नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) निरंतर यह साबित करने में जुटी है कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से कम हिंदू पार्टी नहीं है. हिंदुत्व के मामले में कई मौकों पर भाजपा को आप से चुनौती भी मिल रही है.
विधानसभा चुनाव में हो रही गोलबंदी के बीच हरिनगर विधानसभा सीट पर अनोखा दृश्य सामने आया है. आप और भाजपा प्रत्याशी विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के हथियार वितरण कार्यक्रम में एक साथ नज़र आए हैं. विहिप के कार्यक्रम में दोनों ने एक साथ पूजा की और मिलकर जय श्रीराम के नारे लगाए.
‘शस्त्र दीक्षा’ में एक साथ शामिल हुए आप और भाजपा प्रत्याशी
गत मंगलवार (21 जनवरी) को हरिनगर क्षेत्र के सुभाष नगर स्थित दुर्गा मंदिर में विहिप ने साप्ताहिक हनुमान चालीसा पाठ में शस्त्र दीक्षा का आयोजन किया था. इस कार्यक्रम में आप प्रत्याशी सुरेंद्र सेतिया और भाजपा प्रत्याशी श्याम शर्मा ने एक साथ शिरकत की थी.
विहिप के केशवपुरम विभाग मंत्री सुमित अलघ और मंदिर कमेटी के सदस्यों ने दोनों प्रत्याशियों का माला पहनाकर स्वागत किया था. जब दोनों ने जय श्रीराम का जयघोष किया, मंदिर में सैकड़ों लोग मौजूद थे.
दोनों प्रत्याशियों की मौजूदगी में विहिप ने महिलाओं में कटार और पुरुषों में त्रिशूल का वितरण किया. इसके साथ ही विहिप ने पूरे सुभाष नगर में 2,100 हथियार बांटने का संकल्प लिया और वहां मौजूद सभी लोगों को राम नवमी की यात्रा में शस्त्र सहित शामिल होने का निमंत्रण दिया.
द वायर हिंदी दो अलग-अलग ख़बरों के माध्यम से पहले ही बता चुका है कि दिल्ली चुनाव के बीच विहिप बड़े पैमाने पर युवाओं में हथियार वितरण कर रहा है. विहिप का लक्ष्य 50,000 से अधिक युवाओं को त्रिशूल देने और 20,000 से अधिक युवतियों को कटार देने का है।
कौन साथ लाया?
इस दुर्गा मंदिर में पिछले ढाई-तीन वर्षों से प्रत्येक मंगलवार को हनुमान चालीसा के पाठ का आयोजन विहिप के सुभाष नगर प्रखंड अध्यक्ष सुदर्शन आनंद देवा कर रहे हैं. देवा के मुताबिक़ उन्होंने ही दोनों नेताओं को हनुमान चालीसा पाठ और शस्त्र दीक्षा समारोह में आमंत्रित किया था.
‘मेरे पास क़रीब दस हज़ार मतदाता हैं. मैं जिधर कहूंगा, वो वोट उधर जाएगा. मैं उन्हें बताया कि यहां आओगे तो कुछ मिलेगा. …दोनों आए. साथ में पूजा की. एक साथ जय श्रीराम के नारे लगाए.’ देवा कहते हैं.
देवा बताते हैं कि पिछले विधानसभा चुनाव में जब सुरेंद्र सेतिया कांग्रेस के टिकट पर चुनाव पर लड़ रहे थे, तब वह उनके चुनाव इंचार्ज थे. करीब 40 साल कांग्रेस को सेवा देने वाले देवा का पांच साल पहले पार्टी से मोहभंग हुआ और वह विहिप से जुड़ गए. उनका दावा है कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ भी काम किया है.
हालांकि वह जोड़ते हैं, ‘विचारधारा मेरी शुरू से हिंदुत्व वाली रही है. चाहे मैं कांग्रेस से जुड़ा रहा, विचारधारा यही थी.’
देवा श्री दुर्गा मंदिर के उपाध्यक्ष हैं. देवा हिंदुओं के कट्टर न होने पर अफ़सोस जताते हुए बताते हैं, ‘सिख दिल्ली में तीन-चार प्रतिशत हैं, मुसलमान 25 प्रतिशत होंगे, ये सब लोग कट्टर हो गए, हम क्यों नहीं हुए? इसका एक ही कारण है कि वे अपने धर्म स्थानों से जुड़े रहें, उनके बुजुर्ग उनको मस्जिद, गुरुद्वारे ले गए. हमारे बुजुर्ग हमें मंदिर नहीं ले गए.’
वह आगे बताते हैं, ‘मंदिर नहीं पहुंचेंगे तो प्रोग्राम कहां से मिलेगा? सिखों को गुरुद्वारों से प्रोग्राम मिल जाता है, मुसलमानों को मस्जिदों से, उन्हें वहां बता दिया जाता है कि किसे वोट डालना है. हमारे लोग मंदिर ही नहीं आते, कोई सुनने वाला ही नहीं है, प्रोग्राम किसे दें?’
