उत्तर प्रदेश: सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की गोली मारकर हत्या, विपक्ष ने उठाए सवाल

पत्रकार राघवेंद्र ने धान खरीद में गड़बड़ी और स्टांप चोरी के मामले को उजागर किया था. इस प्रकरण में जांच शुरू होने, जांच की धीमी प्रगति व कार्रवाई न होने पर भी सवाल उठाए थे. राघवेंद्र के परिवार का कहना है कि कुछ दिन पहले ही उन्हें फोन पर धमकी भी दी गई थी.

पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी. (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के सीतापुर में शनिवार (8 मार्च) को दैनिक जागरण के पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. उनका शव लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर हेमपुर नेरी के निकट पाया गया. उनके शरीर में चार गोलियां लगी थी, जिसकी पुष्टि  पोस्टमार्टम रिपोर्ट में की गई है.

दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक, सीतापुर जिले के महोली तहसील के संवाददाता राघवेंद्र बाजपेयी को शनिवार शाम चार बजे इमलिया सुल्तानपुर हाईवे के हेमपुर ओवरब्रिज पर उस समय गोली मारी गई जब वह अपनी बाइक से कहीं जा रहे थे.

स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस पत्रकार को अस्पताल ले गई, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मृतक के परिजनों ने मीडिया को बताया कि कुछ दिन पहले ही उन्हें फोन पर धमकी दी गई थी और अब उनकी हत्या कर दी गई.

सीतापुर के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) प्रवीण रंजन सिंह ने बताया कि अपराधियों को पकड़ने के लिए सीमाएं सील कर दी गई हैं और साक्ष्य जुटाने का काम शुरू कर दिया गया है. कॉल डिटेल और अन्य कानूनी कार्रवाई चल रही है.

अखबार के अनुसार, राघवेंद्र ने पिछले दिनों धान खरीद में गड़बड़ी को उजागर करने वाली रिपोर्ट की थी, जिसमें काफी लोगों की संलिप्तता सामने आई थी. इस मामले की फिलहाल जांच चल रही है.

वहीं, जमीन खरीद मामले में भी स्टांप चोरी को लेकर राघवेंद्र बाजपेयी ने खबर की थी, जिसकी तहसील प्रशासन द्वारा जांच कराई गई थी. इसमें स्टांप चोरी की पुष्टि होने पर कार्रवाई प्रचलित थी.

राघवेंद्र ने धान खरीद व स्टांप चोरी प्रकरण में जांच शुरू होने, जांच की धीमी प्रगति व कार्रवाई न होने पर भी सवाल उठाए थे. इसको लेकर वह निशाने पर थे. राघवेंद्र ने कुछ साथियों से इन प्रकरणों को लेकर तनातनी की बात कही थी.

इस मामले को लेकर जिले के एसडीएम ने कई लेखपालों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था. जांच तहसीलदार को सौंपी गई थी, जो अभी तक चल रही है.

विपक्ष ने उठाए सवाल

इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा है, क्या यही है ‘डबल इंजन’ सरकार की कानून व्यवस्था. पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी को गोलियों से भून दिया गया और सरकार खामोश है. अगर पत्रकार सुरक्षित नहीं है तो आम जनता का क्या होगा. दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई हो.

वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की हत्या पर शोक जताते हुए कहा कि धान खरीद में गड़बड़ी का सच लिखने पर हत्या की गई. उन्होंने सरकार से हत्यारों की गिरफ्तारी, एक करोड़ मुआवजा व पत्नी को सरकारी नौकरी की मांग की.

मालूम हो कि इससे पहले बस्तर में बीजापुर ज़िले के युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की खबर सामने आई थी. इस साल की शुरुआत में तीन जनवरी को उनका शव एक सेप्टिक टैंक में पाया गया था. उनकी हत्या के पीछे भी व्यवस्था विरोधी खबरें और सड़क निर्माण में गड़बड़ी की रिपोर्ट बताई गई थी, जिसे लेकर स्थानीय ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की गिरफ्तारी भी हुई है.