अमेरिका से निर्वासित 104 भारतीय अमृतसर पहुंचे, ‘आप’ ने की पीएम मोदी से हस्तक्षेप की मांग

अमेरिकी सेना का विमान अमेरिका से निकाले गए 104 भारतीयों को लेकर अमृतसर पहुंच चुका है, जिसमें से सर्वाधिक 33-33 लोग गुजरात और हरियाणा के और 30 पंजाब के हैं. डिपोर्ट किए जाने वालों में 25 महिलाएं और 12 नाबालिग शामिल हैं.

हवाई अड्डे के बाहर निर्वासित लोगों का इंतजार करते मीडियाकर्मी. (फोटो: कुसुम अरोड़ा)

नई दिल्ली: अमेरिकी सेना का एक विमान (C-17) अमेरिका में ‘अवैध’ रूप से रह रहे भारतीयों को अमृतसर के गुरु रविदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतार चुका है. बुधवार (5 फरवरी) दोपहर करीब दो बजे विमान हवाई अड्डे के भारतीय वायुसेना स्टेशन पर उतरा. पहले इस विमान के सुबह पहुंचने की उम्मीद थी.

C-17 ने मंगलवार (4 फरवरी) दोपहर को टेक्सास के सैन एंटोनियो से रवाना हुआ था. विमान में चालक दल के 11 सदस्य और 45 अमेरिकी अधिकारी भी सवार हैं.

बताया गया है कि विमान में कुल 104 भारतीय हैं, इसमें से 33 गुजरात और हरियाणा के हैं. 30 पंजाब के हैं. दोदो उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ के हैं. तीन महाराष्ट्र के हैं. डिपोर्ट किए जाने वालों में 25 महिलाएं और 12 नाबालिग शामिल हैं, सबसे कम उम्र का यात्री सिर्फ चार साल का है. 48 लोग 25 साल से कम उम्र के हैं.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक़, पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पंजाब के 30 लोगों में से अधिकतर गुरदासपुर, अमृतसर और तरनतारन सहित माझा क्षेत्र से हैं, जबकि अन्य जालंधर, नवांशहर, पटियाला, मोहाली और संगरूर से हैं.

इस दौरान पंजाब पुलिस ने हवाई अड्डे पर सुरक्षा बढ़ा दी है. खबरों के अनुसार, पंजाब सरकार ने लोगों को राज्य के उनके स्थानों तक पहुंचाने के लिए मिनीबसों की व्यवस्था की है.

मीडिया से बातचीत में पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने बताया है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि निर्वासित लोगों का दोस्ताना तरीके से स्वागत किया जाएगा और हवाई अड्डे पर उनकी सहायता के लिए काउंटर लगाए जाएंगे.

राज्य पुलिस लगातार केंद्र सरकार के संपर्क में है और मौके पर ही निर्वासित लोगों के आपराधिक रिकॉर्ड की जांच भी गई है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘कोई भी शातिर अपराधी नहीं है.’

एनपीए ने राज्य सरकार को दी चेतावनी

नॉर्थ अमेरिकन पंजाबी एसोसिएशन (एनएपीए) ने को पंजाब सरकार से आग्रह किया है कि वह अमेरिका से निर्वासित किए जा रहे युवा लड़के और लड़कियों की सहायता के लिए एक पुनर्वास कोष स्थापित करे.

एनएपीए के कार्यकारी निदेशक सतनाम सिंह चहल ने पंजाब सरकार को चेतावनी दी कि अगर इस संकट से निपटने में लापरवाही बरती जाती है तो राज्य सरकार के लिए और अधिक समस्याएं पैदा होंगी, बेरोजगारी और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ेंगी, साथ ही अवैध गतिविधियों में संलिप्तता की संभावना बढ़ेगी.

‘आप’ की पीएम मोदी से हस्तक्षेप की मांग

द वायर से बात करते हुए आम आदमी पार्टी पंजाब के प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर हस्तक्षेप की मांग करेंगे. मोदी सरकार दावा करती है कि उसके अमेरिका के साथ अच्छे संबंध हैं, इसलिए हम पीएम मोदी से अनुरोध करेंगे कि वे अभी भी अमेरिका में फंसे लोगों की चिंताओं को उठाएं.

उन्होंने आगे कहा, ‘इसके अलावा, पीएम मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात भी होने वाली है, इसलिए केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए. चूंकि यह मामला सीधे केंद्र सरकार के अधीन है, उन्हें जवाब देना चाहिए. हमारे आप सांसद भी इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि युवाओं को निर्वासित कर दिया गया.

कांग्रेस ने दावा किया है कि अमेरिका से निकाले जा रहे भारतीयों कोहथकड़ी लगाई गई और अपमानित किया गया.

कांग्रेस पार्टी के मीडिया एवं प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने कहा, ‘अमेरिका से निर्वासित किए जा रहे भारतीयों को हथकड़ी लगाए जाने और अपमानित किए जाने की तस्वीरें देखकर एक भारतीय के तौर पर मुझे दुख होता है.

भारतीय सरकार की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि, पिछले महीने विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था, ‘अवैध प्रवास का संबंध अक्सर अन्य गैरकानूनी गतिविधियों से होता है. यह न तो वांछनीय है और न ही हमारी छवि के लिए लाभदायक. यदि हमारे किसी नागरिक को अमेरिका में अवैध रूप से पाया जाता है और उनकी नागरिकता की पुष्टि हो जाती है, तो हम उन्हें भारत वापस लाने के लिए तैयार हैं.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद ट्रंप ने भी कहा कि मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वे सही कदम उठाएंगेइसका मतलब है कि भारत अमेरिका से अवैध प्रवासियों को वापस लेने के लिए तैयार है.