नई दिल्ली: शुक्रवार की सुबह शंभू बॉर्डर पर एक और प्रदर्शनकारी किसान की मौत हो गई, जिससे शंभू और खनौरी सीमा पर 13 फरवरी, 2024 को शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के बाद से अब तक मरने वालों की संख्या 36 हो गई है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक किसान परगट सिंह (65) अमृतसर जिले के कक्कड़ गांव के रहने वाले थे और उनके पास दो एकड़ जमीन थी. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर के अनुसार, परगट सुबह उठे और गिर पड़े. अन्य प्रदर्शनकारी उन्हें अस्पताल ले गए, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
बताया गया है कि विसरा रिपोर्ट के बाद मौत का कारण पता चलेगा. पंढेर ने परगट के परिवार के लिए 5 लाख रुपये का मुआवजा और नौकरी की मांग की. उन्होंने केंद्र सरकार से और लोगों की जान जाने का इंतजार न करने और प्रदर्शनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने का आग्रह किया.
द ट्रिब्यून के अनुसार, पंढेर ने सरकार से ऐसे परिवारों को मुआवजा देने के अलावा किसानों द्वारा विभिन्न बैंकों और निजी वित्तीय संस्थानों से उनके लिए गए ऋण को माफ करने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार को ऐसे विरोध प्रदर्शनों के दौरान मरने वाले लोगों के परिजनों को मुआवज़ा देने की नीति बनानी चाहिए. पिछले साल 13 फरवरी से खनौरी और शंभू बॉर्डर पर 40 से ज़्यादा किसान मर चुके हैं. हर बार हमें मुआवज़ा और कर्ज माफ़ी के लिए सरकार के सामने मामला उठाना पड़ता है.’
मालूम हो कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों सहित अपनी अन्य मांगों को लागू करवाने के लिए यहां किसान पिछले करीब एक साल आंदोलन कर रहे हैं.
किसानों की मुख्य मांग एमएसपी को कानूनी दर्जा दिलवाना है, जो लंबे समय से केंद्र सरकार और किसानों के बीच विवाद का विषय रहा है. किसानों का कहना है कि मोदी सरकार ने 2021 में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद एमएसपी को कानूनी दर्जा देने का वादा किया था, लेकिन इसे पूरा नहीं किया गया.