सेंसर बोर्ड ने जांच समिति के साथ बैठक के बाद फिल्म को कुछ बदलावों के साथ यू/ए सर्टिफिकेट देने का फ़ैसला किया है.
मुंबई: केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती को यूए सर्टिफिकेट देने का फैसला किया है और फिल्म के निर्देशक को इसका नाम बदलकर पद्मावत करने का सुझाव दिया है.
सीबीएफसी द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार बोर्ड ने 28 दिसंबर को अपनी जांच समिति के साथ बैठक की थी और कुछ बदलावों के साथ फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट देने का फैसला किया तथा संबद्ध सामग्री रचनात्मक स्रोत के आधार पर फिल्म का नाम बदलने का सुझाव दिया.
एनडीटीवी की ख़बर के अनुसार फिल्म में 26 कट लगाये गये हैं.
संसदीय पैनल के समक्ष भी पेश हो चुके भंसाली ने बताया कि ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित करीब 150 करोड़ रुपये की लागत से बनी उनकी फिल्म मलिक मोहम्मद जायसी रचित 16वीं सदी के ऐतिहासिक काव्य पद्मावत पर आधारित है.
विज्ञप्ति के अनुसार बोर्ड ने आधिकारिक घोषणा में कुछ बदलाव करने का सुझाव देते हुए इसमें यह जोड़ने को कहा कि यह फिल्म जौहर प्रथा का महिमामंडन नहीं करती. साथ ही फिल्म के गीत घूमर में चरित्र के अनुकूल कुछ बदलाव करने का भी सुझाव दिया गया.
यह बैठक सीबीएफसी अध्यक्ष प्रसून जोशी की मौजूदगी में हुई और इसमें सेंसर बोर्ड के अधिकारियों सहित जांच समिति के नियमित सदस्यों ने भी हिस्सा लिया था. बयान के अनुसार फिल्मकारों एवं समाज दोनों के हितों को ध्यान में रखते हुए फिल्म को देखा गया.
फिल्म को लेकर जटिलताओं एवं चिंताओं पर विचार करते हुए सीबीएफसी ने सेंसर बोर्ड का एक विशेष पैनल बनाया था, जिसे सेंसर बोर्ड की आधिकारिक समिति के अंतिम फैसले में अपना विचार जोड़ना था. विशेष पैनल में उदयपुर से अरविंद सिंह, डॉ. चंद्रमणि सिंह और जयपुर विविद्यालय से प्रोफेसर के के सिंह शामिल थे.
ज्ञात हो कि रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण और शाहिद कपूर को लेकर संजय ने पद्मावती फिल्म बनाई है, जिसमें रणवीर अलाउद्दीन खिलजी और दीपिका चित्तौड़गढ़ की रानी पद्मावती का किरदार निभा रही हैं.
लगातार फिल्म को लेकर हुए विवादों के बाद इसकी रिलीज़ टाल दी गयी थी.
राजपूत करणी सेना और तमाम हिंदूवादी के साथ कुछ राजपूत समुदाय ने फिल्म पर आरोप लगाया है कि फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है. फिल्म में खिलजी और पद्मावती के बीच संबंध दिखाया गया है. हालांकि फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि फिल्म में ऐसा कोई दृश्य नहीं है.
फिल्म पर सत्ता पक्ष के नेताओं ने भी नाराजगी जताई है. भाजपा की राजस्थान में विधायक दिया कुमारी ने भी कहा कि अगर फिल्म का प्री-स्क्रीनिंग नहीं होती, तो लोग हिंसक भी हो सकते हैं.
इससे पहले गुजरात भाजपा के सदस्यों ने फिल्म की रिलीज़ आगे बढवाने की मांग भी की थी. वहीं उज्जैन से भाजपा सांसद चिंतामणि मालवीय ने अपने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर पद्मावती फिल्म का बहिष्कार करने को कहा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)