अधिकारियों को भेंट स्वरूप बांटे जा रहे लक्ज़री ट्रेनों के मुफ़्त टिकट: रिपोर्ट

लक्ज़री ट्रेनों में यात्रा के लिए मुफ़्त में टिकट देने के लिए संसद की एक स्थायी समिति ने रेलवे की खिंचाई की.

महाराजा एक्सप्रेस (फोटो: Irctc)

लक्ज़री ट्रेनों में यात्रा के लिए मुफ़्त में टिकट देने के लिए संसद की एक स्थायी समिति ने रेलवे की खिंचाई की.

महाराजा एक्सप्रेस (फोटो: Irctc)
महाराजा एक्सप्रेस (फोटो: Irctc)

नई दिल्ली: संसद की एक स्थायी समिति ने केवल 30 प्रतिशत सीटें भर पाने के बावजूद लक्जरी ट्रेनों में यात्रा के लिए मुफ्त में कुछ यात्रियों को टिकट भेंट किए जाने पर रेलवे की खिंचाई की है.

संसदीय समिति ने एक हालिया रिपोर्ट में सैकड़ों यात्रियों के नाम का जिक्र किया है, जिन्होंने रेलवे बोर्ड और इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) के अधिकारियों की सिफारिश पर पांच लक्जरी ट्रेनों में मुफ्त में यात्रा की जिनका किराया 500 से 650 डॉलर मौजूदा विनिमय दर के मुताबिक 31,637-41,128 रूपये के बीच होता है.

अधिकतर सवारी रेलवे के अधिकारी होते हैं.

सांसद सुदीप बंदोपाध्याय की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘कमेटी इसका जिक्र करते हुए निराश है कि या तो रेलवे बोर्ड या आईआरसीटीसी या राज्य पर्यटन विकास निगम की सिफारिश पर इन लक्जरी ट्रेनों में मुफ्त में पेश टिकट के जरिए यात्रा का प्रावधान जारी है.’

इसमें कहा गया है कि ऐसी ट्रेनों में महज 30 प्रतिशत सीटें भर पाती है.

राज्य पर्यटन विकास निगमों के साथ तालमेल से रेलवे की आईआरसीटीसी लक्जरी पर्यटक ट्रेन प्रीमियर सेवायें देती हैं.

रेलवे महाराजा एक्सप्रेस, गोल्डन चैरीअट, रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स, डेक्कन ओडिसी और पैलेस ऑन व्हील्स सहित पांच लक्जरी ट्रेनों का परिचालन करता है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराजा एक्सप्रेस में 2012-13 में 30 यात्रियों, 2013-14 में 97, 2014-15 में 53 और 2015-2016 में 73 यात्रियों ने मुफ्त में यात्रा की.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यह समझ में नहीं आ रहा कि भेंट के रूप में यात्रा पेशकश की क्या जरूरत है, ऐसे में जब ये लक्जरी ट्रेनें अपने परिचालन खर्चे को पूरा करने के लिए मुश्किल से राजस्व जुटा पाती हैं.’