जम्मू कश्मीर सरकार पैलेट गन से अंधे हुए बच्चों के लिए बनाएगी ब्लाइंड स्कूल

जम्मू कश्मीर में प्रदर्शनों के दौरान सेना द्वारा इस्तेमाल की गई पैलेट गन से तमाम बच्चों की आंख की रोशनी चली गई थी. अब सरकार इनके लिए ब्लाइंड स्कूल बनवाएगी.

(प्रतीकात्मक तस्वीर: रॉयटर्स)

जम्मू कश्मीर में प्रदर्शनों के दौरान सेना द्वारा इस्तेमाल की गई पैलेट गन से तमाम बच्चों की आंख की रोशनी चली गई थी. अब सरकार इनके लिए ब्लाइंड स्कूल बनवाएगी.

Kashmir Pallet
फाइल फोटो

जम्मू कश्मीर सरकार पैलेट गन से घायल बच्चों के लिए ब्लाइंड स्कूल बनाएगी. पिछले वर्ष कश्मीर में हिज़्बुल कमांडर बुरहान वानी के मौत के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान सेना ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पैलेट गन का इस्तेमाल किया था. पैलेट गन से कई कश्मीरी युवा और बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए थे, इनमें से कई पूरी तरह से अंधे भी हो गए थे.

ग्रेटर कश्मीर में छपी ख़बर के अनुसार, सामाजिक कल्याण विभाग के निर्देशक हशमत अली ने कहा है ‘हमने श्रीनगर की लाल मंडी में दो बिल्डिंग का चुनाव कर लिया है, जहां पैलेट गन से घायल पीड़ित और अन्य रोशनी गवां चुके युवाओं के लिए शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.

हशमत यह भी कहते है कि बिल्डिंग का चुनाव हो चुका है और स्कूल अगले सत्र से शुरू हो जाएगा. स्कूल में दाख़िला लेने वाले छात्रों की स्थिति का अध्ययन कर उन्हें सरकार की तरफ से आर्थिक मदद भी की जाएगी.

स्कूल का मुख्य उद्देश्य पूर्ण रूप से अंधे और आंशिक रूप से अंधे लड़के और लड़कियों को बेहतरीन शिक्षा उपलब्ध कराना होगा. स्कूल को सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा वितीय मदद मिलेगी. हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को बिस्तर, कपड़े, बर्तन और स्वास्थ संबंधी सुविधा भी मिलेगी.

हशमत अली के अनुसार मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती और केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री से मुलाकात हुई थी. केंद्रीय मंत्री ने सहयोग करने का आश्वासन दिया है, लेकिन राज्य सरकार को ज़मीन चुनने का ज़िम्मा सौंप था, जो हो चुका है.

पैलेट गन की मार से 15 वर्षीया इंशा लोन भी पूर्ण रूप से अंधी हो गई थी. नई दिल्ली एआईआईएमएस में 6 आपरेशन के बावजूद इंशा की आंखे नहीं लौट सकी. हशमत के अनुसार ब्लाइंड स्कूल की योजना तब बनी जब इंशा ने अपने परिजनों से स्कूल जाने की ज़िद की थी.

जम्मू और कश्मीर सरकार के एक अधिकारी के अनुसार स्कूल में सभी आधुनिक सुविधाएं होंगी. स्कूल का मुख्य उद्देश्य छात्रों की क्षमता का निर्माण करना होगा, ताकि वह बाक़ी बचा जीवन अच्छे से बिता सकें.

पिछले वर्ष कश्मीरी नागरिकों और सेना के बीच हुई हिंसा में लगभग एक हज़ार कश्मीरी पैलेट गन से घायल हुए थे. पैलेट गन की मार से कइ बच्चों की आंख की रोशनी पूरी तरह चली गई, जबकि तमाम आंशिक रूप से भी अंधे हो गए थे.