राहुल गांधी ने कहा, रोज़गार सृजन 8 साल, बैंक ऋण कारोबार 63 साल और नया निवेश 13 साल के निचले स्तर पर.
नई दिल्ली: कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने खराब अर्थव्यवस्था को लेकर भाजपा सरकार पर हमला बोला है. चिदंबरम ने कहा कि आर्थिक वृद्धि में जिस सुस्ती का डर था वह सामने आ गया है.
दूसरी ओर, राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विभाजनकारी राजनीति के कारण भारत का बैंक ऋण विकास 63 साल और रोजगार सृजन आठ साल के निचले स्तर पर चला गया.
हालांकि भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश ने कई आर्थिक उपलब्धियां हासिल की हैं. भाजपा के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्ह राव ने राहुल पर पलटवार करते हुए उन्हें निराशा और विषाद का पैरोकार बताया है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए कम आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को लेकर शनिवार को सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि में जिस सुस्ती का डर था वह सामने आ गया है.
Our fears and warnings have proved true. GDP growth in 2015-16, 2016-17 and 2017-18 (est) is 8.0, 7.1 and 6.5. These numbers prove there is a slowdown.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 5, 2018
चिदंबरम ने एक बयान में कहा कि नई परियोजनाओं और नये निवेश में गिरावट आई है. असंगठित क्षेत्र नोटबंदी के दुष्प्रभावों से जूझ रहा है. रोजगार सृजन नाम मात्र का है, निर्यात कम हो रहा है और विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि नीचे आ गई है. कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ है और ग्रामीण क्षेत्रों में भारी निराशा है.
उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन भारतीय जनता पार्टी सरकार की सबसे बड़ी असफलता है. बैंकों की ऋण वृद्धि भी बहुत ही कम है और यह अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा नहीं है.
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, आसन्न आर्थिक नरमी का डर सच हो रहा है. देश के तेज गति से वृद्धि करने के मोदी सरकार के भारी-भरकम दावे हवा में उड़ गये हैं. चाशनी चढ़ाने, डींग हांकने तथा सुर्खियों को साध कर सच को छिपाने से सच्चाई छुपाई नहीं जा सकती है. हमारे डर व चेतावनियां सच हो गई हैं.
चिदंबरम ने कहा कि हालिया सामाजिक असंतोष इसी आर्थिक सुस्ती का प्रत्यक्ष परिणाम है जिसे सरकार छिपाना चाह रही है. अब समय आ गया है कि सरकार बड़े दावे करने के बजाय कुछ ठोस काम करे.
सरकार के आंकड़ों का हवाला देते हुए चिदंबरम ने कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर आठ प्रतिशत थी जो 2016-17 में 7.1 प्रतिशत पर आ गई. 2017-18 में इसके 6.5 प्रतिशत पर आ जाने का अनुमान है. इससे साबित होता है कि आर्थिक वृद्धि सुस्त पड़ रही है.
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों और वृद्धि में गिरावट का मतलब लाखों नौकरियां जाना है. उन्होंने कहा कि जहां जीडीपी वृद्धि के 2016-17 के 7.1 प्रतिशत की तुलना में 2017-18 में 6.5 प्रतिशत पर आ जाने का अनुमान है, वहीं वास्तविक सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) के भी 2016-17 के 6.6 प्रतिशत की तुलना में 2017-18 में 6.1 प्रतिशत रहने का अग्रिम अनुमान है.
चिदंबरम ने कहा कि खुदरा महंगाई नवंबर में बढ़कर 15 महीने के उच्चतम स्तर 4.88 प्रतिशत पर पहुंच गई है. औद्योगिक उत्पादन अक्टूबर में गिरकर तीन महीने के निचले स्तर 2.2 प्रतिशत पर आ गया है.
