आरटीआई के ज़रिये हुए इस खुलासे के बाद विपक्ष ने 2017 में हुए गीता महोत्सव आयोजन के जांच की मांग की.
कुरुक्षेत्र: हरियाणा में भाजपा शासित मनोहर लाल खट्टर सरकार पिछले साल हुए अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव आयोजन में किए गए खर्चों को लेकर विपक्ष के निशाने पर आ गई है. दरअसल एक आरटीआई के जरिए खुलासा हुआ है कि हरियाणा सरकार ने गीता की 10 कॉपियां खरीदने पर लगभग 3.8 लाख रुपये का खर्चा किया है. यानी एक भगवत गीता की किताब को खरीदने पर कुल 38,000 रुपये खर्च किए गए.
ये आरटीआई हिसार के रहने वाले राहुल सेहरावत ने कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड में डाली थी. कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड ने आरटीआई का जवाब देते हुए कहा कि इस पूरे महोत्सव पर सरकार ने 15 करोड़ रुपये खर्च किए. इसमें 10 भगवतगीता की किताबों पर 3 लाख 80 हजार रुपये खर्च किए गए.
इसके अलावा हरियाणा सरकार ने भाजपा सांसदों को भी इसमें शामिल होने के लिए लाखों रुपये दिए. मथुरा से भाजपा सांसद हेमा मालिनी को 20 लाख और दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सासंद मनोज तिवारी को इस कार्यक्रम में शामिल होने पर 10 लाख रुपये दिए गए.
साथ ही आरटीआई के मुताबिक, एक करोड़ रुपये ब्रह्म सरोवर की मरम्मत में खर्च किए गए, हालांकि 2016 में ही 38 लाख रुपये इसी काम के लिए पहले ही खर्च हो चुके थे.
गौरतलब है कि ये महोत्सव पिछले साल 25 नवंबर से 5 दिसंबर तक चला था. अब आरटीआई के खुलासे के बाद विपक्ष हरियाणा सरकार पर हमलावर है.
इंडियन नेशनल लोकदल दुष्यंत चौटाला ने ट्वीट कर लिखा, ‘गीता जयंती पर खट्टर सरकार द्वारा 3,79,500 रुपये में गीता की दस कॉपियों की खरीद. वाह नरेंद्र मोदी जी, हरियाणा में कितनी ईमानदार सरकार है. गीता के नाम पर भी चोरी, ऊपर से सीनाजोरी.’
10 #Gita purchased for Rs. 3,79,500 By .@mlkhattar Govt. At #gitajayanti
Wah .@narendramodi ji what an Honest government we have in #Haryana.
Gita ke naam pe bhi chori
Uper Se Sina Jori #Scam .@cmohry pic.twitter.com/iUYsVQ3di4— Dushyant Chautala B- (@Dchautala) January 7, 2018
उन्होंने कहा कि गीता की कॉपियां काफी सस्ते दाम पर ऑनलाइन और ऑफलाइन उपलब्ध हैं. सरकार को ये समझाना चाहिए कि उन्होंने इतना रुपया किसलिए खर्च किया.
आजतक के मुताबिक दुष्यंत चौटाला ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस रखती है. लेकिन उनके सांसदों को एक धार्मिक कार्यक्रमों के लिए भी इतना पैसा दिया जा रहा है. इससे पहले की चौटाला और हुड्डा सरकार ने इस महोत्सव को मात्र कुछ लाख रुपये में आयोजित किया था, लेकिन खट्टर सरकार ने इस पर करोड़ों खर्च किए हैं. उन्होंने कहा कि हम इस मामले में कैग से जांच के लिए अपील करेंगे.
इंडियन नेशनल स्टूडेंट आर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को स्वयं गीता महोत्सव आयोजन में हुए इस गोलमाल पर स्पष्टीकरण देना चाहिए. उन्होंने मुख्यमंत्री से त्यागपत्र देने की मांग करते हुए कहा कि बाजार में गीता का रेट बहुत कम है. उन्होंने दावा किया कि अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में तो 40 पैसे में एक गीता मिल रही है, जबकि इसकी ऑनलाइन कीमत 200 से 300 रुपये मात्र है.
आम आदमी पार्टी ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर गीता महोत्सव के नाम पर जनता के पैसे को लूटने का आरोप लगाया है. आप नेता नवीन जयहिंद ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से सवाल पूछा कि अगर गीता की प्रतियां 500 रुपये में उपलब्ध हैं तो यह 37,950 रुपये में क्यों खरीदी गईं. उन्होंने भाजपा सांसदों मनोज तिवारी और हेमामालिनी को लाखों रुपये दिए जाने पर भी सवाल उठाए.
वहीं, इस मामले में राज्य सरकार में मंत्री अनिल विज ने कहा कि गीता महोत्सव काफी शानदार कार्यक्रम था. अगर इस मामले में कोई गड़बड़ी दिखाई पड़ती है तो हम जांच करेंगे और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे.
नवभारत टाइम्स के मुताबिक, हरियाणा हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन जवाहर यादव ने गीता जयंती पर हुए खर्च को लेकर डाली गई आरटीआई पर कहा है कि कुछ नासमझ और स्वार्थी लोग इस पर टिप्पणी कर रहे हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है.
यादव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव विश्वस्तर पर हरियाणा का नाम पहुंचा रहा है. ऐसे मौकों पर देश के राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्रीगण, विश्व सुंदरी व हरियाणा की बेटी मानुषि छिल्लर समेत कई गणमान्य लोगों को यादगार के रूप में गीता ग्रंथ का एक सुन्दर रूप भेंट किया गया जिसमें फलों, पत्तियों से बनी प्राकृतिक स्याही इस्तेमाल हुई है और ये आला दर्जे की कलाकारी का नमूना है. भेंट की गई गीता न सिर्फ प्राकृतिक वस्तुओं की महत्ता पर जोर देती है बल्कि कलाकारों को भी सम्मान देती है.
यादव के मुताबिक, गीता की सभी प्रतियां पूरी तरह पारदर्शी तरीके से यथासंभव छूट के साथ खरीदी गई और इस प्रक्रिया में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है.
गौरतलब है कि हरियाणा के कुरुक्षेत्र में गीता जयंती समारोह का आयोजित पिछले कई सालों से हो रहा था. प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद इस आयोजन को अंतरराष्ट्रीय समारोह का दर्जा दिया गया. प्रदेश सरकार ने इस आयोजन पर होने वाले खर्च में भी काफी इजाफा किया. जहां पहले इस आयोजन में कुछ लाख रुपये खर्च होते थे, वहीं भाजपा सरकार आने के बाद यह खर्च 12 और 15 करोड़ हो गया है.