई संदेश लिखे.
शर्ट उतारने के बाद किसी भी छात्रा को शर्ट पहनने की अनुमति नहीं दी गई और घर जाते समय उन्हें ब्लेजर पहनने को कहा गया. सूत्रों के अनुसार छात्राएं रोती रहीं, स्कूल प्रशासन से गुहार लगाती रहीं लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया.
घर पहुंचने के बाद छात्राओं ने अपने अभिभावकों को पूरी बात बताई और स्कूल प्रिंसिपल पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया. इसके बाद अभिभावकों ने धनबाद की उपायुक्त माधवी मिश्रा के कार्यालय गए और स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
अभिभावकों ने कहा कि उनकी बेटियां इस घटना से बहुत दुखी हैं और उनका कहना है कि प्रिंसिपल को यह समझ में नहीं आया कि इसका छात्राओं के मानसिक स्वास्थ्य पर क्या असर होगा.
एक अभिभावक ने कहा, ‘वे सिर्फ़ पेन डे मना रहे थे और अगर स्कूल को ऐसा करने में कोई आपत्ति थी, तो पहले अभिभावकों को सूचित किया जाना चाहिए था. लेकिन, उन्हें शर्ट उतारकर घर भेज दिया गया. क्या हमारी लड़कियों का कोई सम्मान नहीं है? हम जानते हैं कि लड़कियों का इस तरह घर पहुंचना कितना शर्मनाक था. अगर लड़कियों ने कोई गलत कदम उठा लिया होता तो क्या होता? अभी उनकी बोर्ड परीक्षाएं हैं और वे पहले से ही मानसिक दबाव में हैं. इससे उनका तनाव और बढ़ गया है.’
अभिभावक स्कूल प्रिंसिपल की गिरफ्तारी और पद से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
इस बीच भारतीय जनता पार्टी की विधायक रागिनी सिंह भी अभिभावकों के साथ डीसी कार्यालय पहुंचीं और कार्रवाई की मांग की.
जांच के लिए समिति गठित
अखबार से बात करते हुए, मिश्रा ने कहा, ‘माता-पिता इस मामले को लेकर कलेक्ट्रेट में मुझसे मिलने आए और हमने एक समिति गठित की है जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी, समाज कल्याण अधिकारी, उप-विभागीय मजिस्ट्रेट और स्थानीय पुलिस स्टेशन शामिल हैं. आज, उन्होंने सीसीटीवी फुटेज की जांच की है लेकिन हम अभी भी समिति की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. रिपोर्ट में जो भी निष्कर्ष होगा, हम उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे.’
ख़बरों के मुताबिक, जांच समिति में सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी और एक सब-डिवीजनल पुलिस अधिकारी शामिल हैं.