नई दिल्ली: असम माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कक्षा 10 की सामाजिक विज्ञान परीक्षा में पूछे गए एक प्रश्न ने शुक्रवार को हलचल मचा दी, सोशल मीडिया यूजर्स के एक वर्ग ने इसे विभाजनकारी बताया. जवाब में राज्य के शिक्षा मंत्री ने दावा किया है कि प्रश्न का उद्देश्य यह जांचना था कि क्या छात्रों को पता है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को आयोजित एसईबीए की कक्षा 10 के छात्रों के लिए सामाजिक विज्ञान की परीक्षा में प्रश्न पूछा गया, ‘मान लीजिए, सरकार ने डम्बुक नामक गांव में एक अस्पताल बनाया है. इस अस्पताल में हिंदुओं का मुफ्त इलाज होता है. दूसरे धर्मों के लोगों को इलाज का खर्च खुद उठाना पड़ता है. क्या भारत जैसे देश में सरकार ऐसे कदम उठा सकती है? अपनी राय दें.’
इस प्रश्न के लिए तीन अंक निर्धारित थे. सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने दावा किया कि यह धार्मिक विभाजन को बढ़ावा देता है, जिसके बाद असम के शिक्षा मंत्री रनोज पेगू ने इस बहस को ‘अनावश्यक’ बताते हुए जवाब दिया.
उन्होंने कहा, ‘संविधान की प्रस्तावना किसी भी तरह के भेदभाव की अनुमति नहीं देती है. किसी के साथ भेदभाव किए बिना हम ‘सबका साथ, सबका विकास’ की नीति पर चल रहे हैं. अब सवाल यह है कि छात्रों को यह जानकारी है या नहीं कि असम में धर्म, जाति या भाषा के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता है. इसमें नाराज होने या बहस करने जैसी कोई बात नहीं है.’