कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्रीय रोज़गार और कौशल विकास राज्य मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के बयान की निंदा करते हुए कहा कि उन्होंने संविधान का अपमान किया है.
केंद्रीय रोज़गार और कौशल विकास राज्य मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने बीते रविवार को कहा कि लोगों को अपनी पहचान अपनी जाति और धर्म से करनी चाहिए न कि ख़ुद को धर्मनिरपेक्ष बताना चाहिए. वह कर्नाटक के कोप्पल ज़िले में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे
हेगड़े ने कहा कि जो लोग दावा करते हैं कि वे धर्मनिरपेक्ष और सुधारवादी हैं, उनके माता-पिता और उनके ख़ून की कोई पहचान नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि संविधान में संशोधन के लिए यह उचित समय है.
द हिंदू की ख़बर के अनुसार, हेगड़े ने कहा, ‘अगर कोई ख़ुद की पहचान अपने धर्म से करता है चाहे वो व्यक्ति मुसलमान, ईसाई, ब्राह्मण, लिंगायत या हिंदू हो तो मुझे बहुत खुशी होगी लेकिन यदि वे कहते हैं कि वे धर्मनिरपेक्ष हैं तो ये परेशानी पैदा करने वाली बात है.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में कुछ महीने पहले ही केंद्रीय रोज़गार और कौशल विकास राज्य मंत्री का पद संभालने वाले अनंत कुमार ने कहा, ‘आज के समय में ‘मनुस्मृति पुरानी’ हो गई है और ‘आंबेडकर स्मृति’ के बारे में बात की जा रही थी. प्रगतिशील विचारक हमारे इतिहास, परंपरा और संस्कृति के बारे में कुछ नहीं जानते हैं. जिन लोगों ने ख़ुद ग़लती की है वे अपनी गलतियों के लिए दूसरों को दोष देने की कोशिश कर रहे हैं.’
द न्यूज़ मिनट की ख़बर के मुताबिक, कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में विपक्षी नेताओं और प्रगतिशील विचारकों के समूहों ने इस टिप्पणी के लिए हेगड़े की आलोचना की है. भारतीय छात्र संघ के छात्रों ने भी मंत्री की टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी धर्मनिरपेक्ष लोगों पर हेगड़े की टिप्पणी की निंदा की और कहा कि उन्होंने संविधान का अपमान किया. सिद्धारमैया ने कहां, ‘मैं उनके स्तर तक नहीं पहुंचना चाहता हूं. हम अपनी भाषा और संस्कृति जानते हैं. वह एक केंद्रीय मंत्री हैं, लेकिन ज़हर उगलते हैं.’
अनंत कुमार के इस बयान से दक्षिण भारतीय फिल्मों के प्रख्यात अभिनेता प्रकाश राज ने एक ट्वीट में कहा है, ‘माननीय अनंत कुमार हेगड़े आप एक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं, ऐसे में आप किसी के मां-बाप पर टिप्पणी कर इतना नीचे कैसे गिर सकते हैं?’
Mr Ananth Kumar Hegde …as an elected representative …how can u stoop down so low …by commenting on ones parenthood … #justasking pic.twitter.com/E3Z2CDrXJd
— Prakash Raj (@prakashraaj) December 25, 2017
इसके साथ अभिनेता ने अपने टि्वटर एकाउंट पर एक पत्र जारी कर कहा कि धर्मनिरपेक्ष होने का मतलब यह नहीं है कि किसी व्यक्ति को धर्म के आधार पर नहीं पहचाना जा सकता है. धर्मनिरपेक्षता का मतलब अलग-अलग धर्मों को स्वीकार कर उसका सम्मान करना होता है.
इसी महीने अभिनेता प्रकाश राज ने हिंदुत्व और धर्म को लेकर दिए अनंत कुमार हेगड़े के एक अन्य बयान पर भी उन्हें आड़े हाथों लिया था.
प्रकाश राज ने अपने ट्विटर अकाउंट पर अनंत कुमार हेगड़े का एक वीडियो क्लिप डाला था, जिसमें वह कह रहे हैं कि राष्ट्रवाद और हिंदुत्व दो अलग-अलग चीजें नहीं हैं बल्कि एक ही हैं. इस वीडियो में अनंत ये भी कहते हैं कि इस दुनिया से इस्लाम का सफाया कर देना चाहिए.
हालांकि यह पहली बार नहीं है कि भाजपा नेता हेगड़े ने अपनी टिप्पणियों से विवाद खड़ा किया है. बीते अक्टूबर में, हेगड़े ने राज्य सरकार को टीपू सुल्तान जयंती समारोह में ख़ुद को आमंत्रित नहीं करने की बात कहते हुए इस आयोजन को शर्मनाक बताया था.
एक ट्वीट में अनंत कुमार हेगड़े ने टीपू सुल्तान को क्रूर हत्यारे, नीच, कट्टरपंथी और सामूहिक बलात्कारी बताया था. न्यूज़ वेबसाइट स्क्रॉल के अनुसार उन्होंने कहा था, ‘आज सरकार टीपू सुल्तान की जयंती मना रही है शायद कुछ दिन बाद अजमल कसाब की जयंती भी मनाने लगे.’
हेगड़े राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य रह चुके हैं.
इन पर पहले भी इस्लाम के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने और भड़काऊ भाषण देने के लिए कार्यवाई की जा चुकी है. मार्च 2016 में हेगड़े ने अपने बयान में कहा था, ‘जब तक इस दुनिया में इस्लाम है तब तक आतंकवाद भी रहेगा.’