पत्रकार विनोद वर्मा को दो महीने बाद​ मिली ज़मानत

छत्तीसगढ़ के एक मंत्री की कथित अश्लील सीडी मामले में बीते 27 अक्टूबर को ​राज्य पुलिस ने गाज़ियाबाद स्थित उनके घर से उन्हें गिरफ्तार किया था.

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छत्तीसगढ़ के एक मंत्री की कथित अश्लील सीडी मामले में बीते 27 अक्टूबर को राज्य पुलिस ने गाज़ियाबाद स्थित उनके घर से उन्हें गिरफ्तार किया था.

पत्रकार विनोद वर्मा. (फोटो साभार: फेसबुक)
पत्रकार विनोद वर्मा. (फोटो साभार: फेसबुक)

रायपुर: छत्तीसगढ़ के एक मंत्री की कथित अश्लील सीडी मामले में दो महीने पहले गाज़ियाबाद से गिरफ़्तार किए गए वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा की ज़मानत याचिका सीबीआई की विशेष अदालत ने बृहस्पतिवार को मंज़ूर कर ली.

विनोद वर्मा के अधिवक्ता फैजल रिजवी ने बृहस्पतिवार को बताया कि सीबीआई के विशेष दंडाधिकारी शांतनु कुमार देशलहरे की अदालत ने वर्मा की ज़मानत अर्ज़ी स्वीकार कर ली है तथा उन्हें सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.

रिजवी ने बताया कि वर्मा की तरफ से बुधवार को अदालत में सीआरपीसी की धारा 167 (2) के तहत ज़मानत की अर्ज़ी की पेश की गई थी. जिस पर बृहस्पतिवार को सुनवाई हुई.

अधिवक्ता ने बताया कि वर्मा को गिरफ्तार किए 60 दिन से ज़्यादा का समय हो गया है. लेकिन अभी तक चालान पेश नहीं किया जा सका है. इसके आधार पर वर्मा को ज़मानत का लाभ दिया गया है.

रिजवी ने बताया कि अदालत ने वर्मा को एक लाख रुपये के बंध पत्र एवं उतनी की राशि का मुचलका पेश करने पर सशर्त ज़मानत स्वीकृत की है. उन्होंने बताया कि वर्मा बृहस्पतिवार रात तक जेल से रिहा हो सकते हैं.

छत्तीसगढ़ के रायपुर ज़िले की पुलिस ने पत्रकार विनोद वर्मा को बीते 27 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने बताया था कि विनोद वर्मा के पास से 500 अश्लील सीडी, पेन ड्राइव, लैपटॉप, डायरी और अन्य सामान बरामद किया गया.

गिरफ्तारी के बाद 29 अक्टूबर को रायपुर की स्थानीय अदालत में विनोद वर्मा को पेश किया गया था. जहां से पूछताछ के लिए उन्हें तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया था. पूछताछ के बाद अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था.

रायपुर के पंडरी थाने में विनोद वर्मा के ख़िलाफ़ दर्ज़ एफआईआर के आधार पर छत्तीसगढ़ पुलिस ने यह कार्रवाई की थी. विनोद वर्मा के ख़िलाफ़ ब्लैकमेल और उगाही का मामला दर्ज किया गया था.

गिरफ्तारी के वक़्त वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा ने कहा था कि उनके पास छत्तीसगढ़ के एक मंत्री राजेश मूणत की सेक्स सीडी है और यही कारण है कि छत्तीसगढ़ सरकार उन्हें फंसा रही है. उन्होंने कहा था कि सीडी से उनका कोई लेना-देना नहीं है.

रायपुर ज़िले के पुलिस अधीक्षक संजीव शुक्ला ने बताया था कि प्रकाश बजाज नामक व्यक्ति ने रायपुर के पंडरी पुलिस स्टेशन में एक अज्ञात कॉलर द्वारा फोन पर परेशान किए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी. फोन करने वाले व्यक्ति ने उनसे कहा था कि उसके पास उसके आका की एक सीडी है. फोन करने वाले ने उन्हें धमकी दी थी कि उसकी मांग पूरी न होने पर वह सीडी बांट देगा.

वर्मा की गिरफ्तारी के बाद राज्य के लोक निर्माण विभाग मंत्री राजेश मूणत की कथित अश्लील सीडी सार्वजनिक हो गई. मूणत ने इस मामले में रायपुर के सिविल लाइंस थाने में भी पत्रकार विनोद वर्मा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कराया है. मूणत ने इस वीडियो को फ़र्ज़ी बताया है.

राज्य सरकार ने मंत्री की कथित अश्लील सीडी मामले की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया और बाद में मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया. मामले की जांच सीबीआई कर रही है तथा कुछ दिनों पहले सीबीआई ने विनोद वर्मा सहित अन्य लोगों से पूछताछ की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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