नई दिल्ली: दक्षिणी तमिलनाडु के शिवगंगा जिले के एक सरकारी कॉलेज में पढ़ने वाले 20 वर्षीय दलित युवक पर बुधवार (12 फरवरी) को मोटरसाइकिल चलाने पर तीन सवर्ण हिंदुओं ने हमला कर दिया, जिसमें पीड़ित को कई चोटें आईं.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार (13 फरवरी) को तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया और मनमदुरै एसआईपीसीओटी पुलिस ने पीड़ित की मां चेल्लम्मल की शिकायत के आधार पर हत्या के प्रयास और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए.
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि मनमदुरै के पास मेलापीडावूर के निवासी और राजा दुरईसिंगम गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंस में गणित के तीसरे वर्ष के छात्र अय्यासामी शाम 6 बजे के आसपास अपनी बाइक से घर लौट रहे थे, जब तीन लोगों – विनोद कुमार (21), आदिस्वरन (22) और वल्लारसु (21) ने उन्हें रोका और उनके आगे बाइक चलाने के लिए उनसे पूछताछ की. उनके बीच बहस हुई और हमलावरों में से एक ने एक ‘वाल’ (तलवार के आकार का हथियार) निकाला और अय्यासामी पर हमला किया, जिसमें उनके हाथों पर कई चोटें आईं.
घबराए हुए अय्यासामी घटनास्थल से भागकर अपने घर चले गए. उनकी मां उन्हें अस्पताल ले गईं. प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें 108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा में शिवगंगा सरकारी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें मदुरै के सरकारी राजाजी अस्पताल में रेफर कर दिया.
पुलिस ने बताया कि तीनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, परिवार के सदस्यों द्वारा अय्यासामी को अस्पताल ले जाने के बाद कथित उच्च जाति के हिंदुओं ने दलित परिवार के घर में तोड़फोड़ की.
अय्यासामी के रिश्तेदार मुनियासामी ने कहा कि गांव में जातिगत भेदभाव लंबे समय से व्याप्त है, उन्होंने परिवार के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि इलाके में दलितों के साथ बार-बार भेदभाव किया जाता है, उन्हें आम सड़कों का इस्तेमाल करने से रोका जाता है और आरामदायक घरों या वाहनों के मालिक होने के लिए जातिगत गालियां दी जाती और दुर्व्यवहार किया जाता है. मुनियासामी ने बताया कि जब वे दोमंजिला माकन बनवा रहे थे, तब उन्हें भी इसी तरह के उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था.
पीड़ित छात्र के पिता बूमीनाथन ने कहा कि इलाके में उनके ‘बुलेट’ बाइक चलाने से सवर्ण हिंदू खुश नहीं थे. पहले भी एक मौके पर उन्होंने बाइक को क्षतिग्रस्त कर दिया था.
‘समाज को झकझोर दिया’
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना की निंदा करते हुए पीपुल्स वॉच मदुरै के कार्यकारी निदेशक और अधिवक्ता हेनरी टिपाघने ने कहा कि तमिलनाडु सरकार इस तरह की हिंसा को खत्म करने में सक्षम नहीं है.
उन्होंने कहा कि हाशिए पर पड़े लोगों के खिलाफ़ इस तरह के बार-बार होने वाली घटनाएं सामाजिक उथल-पुथल का कारण बनेंगे. जब युवाओं का एक समूह लापरवाही से हथियारों का इस्तेमाल करता है, तो इससे समाज में उथल-पुथल मच जाती है. सरकार को, चाहे कोई भी सत्ता में हो, ऐसे हमलों से सख्ती से निपटना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ये हमले रुकें और सामाजिक न्याय कायम रहे.
मानवाधिकार अधिवक्ता आर. सत्यमूर्ति ने कहा कि स्कूल परिसरों में अनुसूचित जातियों के खिलाफ दुर्व्यवहार की खबरें हैं. कॉलेज के छात्र पर हमले की घटना हैरान करने वाली है. सामाजिक न्याय की रक्षा का दावा करने वाली सरकार गंभीर नहीं दिख रही है. उसे युवा पीढ़ी से हिंसा छोड़कर एकजुट होने का आह्वान करना चाहिए.
एक गैर-सरकारी संगठन एविडेंस मदुरै की एक फैक्ट-फाइडिंग टीम ने गुरुवार (13 फरवरी) को मनमदुरै का दौरा किया और इसके कार्यकारी निदेशक ए. कथिर ने कहा कि आरोपियों में से एक ने अप्रैल 2024 में पीड़ित अय्यासामी को इसी तरह से छेड़ा था. जब इस मामले की सूचना पुलिस को दी गई, तो आरोपी की मां ने अपने बेटे की ओर से अधिकारियों से माफ़ी मांगी थी. अब, उसी आरोपी ने आपराधिक अपराध किया है.