मध्य प्रदेश: शादी का पंजीकरण कराने गए अंतरधार्मिक दंपति के साथ कोर्ट में मारपीट

रीवा जिला अदालत में एक मुस्लिम पुरुष और हिंदू महिला शादी का पंजीकरण कराने पहुंचे थे, जिसे लेकर कुछ वकीलों ने ‘लव जिहाद’ का आरोप लगाया और उनके साथ मारपीट की. इस महीने की शुरुआत में भोपाल के एक कोर्ट में भी अंतरधार्मिक जोड़े के साथ बदसलूकी हुई थी.

रीवा जिला अदालत. (फोटो साभार: https://rewa.dcourts.gov.in/)

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के रीवा में जिला अदालत के अंदर एक अंतरधार्मिक दंपति पर कथित तौर पर हमला किया गया – इस महीने ऐसी यह दूसरी घटना है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि मुस्लिम पुरुष और हिंदू महिला अपनी शादी का पंजीकरण कराने आए थे. पुलिस ने कहा कि विवाद तब शुरू हुआ जब दोनों एक वकील के चैंबर में गए और बुर्का पहने महिला ने अपना नाम बताया. पुलिस ने बताया कि गड़बड़ी की आशंका के चलते कुछ वकीलों ने व्यक्ति का आधार कार्ड मांगा और उनकी धार्मिक पहचान पता चलने पर उन पर ‘लव जिहाद’ का आरोप लगाया और उसके साथ मारपीट की.

वकीलों की हड़ताल के कारण अदालती कार्यवाही पहले ही दिन के लिए रोक दी गई थी, जिससे अधिवक्ता अपने कक्षों में पुरानी फाइलों को निपटाने में लगे रहे. जैसे ही विवाद बढ़ा, कथित तौर पर और वकील भी इसमें शामिल हो गए और उस व्यक्ति पर हमला तेज़ कर दिया.

इसके बाद स्थानीय पुलिस को सूचित किया गया और सिविल लाइंस एसएचओ कमलेश साहू तीन पुलिसकर्मियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. बताया गया है कि साहू ने कोर्ट परिसर में गुस्साई भीड़ देखी और जोड़े को बचाने के लिए भीड़ में घुस गए.

साहू ने अखबार को बताया, ‘महिला का नाम हिंदू था, लेकिन उसने बुर्का पहना हुआ था, इसलिए वे गुस्सा हो गए. वह एक ऊंची मानी जाने वाली जाति के परिवार से ताल्लुक रखती है. उनके साथ मारपीट की जा रही थी और उन्हें धक्का दिया जा रहा था.’

साहू और उनकी टीम ने उस आदमी को बाहर निकालने में कामयाब रहे, जिसकी शर्ट फटी हुई थी, जबकि महिला को पुलिस जीप में निकटतम सेफ हाउस ले जाया गया. उन्होंने कहा, ‘वे एक साल से अधिक समय से रिलेशनशिप में हैं और शादी करना चाहते थे. आदमी एक मज़दूर के तौर पर काम करता है और उनके माता-पिता अब तक आगे नहीं आए हैं. हम उन्हें बचाने में कामयाब रहे, और यही अब मायने रखता है.’

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक कुमार ने कहा, ‘हमने उस व्यक्ति पर हमला करने के लिए अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. वह शिकायत लेकर आगे आया है. हम वकीलों की भूमिका की भी जांच कर रहे हैं. कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और वकीलों द्वारा उस व्यक्ति के खिलाफ कोई जवाबी शिकायत नहीं की गई है.’

रीवा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट डीएस ओझा ने कहा, ‘इस घटना का वकीलों से कोई लेना-देना नहीं है. वे सिर्फ़ प्रस्तावित अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.’

बार एसोसिएशन के सदस्य एडवोकेट आदर्श दुबे ने कहा, ‘वह व्यक्ति दोपहर करीब 3:30 बजे शादी करने आया था. वकीलों ने बीच-बचाव किया और पुलिस को बुलाया. कोई मारपीट नहीं हुई. उन्हें किसी और ने घायल किया होगा.’

उल्लेखनीय है कि इस महीने की शुरुआत में भोपाल की एक अदालत में अपनी शादी को पंजीकृत कराने गए एक अंतरधार्मिक जोड़े को दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों ने निशाना बनाया, जिन्होंने उस व्यक्ति पर हमला किया और उस पर ‘लव जिहाद’ का आरोप लगाया.

बाद में पुलिस ने महिला को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने के आरोप में उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया.