जज लोया की मौत से जुड़े दस्तावेज़ याचिकाकर्ताओं को सौंपे महाराष्ट्र सरकार: सुप्रीम कोर्ट

राज्य सरकार के वक़ील हरीश साल्वे ने इन दस्तावेज़ों को गोपनीय बताया था, लेकिन अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को मामले के बारे में सब कुछ पता होना चाहिए.

फोटो: द कारवां/पीटीआई

राज्य सरकार के वक़ील हरीश साल्वे ने इन दस्तावेज़ों को गोपनीय बताया था, लेकिन अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को मामले के बारे में सब कुछ पता होना चाहिए.

फोटो: द कारवां/पीटीआई
फोटो: द कारवां/पीटीआई

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को आज आदेश दिया कि वह विशेष सीबीआई जज बृजगोपाल हरकिशन लोया की मौत संबंधी सभी दस्तावेज उन याचिकाकर्ताओं को मुहैया कराए, जो उनकी मौत से जुड़ी परिस्थितियों की स्वतंत्र जांच की मांग कर रहे हैं.

महाराष्ट्र सरकार ने लोया की पोस्टमार्टम रिपोर्ट समेत मौत से संबंधित दस्तावेजों को सीलबंद लिफाफे में आज न्यायालय में पेश किया. इसके बाद न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एमएम शांतनागौदर की पीठ ने यह आदेश दिया.

ज्ञात हो कि उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को विशेष सीबीआई न्यायाधीश बृजगोपाल हरकिशन लोया की रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु को ‘गंभीर मामला’ बताते हुए महाराष्ट्र सरकार को उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था.

लोया सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे. इसके साथ ही पीठ ने लोया की मौत की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली दो जनहित याचिकाओं की सुनवाई एक सप्ताह के लिये स्थगित कर दी.

महाराष्ट्र सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने पीठ से कहा कि इन दस्तावेज में कुछ गोपनीय सामग्री भी है, जो जनता के साथ साझा नहीं की जा सकती है और उन्हें याचिकाकर्ताओं, जिनमे एक पत्रकार और एक कांग्रेस नेता हैं, के साथ साझा नहीं किया जा सकता है.

इस पर पीठ ने कहा, ‘यह ऐसा मामला है जिसमे उन्हें (याचिकाकर्ताओं) को सब कुछ पता होना चाहिए.’

इस पर साल्वे ने कहा कि ये दस्तावेज याचिकाकर्ता के वकील देख सकते हैं परंतु इन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा सकता क्योंकि इन्हें गोपनीय वर्गीकृत चिन्हित किया गया है. लेकिन पीठ ने निर्देश दिया कि सारे दस्तावेज एक सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ताओं को सौंपे जायें.

याचिकाकर्ताओं के वकील ने भी यह भरोसा दिया कि वे किसी भी दस्तावेज को सार्वजनिक नहीं करेंगे.

जज लोया एक दिसंबर, 2014 को नागपुर में अपने सहयोगी न्यायाधीश की पुत्री के विवाह में शामिल हुए थे, जहां कथित रूप से हृदय गति रुक जाने से उनकी मृत्यु हो गयी थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)