कुशीनगर: मदनी मस्जिद ध्वस्तीकरण पर यूपी सरकार के ख़िलाफ़ अवमानना ​​नोटिस जारी

बीते नौ फरवरी को कुशीनगर ज़िला प्रशासन ने अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए हाटा में मदनी मस्जिद के एक हिस्से को तोड़ दिया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जिलाधिकारी के ख़िलाफ़ शीर्ष अदालत के नवंबर 2024 के एक फैसले का उल्लंघन करने के लिए अवमानना ​​​​नोटिस जारी किया है.

कुशीनगर जिला प्रशासन ने अवैध कब्जे और अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए 9 फरवरी को मदनी मस्जिद के एक हिस्से को तोड़ दिया था. (फोटो: मनोज सिंह/द वायर)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (17 फरवरी) को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिलाधिकारी के ख़िलाफ़ शीर्ष अदालत के नवंबर 2024 के एक फैसले का उल्लंघन करने के लिए अवमानना ​​​​नोटिस जारी किया है.

ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2024 के अपने फैसले में देश भर में बिना पूर्व सूचना के बुलडोज़र की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. इस आदेश के विपरीत नौ फरवरी को कुशीनगर में कथित तौर पर जिला प्रशासन के आदेश पर एक मस्जिद के कुछ हिस्से को तोड़ दिया गया है.  

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने कुशीनगर जिला प्रशासन पर 18 मार्च को अगली सुनवाई तक और तोड़फोड़ करने से रोक लगा दी है. 

अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘यह प्रस्तुत किया गया है कि इन परिसरों में जो तोड़फोड़ की गई है, वह इस अदालत द्वारा जारी निर्देशों की घोर अवमानना ​​है. नोटिस जारी किया जाए कि प्रतिवादी (डीएम) के खिलाफ अवमानना ​​की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए.’ 

कुशीनगर जिला प्रशासन ने अवैध कब्जे और अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए 9 फरवरी को हाटा में मदनी मस्जिद के एक हिस्से को तोड़ दिया था. 

मदनी मस्जिद के मुख्य प्रशासक हाजी हामिद खान ने प्रशासन की कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए कहा था कि मस्जिद को झूठे आधार पर गिराया किया गया है. उन्होंने कहा कि मस्जिद की भूमि पंजीकृत है, और इसका निर्माण नगर पालिका की अनुमोदित योजनाओं के अनुसार किया गया था. और नगर पालिका द्वारा भेजी गई नोटिस का भी जवाब दिया गया था.

मस्जिद से जुड़े लोगों ने आरोप लगाया है कि उन्हें ‘अनधिकृत’ निर्माण (मस्जिद का हिस्सा) को हटाने के संबंध में नगर पालिका से कोई निर्देश नहीं मिला था.