उन्होंने कहा, निवेश की तस्वीर धुंधली बनी हुई है. विनिर्माण क्षेत्र में सबसे बड़ी गिरावट आई है और राजकोषीय घाटा के जीडीपी का 3.2 प्रतिशत रहने के बजटीय अनुमान से आगे निकल जाने की आशंका है.
सकल विभाजनकारी राजनीति (जीडीपी) देश को कहां ले जा रही है: राहुल
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी की विभाजनकारी राजनीति के कारण भारत का बैंक ऋण विकास 63 साल और रोजगार सृजन आठ साल के निचले स्तर पर चला गया.
राहुल ने एक ट्वीट कर जीडीपी को एक नया नाम दिया. उन्होंने एक ट्वीट में आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देश में नया निवेश पिछले 13 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर है. साथ ही बैंक के ऋण कारोबार में वृद्धि 63 वर्षों में निम्नतम स्तर पर है.
उन्होंने कहा कि नौकरियों के मौके पिछले आठ सालों में सबसे कम हैं, सकल मूल्य वर्धन के आधार पर कृषि उत्पादन में वृद्धि की दर 1.7 फीसदी तक कम हुई और राजकोषीय घाटा पिछले आठ सालों में सबसे ज्यादा बढ़ा है और साथ ही परियोजनाएं भी बीच में लटकी हुई हैं.
FM Jaitley’s genius combines with Mr Modi’s Gross Divisive Politics (GDP) to give India:
New Investments: 13 year ⬇
Bank credit Growth: 63 year ⬇
Job creation: 8 year ⬇
Agriculture GVA growth: 1.7%⬇
Fiscal Deficit: 8 year🔺
Stalled Projects 🔺https://t.co/bZdPnREYiE— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 6, 2018
कांग्रेस नेता ने अपने ट्वीट के साथ एक समाचार वेबसाइट की खबर भी पोस्ट की है जिसमें कहा गया है कि देश के जीडीपी की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2017-18 में 6.5 प्रतिशत के चार साल के निचले स्तर पर रहने का अनुमान है.
माल एवं सेवा कर जीएसटी के क्रियान्वयन की वजह से विनिर्माण क्षेत्र पर पड़े असर और कृषि उत्पादन कमजोर रहने से जीडीपी की वृद्धि दर चार साल के निचले स्तर पर रह सकती है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय सीएसओ ने राष्ट्रीय लेखा खातों का अग्रिम अनुमान जारी करते हुए यह कहा है.
पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रही थी, जबकि इससे पिछले साल यह 8 प्रतिशत के स्तर पर थी. वर्ष 2014-15 में यह 7.5 प्रतिशत थी. राहुल ने ट्वीट के जरिये तंज कसकते हुए कहा है कि जेटली की प्रतिभा के साथ मोदी की सकल विभाजनकारी राजनीति (जीडीपी) देश को कहां ले जा रही है.
भारत के आर्थिक मानक मजबूत हुए हैं: भाजपा
राहुल के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के तहत भारत के आर्थिक मानक मजबूत हुए हैं. भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश ने कई आर्थिक उपलब्धियां हासिल की हैं.
भाजपा के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्ह राव ने राहुल के इस ट्वीट पर पलटवार करते हुए उन्हें निराशा और विषाद का पैरोकार बताया है. राव ने ट्वीट कर कहा विश्व देख रहा है कि नरेंद्र मोदी के तहत भारत एक प्रकाश पुंज के रूप में सफल हो रहा है जिस के साथ न्यूनतम मुद्रास्फीति, एफडीआई उच्चतम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, कारोबार करने की सुगमता और ऋण साख बेहतर हुआ है. राहुल गांधी जी जैसे ग्लूम डूम पर्वेयर्स (निराशा-विषाद के पैरोकार…जीडीपी) को यह नहीं दिख सकता.
राव ने अपने ट्वीट के साथ एक खबर को टैग किया है, जिसका शीर्षक है, भारत होगा पांचवीं विशालतम अर्थव्यवस्था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)