नई दिल्ली: असम पुलिस ने लोकप्रिय पॉडकास्टर रणवीर अलाहाबादिया, कॉमेडियन समय रैना और तीन अन्य के खिलाफ ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो के दौरान ‘भद्दी टिप्पणियों ‘ को लेकर एफआईआर दर्ज की है. सोशल मीडिया से लेकर राजनीति के गलियारों तक इन अश्लील टिप्पणियों की चौतरफा आलोचना की जा रही है.
रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले के संबंध में मुंबई पुलिस ने पहले जांच की बात कही थी. हालांकि, तत्काल एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी. इंडियन एक्सप्रेस ने एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया था कि पुलिस द्वारा अलाहाबादिया और रैना को पूछताछ के लिए बुलाया गया है.
मालूम हो कि यूट्यूब पर अपने पॉडकास्ट ‘बीयर बाइसेप्स’ के नाम से मशहूर रणवीर अलाहाबादिया को 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड्स में ‘डिसरप्टर ऑफ द ईयर’ का पुरस्कार मिला था. उन्होंने कई मंत्रियों और राजनेताओं, मुख्य रूप से सत्तारूढ़ दल से संबंध रखने वालों के साथ वीडियो इंटरव्यू की एक श्रृंखला के लिए सुर्खियां बटोरी थीं.
वह ‘इंडियाज़ गॉट लेटेंट’ नाम के शो में अतिथि थे, जिसे रैना होस्ट करते हैं. कंटेंट क्रिएटर आशीष चंचलानी, जसप्रीत सिंह और अपूर्वा मखीजा (जिन्हें द रिबेल किड के नाम से भी जाना जाता है) भी इस एपिसोड का हिस्सा थे.
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद अलाहाबादिया ने अपनी टिप्पणी के लिए माफ़ी मांगी है और स्वीकार किया है कि उनकी टिप्पणी न केवल अनुचित थी, बल्कि मजाकिया भी नहीं थी.
ज्ञात हो कि गुवाहाटी के आलोक बरुआ ने इन पांचों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है. उनका मानना है कि इन टिप्पणियों ने ‘सार्वजनिक शालीनता को गंभीर नुकसान’ पहुंचाया गया है. इस संबंध में गुवाहाटी अपराध शाखा में आईटी अधिनियम, महिलाओं का अश्लील चित्रण (निषेध) अधिनियम, 1986 और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 79 (महिला की विनम्रता का अपमान करना), 94 (आपराधिक गतिविधियों के लिए बच्चों का उपयोग), 294 (अश्लील सामग्री का प्रकाशन और बिक्री) और 296 (सार्वजनिक स्थान पर अश्लील कृत्य करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि मामले की जांच चल रही है.
मालूम हो कि जिस वीडियो में ये आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई थीं, उसे क्रिएटर्स ने यूट्यूब से हटा लिया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुंबई पुलिस की एक टीम मुंबई के खार इलाके में हैबिटेट बिल्डिंग पहुंची थी, जहां इस शो की शूटिंग हुई थी. दो वकीलों आशीष राय और पंकज मिश्रा द्वारा मुंबई पुलिस को और राष्ट्रीय और महाराष्ट्र महिला आयोगों को दी गई एक लिखित शिकायत के आधार पर चार घंटे तक जांच की गई. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि शो में माता-पिता और महिलाओं के अंगों के खिलाफ अश्लील टिप्पणियां की गईं हैं.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्होंने वह वीडियो नहीं देखा है, जिसमें टिप्पणियां की गई हैं लेकिन उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमाओं के बारे में चेतावनी जरूर दी.
उन्होंने प्रेस से बात करते हुए कहा, ‘मुझे अश्लील टिप्पणियों के बारे में जानकारी मिली है लेकिन मैंने इसे अभी तक नहीं देखा है. बोलने की आज़ादी हर किसी के लिए है, लेकिन इसकी सीमाएं हैं. हमारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तब समाप्त हो जाती है जब हम किसी और की स्वतंत्रता का अतिक्रमण करते हैं… हमारे समाज में अश्लीलता को लेकर कुछ नियम हैं. अगर कोई उनका उल्लंघन करता है, तो यह बिल्कुल गलत है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.’
