नई दिल्ली: तिरुवनंतपुरम में छावनी पुलिस ने एक प्रमुख मलयालम समाचार चैनल के लिए काम करने वाले तीन पत्रकारों पर यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा (पॉक्सो) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है.
द हिंदू की खबर के मुताबिक, ये मामला हाल ही में संपन्न केरल राज्य स्कूल कला महोत्सव कार्यक्रम में चैनल के कवरेज से संबंधित है, जिसमें बाल प्रतिभागियों के साथ साक्षात्कार और बातचीत शामिल है.
छावनी के असिस्टेंट कमिश्नर स्टुअर्ट कीलर ने द हिंदू से पुष्टि की कि पुलिस ने चैनल के कंसल्टिंग संपादक अरुण कुमार और उनके सहयोगी शाबाज़ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने कथित अपराध में तीसरे मीडियाकर्मी की पहचान नहीं की है.
कीलर ने आगे बताया कि यह मामला कुछ विशेष शिकायतों पर आधारित है, जिनमें से एक शिकायत सरकारी बाल अधिकार संरक्षण एजेंसी द्वारा दी गई है.
उन्होंने कहा कि पुलिस ने पॉक्सो अधिनियम की धारा 11 और 12 के तहत एफआईआर दर्ज की है. ये धाराएं किसी बच्चे के यौन उत्पीड़न और ‘बच्चे के शरीर के किसी भी हिस्से या भागीदारी’ के सामाजिक या पारंपरिक मीडिया के माध्यम से प्रसारण से संबंधित हैं. इनमें तीन साल तक की कैद और जुर्माने की सजा का प्रावधान है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ये मामला इस कला महोत्सव में भाग लेने वाली एक स्कूली छात्रा से जुड़ा हुआ है, जिसमें उनके खिलाफ कथित तौर पर अभद्र इशारे (sexist gestures) और ‘द्विअर्थी’ टिप्पणियां की गईं, जिसके लिए पॉक्सो की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बताया गया है कि युवा महोत्सव के दौरान रिपोर्टर टीवी ने एक कार्यक्रम प्रसारित किया था, जिसमें पत्रकार शाबाज़ को कथित तौर पर प्रतियोगिता में भाग लेने वाली एक स्कूली छात्रा के प्रति कामुक इशारे करते देखा गया था. बाद में इसी से संबंधित एक टीवी कार्यक्रम में भी अरुण कुमार ने कथित तौर पर उसी लड़की के संबंध में ‘द्विअर्थी’ टिप्पणियां की थीं.
इस संबंध में सोशल मीडिया पर दो वीडियो भी वायरल हो रहे हैं, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है.
गौरतलब है कि पुलिस में ये मामला राज्य बाल कल्याण समिति की शिकायत के बाद दर्ज किया गया है. इससे पहले, केरल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए चैनल और उसके पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.