नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) की पूर्व नेता शेहला राशीद के खिलाफ 2019 में दर्ज देशद्रोह के मामले में मुकदमा वापस लेने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा दायर अर्जी गुरुवार (27 फरवरी) को स्वीकार कर ली है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, सितंबर 2019 में शेहला राशिद पर कश्मीर में सशस्त्र बलों के बारे में गलत सूचना फैलाने के आरोप में देशद्रोह और अन्य आपराधिक आरोपों का मामला दर्ज किया गया था.
इस संबंध में पुलिस ने वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (देशद्रोह), 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और 505 (सार्वजनिक उत्पात फैलाने वाले बयान) के तहत एफआईआर दर्ज की थी.
मालूम हो कि 18 अगस्त, 2019 को शेहला राशीद ने अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण और राज्य के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन के बाद घाटी में बच्चों और युवाओं के खिलाफ सशस्त्र बलों द्वारा अत्याचार का आरोप लगाया था.
शेहला राशिद ने सिलसिलेवार कई ट्वीट कर भारतीय सेना पर जम्मू कश्मीर में लोगों को उठाने, उनके घर पर छापेमारी करने और लोगों को प्रताड़ित करने के आरोप लगाए थे.. हालांकि सेना ने इन आरोपों को आधारहीन बताते हुए इन्हें खारिज कर दिया था.
वकील ने अपनी शिकायत में राशिद के दो सोशल मीडिया पोस्ट का जिक्र करते हुए आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके द्वारा लगाए गए आरोप झूठे, निराधार और मनगढ़ंत हैं. शेहला ने यातना का कोई सबूत नहीं दिया है… वह देश में हिंसा भड़काने और जम्मू-कश्मीर में अशांति पैदा करने के इरादे से जानबूझकर फर्जी खबरें फैला रही हैं… शेहला ने भारतीय सेना की छवि खराब की है.’
गृह विभाग ने पाया था कि ‘मामले की प्रकृति, स्थान जिसके बारे में ट्वीट का उल्लेख है और सेना के खिलाफ झूठे आरोप लगाना, इसे एक गंभीर मुद्दा बनाता है’.
मामला बाद में स्पेशल सेल को स्थानांतरित कर दिया गया और राशिद के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी उपराज्यपाल (एलजी) द्वारा दी गई.
पिछले साल दिसंबर में एक स्क्रीनिंग कमेटी ने राशिद के खिलाफ मुकदमा वापस लेने की सिफारिश एलजी से की थी. इस सिफारिश को उपराज्यपाल ने मंजूरी दे दी थी. पिछले महीने दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनुज कुमार सिंह की अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
गौरतलब है कि अक्टूबर 2019 में शेहला राशिद ने चुनावी राजनीति छोड़ने का भी ऐलान किया था. वे उसी साल पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फ़ैसल की पार्टी जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) से मार्च में जुड़ी थीं.