प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हुए शपथ ग्रहण समारोह में ठाकुर के साथ 10 अन्य मंत्रियों ने भी पद की शपथ ली.
शिमला: भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने आज हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. ठाकुर के साथ उनके मंत्रिमंडल के 10 अन्य मंत्रियों ने भी पद की शपथ ली.
शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में ठाकुर ने पद की शपथ ली. वह पांचवीं बार भाजपा से विधायक चुने गये हैं.
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कई अन्य केंद्रीय मंत्री भी शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित हैं. रिज मैदान भाजपा के झंडों से भगवा हो गया था, चारों ओर मोदी, शाह और ठाकुर के बड़े-बड़े कट-आऊट लगाए गए थे.
#JaiRamThakur takes oath as chief minister of Himachal Pradesh pic.twitter.com/Xv1kDII2H3
— ANI (@ANI) December 27, 2017
विधानसभा चुनाव में भाजपा को 68 में से 44 सीटें मिली हैं. जयराम हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक तौर पर महत्वूपर्ण मंडी क्षेत्र के पहले नेता हैं जो मुख्यमंत्री बने हैं. हिमाचल प्रदेश के अब तक के ज्यादातर मुख्यमंत्री शिमला, कांगड़ा और सिरमौर इलाके से होते थे.
मंडी में 10 विधानसभा सीटें हैं जबकि कांगड़ा में 15 विधानसभा सीटें हैं . इस विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मंडी की 10 में से नौ सीटों पर कब्जा जमाया था .
ठाकुर मुख्यमंत्री बनने वाले राज्य के छठे नेता हैं और हिमाचल प्रदेश के 14वें मुख्यमंत्री हैं.
वह इससे पहले प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और धूमल की अगुवाई वाली राज्य सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री का पद संभाल चुके हैं. जयराम राजपूत नेता हैं और उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस का करीबी समझा जाता है.
सुर्खियों से दूर रहने वाले जयराम मंडी के एक किसान परिवार से आते हैं. उन्होंने चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रैजुएशन की पढ़ाई की और यूनिवर्सिटी के दिनों में ही राजनीति में कदम रखने का फैसला किया.
ठाकुर जब महज 28 वर्ष के थे तब उन्होंने पहली बार 1993 में चाचिओट सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था. वह 800 वोटों के अंतर से पहला चुनाव हार गये थे लेकिन भाजपा नेतृत्व का ध्यान अपनी तरफ खींचने में कामयाब रहे.
इसके बाद 1998 में ठाकुर ने इसी सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद मंडी जिले की इस चाचिओट 2010 में परिसीमन के बाद सेराज नाम दिया गया को अपना गढ़ बना लिया और यहां से लगातार पांच बार जीतने का रिकॉर्ड बनाया.
वोटबैंक और अपने समर्थकों का आधार बढ़ाने की उनकी क्षमता ही थी कि 2007 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया. ठाकुर के प्रदेश अध्यक्ष रहते पार्टी ने यह चुनाव लड़ा था.
ठाकुर के नेतृत्व में पार्टी पहली बार अपने दम पर इस पहाड़ी राज्य में सत्ता में आई और प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री बने. ठाकुर ने 2010 से 2012 तक धूमल सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री के तौर पर काम किया.
हालांकि इस बार विधानसभा चुनावों में धूमल की अप्रत्याशित हार ने प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी का रास्ता खोल दिया और जेपी नड्डा समेत कई अन्य बड़े नेताओं के नामों के चर्चा में होने के बावजूद ठाकुर स्वाभाविक पसंद के तौर पर उभरे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)