नई दिल्ली: मणिपुर में जारी हिंसा के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने शुक्रवार (17 जनवरी) को दिल्ली में कुकी-ज़ो काउंसिल के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और राज्य में शांति बहाली से जुड़ी परिस्थितियों पर चर्चा की.
रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कुकी- जो काउंसिल, जो विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों वाला एक नया निकाय है, को साफ संदेश दिया है कि किसी भी राजनीतिक बातचीत और समाधान की शुरुआत से पहले राज्य में हिंसा का पूरी तरह से अंत होना ज़रूरी है.
वहीं, काउंसिल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि हिंसा को दोनों पक्षों की ओर से समाप्त किया जाना चाहिए और सरकार को मेईतेई समुदाय से कुकी-ज़ो लोगों पर हमला रोकने का आग्रह करने की जरूरत है.
संगठन ने सरकार से जल्द से जल्द राजनीतिक बातचीत शुरू करने का भी आग्रह किया.
मालूम हो कि 3 मई 2023 से शुरू हुई मणिपुर की जातीय हिंसा ने अब तक 250 से अधिक लोगों की जान ले ली है. और 60,000 विस्थापित हो चुके हैं.
हिंसा के बाद मेइतेई और कुकी लोगों के बीच अलगाव अपने चरम पर है और दोनों समुदाय फिलहाल सुरक्षा बलों के बफर जोन द्वारा भौतिक तौर पर अलग हैं.
कुकी- जो काउंसिल की ओर से शुक्रवार की बैठक में चार प्रतिनिधियों को भेजा गया, जहां उन्होंने गृह मंत्रालय के एके. मिश्रा और इंटेलिजेंस ब्यूरो के राजेश कांबले से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने केंद्र के सामने अपनी चिंताओं और मांगों को उठाया.
डेक्कन हेराल्ड ने काउंसिल के प्रवक्ता गिन्ज़ा वुआलज़ोंग के हवाले से बताया कि जब उन पर हमले होते हैं, तो उनके पास आत्मरक्षा के अलावा कोई विकल्प नहीं होता.
गिन्ज़ा वुआलज़ोंग ने कहा, ‘हमसे शांति की अपेक्षा की जा रही है, लेकिन यह शांति दोनों पक्षों से होनी चाहिए. हम अपनी ओर से शांति बनाए रखने के लिए तैयार हैं लेकिन इसके लिए उचित माहौल बनाना होगा.’
काउंसिल ने गृह मंत्री अमित शाह को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले अपने समुदाय के लिए अलग प्रशासन और कुकी-जो के लिए एक अलग संघीय क्षेत्र के निर्माण की मांग को दोहराया गया है.
ज्ञात हो कि इस महीने की शुरुआत में परिषद ने कहा था कि उन्होंने कुकी-प्रभुत्व वाले चुराचांदपुर शहर में मणिपुर के राज्यपाल और पूर्व केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला से मुलाकात की थी. तब भल्ला ने इस बात पर जोर दिया था कि राजनीतिक समाधान से पहले राज्य शांति बहाल होनी चाहिए
इस संबंध में अक्टूबर में गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि मेईतेई, कुकी-ज़ो और नागा समुदाय के मणिपुर विधायकों के एक समूह ने राज्य में मौजूदा परिदृश्य पर चर्चा करने के लिए नई दिल्ली में मुलाकात की.
मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा था, “बैठक में सर्वसम्मति से राज्य के सभी समुदायों के लोगों से हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील करने का निर्णय लिया गया ताकि निर्दोष नागरिकों की कीमती जान न जाए.”
हालांकि, द हिंदू ने रिपोर्ट किया था कि कुकी-ज़ो विधायकों ने बाद में कहा था कि वे बैठक के दौरान अपने मेईतेई या नागा समकक्षों के साथ नहीं बैठे, बल्कि केवल केंद्र सरकार और भाजपा नेताओं के साथ बैठे थे.