बीजद उपाध्यक्ष वेदप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि पांडा ने इस बात को छुपाया कि वह इंडियन मेटल एंड फेरो एलॉय लिमिटेड के कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे हैं और करोड़ों रुपये वेतन ले रहे हैं.
भुवनेश्वर: ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने अपने निलंबित लोकसभा सांसद बैजयंत पांडा से कहा है कि वह नैतिक आधार पर लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दें. इस बीच बीजद के निलंबित सांसद बैजयंत पांडा ने पुरी स्थित ओडिशा के दिवंगत नेता बीजू पटनायक के स्मारक का दौरा किया.
इस दौरान समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में में बैजयंत पांडा ने कहा, ‘मैं हैरान हूं कि मेरे निलंबन के बाद मेरे साथी मुझमें तमाम साथी मुझ में ख़ामियां देख रहे हैं, ऐसा उन्होंने पिछले दो दशकों में कभी नहीं किया. मेरे ऊपर लगाए गए इल्ज़ाम सरासर ग़लत हैं. मेरी ग़लती सिर्फ़ ये हैं कि मैंने सच कहा. सभी जानते हैं कि पार्टी पर किसका कब्ज़ा रहा है. आज अगर बीजू बाबू (बीजू पटनायक) ज़िंदा होते तो क्या इस बात की प्रशंसा करते.’
बीजद ने केंद्रपाड़ा से सांसद पांडा को 24 जनवरी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निलंबित कर दिया था. उन पर आरोप था कि उन्होंने सांसद निधि का दुरुपयोग किया है.
पार्टी ने पांडा पर यह आरोप भी लगाया है कि उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनाव आयोग को फ़र्ज़ी हलफ़नामा सौंपा था. हालांकि, पांडा ने इस आरोप को नकारा है.
I'm shocked after my suspension my colleagues found all faults with me which they never did in 2 decades. Allegations are utterly false. Only fault I had was speaking truth. Everyone knows who hijacked the party. Had Biju babu been alive he would've appreciated it: Bijayant Panda pic.twitter.com/vBnGZWJeLG
— ANI (@ANI) January 27, 2018
बीजद के उपाध्यक्ष एवं पार्टी के विधायक वेदप्रकाश अग्रवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘पांडा ने इस बात को छुपाया कि वह इंडियन मेटल एंड फेरो एलॉय लिमिटेड (आईएमएफए) के उपाध्यक्ष के तौर पर काम कर रहे हैं और करोड़ों रुपये का वेतन ले रहे हैं. उन्होंने इस तथ्य को क्यों छुपाया?’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बीजद ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान पांडा ने सालाना वेतन और भत्ते के रूप में दो करोड़, 79 लाख, 1.45 करोड़, 1.60 करोड़ और 7.66 करोड़ रुपये लिए हैं.
अग्रवाल ने कहा कि लोकसभा चुनावों के सिलसिले में 21 मार्च 2014 को दाखिल हलफनामे में उन्होंने यह बात छुपाई.
बहरहाल, पांडा ने पत्रकारों को बताया, ‘मेरे खिलाफ आरोप पूरी तरह गलत और बेबुनियाद हैं. चुनाव आयोग के समक्ष हलफनामा दाखिल करते वक्त मैं हमेशा देश के शीर्ष वकीलों से राय-मशविरा करता हूं.’
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में पांडा ने कहा, ‘ये आरोप पूरी तरह से ग़लत है और मेरी छवि ख़राब करने के साथ ही ओडिशा में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति से लोगों का ध्यान खींचने की कोशिश है. जो भी मेरे चुनावी हलफ़नामे को लेकर इस तरह के आरोप लगा रहा है वह मामले को चुनाव आयोग या फिर न्यायालय के समक्ष ले जाने के लिए स्वतंत्र है.’
बैजयंत पांडा ओडिशा की केंद्रपाड़ा सीट से लोकसभा सांसद हैं. साल 2009 और 2014 में पांडा लोकसभा के लिए चुने गए जबकि 2000 से 2009 तक राज्यसभा सदस्य रहे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)