साथ मंदिर पहुंचने पर क्या बोले प्रत्याशी?
द वायर हिंदी से बातचीत में भाजपा उम्मीदवार श्याम शर्मा ने आप प्रत्याशी सुरेंद्र सेतिया पर गंभीर आरोप आरोप लगाए. ‘मेरा प्रतिद्वंदी पैसे वाला है. भू-माफिया है. उसने आधे सुभाष नगर की विवादित जमीनें ख़रीद रखी हैं. वह पार्टियां बदलता रहता है.’
जब उनसे पूछा गया कि फिर सेतिया के साथ विहिप के कार्यक्रम में शामिल क्यों हुए? शर्मा ने जवाब दिया, ‘उसने भाजपा में घुसने की कोशिश थी, लेकिन पार्टी ने भगा दिया.’
हमने आप प्रत्याशी सुरेंद्र सेतिया से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने कॉल और मैसेज का जवाब नहीं दिया.
आप का ‘हिंदू-प्रेम’
चुनाव की शुरुआत में ही आप ने मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को 18,000 रुपये प्रति माह का मानदेय देने का वादा किया था, साथ ही भाजपा पर निशाना साधा कि वह जिन राज्यों में सरकार चला रहे हैं वहां ऐसी योजना लाकर पुजारियों का सम्मान नहीं किया जा रहा है.
इसके बाद विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी भाजपा को पत्र लिखकर पुजारियों के लिए मानदेय की मांग की.
इसी तरह मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्ली सरकार में केंद्र के प्रतिनिधि उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना पर हिंदू और बौद्ध मंदिरों को तोड़ने का आदेश देने का आरोप लगाया था. एलजी ने इनकार किया था और भाजपा को बयान जारी कर कहना पड़ा था कि ‘सीएम ऐसे बयान देकर दिल्ली का साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश की है.’
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा था, ‘सीएम झूठ बोल रही हैं कि दिल्ली में मंदिर तोड़ने की साजिश की जा रही है.’
इसी तरह रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों को लेकर आप और भाजपा के बीच चले आरोप-प्रत्यारोप में दोनों में से किसी दल ने भारतीय मुसलमानों के ख़िलाफ़ उपज रही नफ़रत को लेकर संवेदनशीलता नहीं बरती है.
कुछ बरस पहले केजरीवाल सरकार पर आरोप लगा था कि उन्होंने शाहीन बाग के आंदोलन और दिल्ली दंगे के वक्त इसने अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वाह नहीं किया.
हरिनगर का हाल
पिछले विधानसभा चुनाव में आप की राजकुमारी ढिल्लो हरिनगर विधानसभा से विधायक चुनी गई थीं. उन्हें 58,087 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर भाजपा के तजिंदर पाल सिंह बग्गा रहे थे, उन्हें 37,956 वोट मिले थे. तीसरा नंबर पर कांग्रेस से सुरेंद्र सेतिया थे, जिन्हें मात्र 10,394 वोट मिले थे.
इस बार भी आप ने राजकुमारी ढिल्लो का नाम फाइनल कर दिया था, लेकिन नामांकन से ठीक पहले उनका टिकट कट गया और सुरेंद्र सेतिया को मिल गया. डेढ़ महीने तक प्रचार कर चुकी ढिल्लो टिकट कटने से बागी हो गई हैं और निर्दलीय मैदान में हैं.
स्थानीय लोगों का मानना है कि ढिल्लो के बागी होने से भाजपा की स्थिति पहले से मज़बूत हुई है.
संघ-दीक्षित स्थानीय भाजपा नेता गगन साहनी ने पिछले दो विधानसभा चुनावों और एमसीडी चुनावों को विश्लेषित करते हुए कहा, ‘हमारे प्रचार अभियान में तो बहुत लोग आते हैं, लेकिन मतदान वाले दिन पता नहीं क्या हो जाता है. हमारा कोर वोट तो हमें मिल जाता है लेकिन ग्राफ़ बढ़ नहीं पा रहा है.’
साहनी ने कहा कि इस चुनाव में भाजपा राजकुमारी ढिल्लो को हवा दे रही है. साहनी और उनकी पत्नी 2017 और 2022 में भाजपा के टिकट पर एमसीडी का चुनाव लड़ चुकी हैं.
हरिनगर के शहरी इलाकों का हाल तो कमोबेश ठीक है, लेकिन विधानसभा क्षेत्र में तिहाड़ गांव जैसे ग्रामीण इलाके भी हैं, जहां बजबजाती नालियां और गंदगी है. सड़कें जर्जर हैं. आबादी गरीब है. और इसके दरमियान हथियार वितरण के आयोजन हो रहे हैं.