नई दिल्ली: कोटा में छात्रों द्वारा आत्महत्या के बढ़ते मामले के बीच राजस्थान सरकार में शिक्षा मंत्री का एक विवादित बयान सामने आया है. मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि हाल के वर्षों में कोटा में छात्र आत्महत्याओं के बढ़ते मामलों के पीछे छात्रों के बीच ‘प्रेम संबंध’ प्रमुख कारण है.
उनका यह बयान कोटा में जेईई मेंस की तैयारी करने वाले एक 17 वर्षीय छात्र के आत्महत्या के ठीक एक दिन बाद आया है.
इस बीच शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा, ‘आत्महत्या के कुछ मामले ऐसे हैं.. जो प्रेम प्रसंग से जुड़े होते हैं. कुछ छात्र प्रेम प्रसंग के कारण भी आत्महत्या कर लेते हैं. इसलिए, माता-पिता को अपने बच्चों की दैनिक गतिविधियों पर नज़र रखनी चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘बच्चा कहां जा रहा है.. क्या कर रहा है.. चाहे वह बेटा हो या बेटी, हम इस पर ध्यान नहीं देते. और जब हम नियंत्रण नहीं रखते तब बच्चे गलत दिशा में चले जाते हैं.’
‘मां बाप को सतर्क रहने की जरूरत है, मां बाप को बच्चों पर दबाव नहीं बनाना चाहिए. सारे बच्चों के दिमाग की क्षमता एक जैसी नहीं होती, इसलिए एक बच्चा जितना वजन झेल सकता है.. उतना ही उसके ऊपर डालना चाहिए,’ मंत्री ने कहा.
ज्ञात हो कि शिक्षा मंत्री दिलावर अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने राजस्थान के स्कूलों की शिक्षिकाओं के पहनावे के ऊपर विवादित टिप्पणी की थी. कई मौके पर राजस्थान के शिक्षा विभाग में उनके द्वारा दिए गए बयानों को वापस ले लिया गया है.
अब तक चार बच्चों ने जान दी
पुलिस के अनुसार, शुक्रवार (17 जनवरी) को कोटा में अपनी नानी के घर रहकर जेईई मेंस की तैयारी करने वाले क्लास 12वीं के एक छात्र ने आत्महत्या कर ली.
बताया गया है कि मृतक छात्र राजस्थान के बूंदी जिले का था और अपने माता-पिता की इकलौती संतान था. वह पिछले 3 वर्षों से कोटा में रह रहा था. घटना के दिन छात्र अपने ममेरे भाई के साथ देर रात तक पढ़ाई कर रहा था, उसके बाद उसका भाई दूसरे कमरे में सोने चला गया. सुबह जब वह वापस उसके कमरे में आया तो देखा कि छात्र ने फांसी लगा ली थी. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
कोटा में इस साल यह चौथा छात्र आत्महत्या का मामला है. इससे पहले शुक्रवार (17 जनवरी) को एक 18 वर्षीय कोचिंग छात्र ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. छात्र का शव उसके पीजी के कमरे में लटका हुआ पाया गया. ओडिशा का रहने वाला छात्र राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी के लिए कोटा आया था और विज्ञान नगर में रह रहा था.
इससे पहले आठ जनवरी को 20 वर्षीय जेईई अभ्यर्थी ने कोटा में अपने पीजी कमरे में पंखे से लटककर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. वह मध्य प्रदेश के गुना का रहने वाला था और मई 2023 से कोटा के एक कोचिंग संस्थान में जेईई की तैयारी कर रहा था. वहीं 7 जनवरी को हरियाणा का एक 19 वर्षीय छात्र अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाया गया था.
नीट और जेईई की तैयारी के लिए मशहूर कोटा अब अपनी चमक खो रहा है, जिसका अहम कारण है छात्रों के बीच आत्महत्या के बढ़ते मामले. बीते वर्ष कोटा में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के 17 छात्रों ने आत्महत्या कर ली थी, वहीं साल 2023 में यह आंकड़ा 26 था.
पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, कोटा में 2022 में 15, 2019 में 18, 2018 में 20, 2017 में 7, 2016 में 17 और 2015 में 18 छात्रों की मौत आत्महत्या से हुई है. 2020 और 2021 में छात्रों की आत्महत्या का कोई मामला सामने नहीं आया था, क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण कोचिंग संस्थान बंद हो गए थे या ऑनलाइन मोड पर चल रहे थे.