श्रीनगर: दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में सोमवार (3 फरवरी) को एक आतंकवादी हमले में सेना के एक पूर्व सैनिक की मौत हो गई और उनकी पत्नी और रिश्तेदार घायल हो गए.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह घटना कुलगाम के बेहिबाग गांव में हुई, जहां पूर्व सैनिक मंजूर अहमद वागे को नजदीक से गोली मार दी गई. हमले में उनकी पत्नी और उनकी बहन की बेटी भी घायल हो गईं.
अधिकारी ने कहा कि वागे को पेट में चोटें आईं थीं और उनकी पत्नी और उनकी बहन की बेटी को पैरों में चोटें आईं. हमलावर, जिनकी संख्या की पुलिस ने तत्काल पुष्टि नहीं की है, इलाके से भागने में सफल रहे.
अधिकारी ने अधिक विवरण दिए बिना कहा, ‘पीड़ितों को अस्पताल ले जाया गया, जहां वागे ने दम तोड़ दिया, जबकि उनकी पत्नी और लड़की की हालत स्थिर है.’
यह घटना बेहिबाग में एक सैन्य शिविर के करीब हुई, जो दक्षिण कश्मीर में सबसे बड़े सुरक्षा प्रतिष्ठानों में से एक है. अभी तक किसी भी उग्रवादी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.
घटना के बाद सुरक्षा बलों द्वारा हमलावरों की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया गया है, जो रिपोर्ट लिखे जाने तक जारी था. इलाके में स्वभाविक तौर पर बंदी देखी गई.
सूत्रों ने कहा कि वागे कश्मीर में उग्रवाद का मुकाबला करने के लिए 1990 के दशक की शुरुआत में सरकार द्वारा स्थापित नागरिक मिलिशिया इखवान के साथ काम कर रहे थे. बाद में वह प्रादेशिक सेना में शामिल हो गए थे. हालांंकि, इसकी जानकारी तत्काल तौर पर सामने नहीं आई कि उन्होंने सेना कब छोड़ी.
वागे की हत्या की उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने कड़ी निंदा की, जिन्होंने मृतक के परिवार के साथ एकजुटता व्यक्त की.
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, ‘मैं कुलगाम में श्री मंज़ूर अहमद वागे और उनके परिवार पर हुए जघन्य आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं. दुख की इस घड़ी में पूरा देश शोक संतप्त परिवार के साथ एकजुटता से खड़ा है. मैंने अधिकारियों को घायलों को सर्वोत्तम संभव उपचार प्रदान करने का निर्देश दिया है. उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं. मैं लोगों को आश्वासन देता हूं कि इस कायरतापूर्ण हमले के अपराधियों को जल्द ही सजा दी जाएगी.’
एक्स पर एक पोस्ट में अब्दुल्ला ने कहा, ‘कुलगाम में पूर्व सैनिक मंज़ूर अहमद वागे साहब की दुखद हत्या से गहरा दुख हुआ. उनके परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना, और उनकी घायल पत्नी और बेटी के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना. ऐसी जघन्य हिंसा की हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है और इसकी कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए. शांति और न्याय कायम रहे.’
लश्कर का प्रण
मालूम हो कि इस साल घाटी में किसी निहत्थे नागरिक की हत्या की यह पहली घटना है, जो पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) द्वारा जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हमले बढ़ाने के प्रण के कुछ दिनों बाद सामने आई है.
सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में लश्कर-ए-तैयबा के उप प्रमुख सैफुल्ला कसूरी को कथित तौर पर पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में एक सभा में दावा करते हुए दिखाया गया है कि ‘कश्मीर की सीमाएं’ बदल जाएंगी और इसके संचालक ‘अपने हमले तेज कर देंगे.’
इससे पहले 20 जनवरी को उत्तरी कश्मीर में हुई गोलीबारी में सेना का एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया था, जब ज़ालूरा के गुज्जरपति इलाके में एक संदिग्ध आतंकवादी ठिकाने के बारे में विशिष्ट इनपुट पर कार्रवाई कर रहे सुरक्षा बलों पर उग्रवादी द्वारा गोलीबारी की गई थी.
पीड़ित सिपाही पंगाला कार्तिक ने बाद में श्रीनगर के एक सैन्य अस्पताल में चोटों के कारण दम तोड़ दिया, जबकि ऑपरेशन बंद कर दिया गया था.
2019 में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद, पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट और द रेजिस्टेंस फ्रंट जैसे नए आतंकवादी संगठन संघर्ष स्थल पर आ गए हैं, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में सशस्त्र बलों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों को निशाना बनाकर हमलों की झड़ी लगा दी है.
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि दोनों संगठन जिनमें स्थानीय कश्मीरी आतंकवादी और विदेशी दोनों शामिल हैं, क्रमशः पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी संगठनों की शाखाएं हैं और यह रणनीति इस्लामाबाद द्वारा जम्मू-कश्मीर में चल रहे आतंकवाद से खुद को अलग करने का एक प्रयास है. .
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