फेसबुक के ज़रिये होने वाली शादियों का विफल होना तय: गुजरात उच्च न्यायालय

फेसबुक के ज़रिये हुई शादी के एक मामले में दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जेबी पर्दीवाला ने की टिप्पणी.

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(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ब्लूमबर्ग)

फेसबुक के ज़रिये हुई शादी के एक मामले में दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जेबी पर्दीवाला ने की टिप्पणी.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ब्लूमबर्ग)
(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ब्लूमबर्ग)

अहमदाबाद: युवाओं के नए मित्र और जीवनसाथी ढूंढने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेने की बढ़ती प्रवृत्ति पर गुजरात उच्च न्यायालय ने एक दंपति को अपना विवाह संबंध समाप्त करने की सलाह दी है क्योंकि फेसबुक के ज़रिये होने वाली शादी का ‘विफल होना तय’ है.

न्यायमूर्ति जेबी पर्दीवाला ने यह टिप्पणी अपने 24 जनवरी के आदेश में की. इसमें उन्होंने घरेलू हिंसा के एक मामले का निस्तारण किया. इस मामले में राजकोट की फैंसी शाह ने दक्षिण गुजरात के नवसारी शहर के अपने पति जयदीप शाह और अपने सास-ससुर पर दहेज के लिए उसे प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था.

टाइम्स आॅफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, फैंसी ने अपना ससुराल छोड़ दिया था. उन्होंने अपने पति और ससुरालवालों पर दहेज की मांग को लेकर उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. फैंसी ने ससुरालवालों के ख़िलाफ़ दहेज प्रतिबंध अधिनियम और आईपीसी की धारा 498ए, 323 और 504 के तहत महिला थाने में केस भी दर्ज करवाया था.

न्यायाधीश ने कहा, ‘उनकी शादी हुई और दो महीने के भीतर उनके वैवाहिक जीवन में समस्या आने लगी. मैं इस तथ्य पर ग़ौर करूंगा कि पक्षों ने मामले का समाधान करने का प्रयास किया. हालांकि समझौता नहीं हो सका.’

न्यायाधीश ने कहा, ‘यह फेसबुक पर निर्धारित आधुनिक शादियों में से एक है, जिसका विफल होना तय है.’

नवसारी का रहने वाला जयदीप फेसबुक के ज़रिये 2011 में फैंसी के संपर्क में आया. वह उस दौरान इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था. फरवरी 2015 में दोनों की उनके माता-पिता की रज़ामंदी से शादी हुई. हालांकि, उनके दांपत्य जीवन में दो महीने के भीतर ही परेशानी आने लगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)