मणिपुर: सीआरपीएफ जवान ने दो सहकर्मियों की हत्या, कई को घायल कर आत्महत्या की

मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले के लामसांग में सीआरपीएफ के एक जवान ने कथित तौर पर गोलीबारी की, जिसमें दो सहकर्मियों की मौत हो गई और आठ अन्य घायल हो गए. गोलीबारी के पीछे का कारण अभी तक पता नहीं चला है और अधिकारियों ने घटना की जांच शुरू कर दी है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: एक्स/@manipur_police)

नई दिल्ली: इंफाल पश्चिम के लामसांग में गुरुवार (13 फरवरी) को एक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) जवान ने कथित तौर पर गोलीबारी की, जिसमें दो सहकर्मियों की मौत हो गई और आठ अन्य घायल हो गए.

मणिपुर पुलिस के अनुसार, यह घटना रात करीब 8 बजे सीआरपीएफ शिविर के अंदर हुई और घायल जवान एफ-120 कंपनी सीआरपीएफ के थे.

मणिपुर पुलिस ने एक्स पर लिखा, ‘आज रात करीब 8 बजे एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में इंफाल पश्चिम जिले के लामसांग में एक सीआरपीएफ कैंप के अंदर एक संदिग्ध हत्या का मामला सामने आया, जिसमें एक सीआरपीएफ जवान ने अपने ही सीआरपीएफ के दो साथियों पर गोली चला दी, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई और 8 अन्य घायल हो गए. बाद में उन्होंने भी सर्विस हथियार का इस्तेमाल करके आत्महत्या कर ली. ये जवान एफ-120 कॉय सीआरपीएफ के थे. पुलिस और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं.’

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, आरोपी का नाम संजय कुमार है. उन्होंने अपनी बंदूक से गोली चलाई जिससे बल के एक कॉन्स्टेबल और एक सब-इंस्पेक्टर की मौके पर ही मौत हो गई.

गोलीबारी के पीछे का कारण अभी तक पता नहीं चला है और अधिकारियों ने घटना की जांच शुरू कर दी है. सीआरपीएफ ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.

इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के 13 फरवरी को इस्तीफ़ा देने के कुछ दिनों बाद राज्य को राष्ट्रपति शासन के अधीन कर दिया है. राष्ट्रपति शासन लागू होने के साथ राज्य के निवासी 23 वर्षों के बाद केंद्र सरकार के प्रत्यक्ष शासन के अधीन होंगे.

मणिपुर में कुकी और मेईतेई दोनों समुदायों ने बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग की थी और उन्हें 3 मई, 2023 से शुरू हुई जातीय हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया था. हिंसा में 250 से अधिक लोगों की जान चली गई, 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए और गांवों, चर्चों और अस्पतालों को बर्बाद कर दिया.