महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि एक जनवरी की हिंसा के लिए निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ज़िम्मेदार नहीं हैं.
मुंबई: पुणे पुलिस द्वारा जिग्नेश मेवाणी के खिलाफ भड़काऊ भाषण के लिए मामला दर्ज होने के बीच केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने शनिवार को कहा कि एक जनवरी को पुणे जिले के भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के लिए गुजरात के विधायक मेवाणी जिम्मेदार नहीं है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से मिलने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए आरपीआई नेता अठावले ने कहा कि एक जनवरी को भीमा कोरेगांव के युद्ध के 200 साल पूरे होने से पहले भी इस क्षेत्र में तनाव था.
मालूम हो कि एक जनवरी को भीमा कोरेगांव में युद्ध स्मारक में आने वाले दलितों पर हमला हुआ. दलित नेताओं ने हमलों के लिए कुछ खास हिंदुत्ववादी नेताओं को जिम्मेदार ठहराया था, जबकि इन नेताओं ने एक दिन पहले दिए गए मेवाणी की भड़काऊ भाषण को जिम्मेदार ठहराया.
केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री ने कहा, ‘जिग्नेश भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार नहीं है. क्षेत्र में एक जनवरी से पहले भी तनाव था. मैंने इलाके का दौरा किया था और तनाव कम हुआ था. इसलिए मैं 31 दिसंबर को दिल्ली वापस चला गया था. इसी दिन जिग्नेश ने पुणे के शनिवारवाडा में अपना भाषण दिया था. वह भीमा-कोरेगांव नहीं गए थे. कुछ संगठनों ने रात में बैठक की थी और एक जनवरी को हिंसा हुई थी.’
भीमा-कोरेगांव की घटना को लेकर फड़णवीस को इस्तीफा देना चाहिए: चव्हाण
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का कहना है कि भीमा-कोरेगांव में पिछले दिनों हुई हिंसा को रोकने में नाकाम रहने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को इस्तीफा दे देना चाहिए.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा, ‘राज्य सरकार ने इस घटना को रोकने में विफल रही. हमने पूरे घटनाक्रम और इस बारे में चर्चा की कि सरकार ने क्या ऐहतियाती कदम उठाए?
फड़णवीस के इस्तीफे की मांग करते हुए चव्हाण ने कहा कि राज्य में कांग्रेस के सभी नेताओं की यह राय है कि हिंसा राज्य मशीनरी की नाकामी की वजह से हुई.