अभिव्यक्ति की आज़ादी पर बहस
उल्लेखनीय है कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19(1)(ए) सभी नागरिकों को अपने विचारों, राय और विचारों को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने का अधिकार देता है. इसमें भाषण, लेखन, मुद्रण, दृश्य प्रस्तुतीकरण या किसी अन्य माध्यम से स्वयं को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता शामिल है.
हालांकि, भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राष्ट्रों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध, सार्वजनिक व्यवस्था, शालीनता या नैतिकता, अदालत की अवमानना, मानहानि, अपराध के लिए उकसाना, या संसद की संप्रभुता और अखंडता के हितों के लिए इस अधिकार पर कुछ ‘उचित प्रतिबंध’ लगाए गए हैं.
इंडियाज़ गॉट लेटेंट पर की गई टिप्पणियों पर आपत्ति संभवतः सार्वजनिक व्यवस्था के साथ-साथ शालीनता और नैतिकता के ‘उचित प्रतिबंध’ के अंतर्गत आती है. हालांकि, कई लोगों ने सोशल मीडिया पर कहा है कि टिप्पणियां अश्लील थीं और इसकी आलोचना की जानी चाहिए, लेकिन इसके लिए पुलिस केस की आवश्यकता नहीं है, कुछ ने इसे सेंसरशिप का प्रयास कहा है.
लोगों ने यह भी सवाल किया है कि जब हास्य अभिनेताओं और प्रभावशाली लोगों पर ‘अशोभनीय’ टिप्पणियों के कार्रवाई की जा सकती है, तो राजनीतिक नेताओं को इससे बार-बार छूट कैसे मिल जाती है.
इस संबंध मं पत्रकार सोहित मिश्रा ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ‘रणवीर अलाहाबादिया और समय रैना का नाम लेना और उन्हें शर्मिंदा करना ठीक है, लेकिन मुंबई पुलिस इस मामले की जांच क्यों कर रही है? हम इतने अतिवादी क्यों हैं कि या तो इस तरफ हैं या उस तरफ? यह बयान आलोचना का पात्र है लेकिन आख़िरकार पुलिस क्या जांच करेगी? हमारे सांसद संसद में ‘कटुआ’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, मंत्री और नेता रोज नफरत भरे भाषण देते हैं, लेकिन उनके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.’
वकील चित्रांशुल सिन्हा के अनुसार, ‘यह बिल्कुल हास्यास्पद है. किसी की मूर्खता को अवैध नहीं माना जा सकता है और यह निश्चित रूप से अश्लील नहीं है. जो लोग नफरत भरे भाषण देते हैं वे छूट जाते हैं लेकिन बुरे चुटकुले आपको जेल पहुंचा देंगे.’
गौरतलब है कि रणवीर अलाहाबादिया और समय रैना भारत में सबसे लोकप्रिय इंटरनेट हस्तियों में शामिल हैं. अलाहाबादिया के यूट्यूब चैनल ‘बीयर बाइसेप्स’ के 8.2 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं, जबकि रैना के 7.4 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं. उनका शो, इंडियाज़ गॉट लेटेंट, भारत में इंटरनेट पर सबसे ज्यादा देखी जाने वाली श्रृंखला में से एक है, जिसके प्रत्येक एपिसोड को 20-40 मिलियन से अधिक बार देखा जाता है.
इस मामले में शामिल अन्य लोगों के भी सोशल मीडिया पर काफी फॉलोअर्स हैं. इंस्टाग्राम पर आशीष चंचलानी के 17.2 मिलियन फॉलोअर्स हैं; इंस्टाग्राम पर अपूर्वा मखीजा के 2.7 मिलियन और जसप्रीत सिंह के 709 हज़ार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं.