केरल: कथित भ्रामक विज्ञापनों को लेकर अदालत ने रामदेव के ख़िलाफ़ अरेस्ट वॉरंट जारी किया

विज्ञापनों में दावा किया गया था कि पतंजलि आयुर्वेद के कुछ उत्पाद उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों का इलाज कर सकते हैं. जबकि ऐसे विज्ञापन डीएमआर अधिनियम के तहत प्रतिबंधित हैं.

बाबा रामदेव. (फोटो साभारः फेसबुक)

नई दिल्ली: स्वास्थ्य देखभाल संबंधित उत्पादों पर भ्रामक विज्ञापनों के लिए योग गुरु बाबा रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ केरल की एक अदालत ने जमानती गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया है. पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ केरल दवा नियामकों द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद अदालत द्वारा यह कदम उठाया गया. 

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, पलक्कड़ जिला अदालत ने पिछले गुरुवार (16 जनवरी) को वॉरंट जारी किया था. 

कन्नूर के नेत्र रोग विशेषज्ञ केवी बाबू द्वारा कई शिकायतें दर्ज कराए जाने के बाद, नवंबर 2023 में केरल के औषधि नियंत्रण विभाग ने राज्य भर में अपने कार्यालयों को ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, (डीएमआर अधिनियम) 1954 का उल्लंघन करने के लिए पतंजलि के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया था. 

विज्ञापनों में दावा किया गया था कि पतंजलि आयुर्वेद के कुछ उत्पाद उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों का इलाज कर सकते हैं. जबकि ऐसे विज्ञापन डीएमआर अधिनियम के तहत प्रतिबंधित हैं. 

शिकायतकर्ता केवी बाबू ने साल 2022 में केंद्र और राज्य के कई अधिकारियों से इस बारे में शिकायत की थी और जनवरी 2024 में प्रधानमंत्री कार्यालय को भी अपनी शिकायतें भेजी थीं. 

पलक्कड़ अदालत ने यह वॉरंट सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहने पर अवमानना ​​कार्रवाई की चेतावनी देने के बाद जारी किया है.