इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, नगालैंड, त्रिपुरा, मेघालय, मिज़ोरम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और मणिपुर के प्रमुख समाचार.
नई दिल्ली: भाजपा ने शनिवार को त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए अपने 44 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की. पार्टी राज्य में वाम मोर्चा से सत्ता छीनने के इरादे से चुनाव मैदान में उतरेगी. मोर्चा पिछले 25 साल से राज्य में सत्तासीन है.
राज्य विधानसभा में सीटों की संख्या 60 है. सूची जारी करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता जयप्रकाश नड्डा ने कहा कि पार्टी प्रमुख अमित शाह के नेतृत्व वाली केंद्रीय चुनाव समिति ने 44 उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप दिया.
पार्टी 51 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और नौ सीटें अपने गठबंधन सहयोगी के लिए छोड़ देगी. राज्य में पार्टी अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का ऐलान करने से बच रही है.
सूची में भाजपा राज्य इकाई महासचिव प्रतिमा भौमिक का भी नाम है, जो मुख्यमंत्री माणिक सरकार के चुनाव क्षेत्र धनपुर से चुनाव मैदान में उतरेंगी.
पार्टी ने अपनी राज्य इकाई के अध्यक्ष बिप्लव कुमार देव को बनमालीपुर से टिकट देने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, ‘हमने उम्मीदवारों का चयन करते समय समाज के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया है. दस सीटें अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित होने के चलते हम अनुसूचित जाति के 11 उम्मीदवार उतार रहे हैं. अनुसूचित जाति के एक उम्मीदवार को सामान्य सीट से चुनाव मैदान में उतारा जा रहा है.’
भाजपा-आईपीएफटी में हुआ गठबंधन
अगरतला: त्रिपुरा में पिछले 25 साल से लगातार सत्ता में कायम वाम मोर्चा को बेदखल करने की कोशिश के तहत भाजपा ने राज्य विधानसभा चुनाव के लिए आईपीएफटी के साथ एक गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया.
राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 18 फरवरी को मतदान होगा. चुनाव परिणाम 3 मार्च को आएंगे.
नार्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस (नेडा) के प्रमुख हिमंत बिस्वा शर्मा ने इस बारे में गुरुवार को यहां घोषणा करते हुए संवाददाताओं से कहा कि दोनों पार्टियां त्रिपुरा के मूल निवासियों की सामाजिक-आर्थिक, शैक्षणिक, भाषायी और राजनीतिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम बनाने को लेकर सहमत हुई.
असम के वित्त मंत्री शर्मा ने कहा कि भाजपा और इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के बीच गठबंधन लोगों की मांग के सम्मान में और वाम विरोधी वोटों के बिखराव को रोकने के लिए किया गया है.
उन्होंने कहा, ‘हमें इस बारे में संदेह नहीं है कि हम माकपा नीत वाम मोर्चा से शासन अपने हाथों में ले लेंगे.’ शर्मा ने कहा कि लोग पिछले 25 साल में माकपा के कुशासन और अत्याचार से तंग आ गए हैं और वे बदलाव चाहते हैं.
गौरतलब है कि वाम मोर्चा का पिछले 25 साल से त्रिपुरा में शासन है. राज्य में मौजूदा मुख्यमंत्री माणिक सरकार का सबसे लंबा शासन रहा है और वह 20 साल से सत्ता संभाले हुए हैं.
आईपीएफटी नहीं उठाएगा पृथक राज्य की मांग: भाजपा
अगरतला: इससे पहले चुनाव पूर्व गठबंधन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे रही भाजपा ने सोमवार को कहा था कि वाम विरोधी जनजातीय मोर्चा अब पृथक राज्य की अपनी मांग नहीं उठाएगा.
भाजपा के त्रिपुरा प्रभारी सुनील देवधर ने कहा कि दोनों पक्ष मामले पर जल्द ही एक संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करेंगे.
उन्होंने दावा किया, ‘आईपीएफटी तिप्रालैंड या पृथक राज्य की मांग नहीं उठाएगा. यह दोनों पक्षों के बीच होने वाले न्यूनतम साझा कार्यक्रम के अनुरूप काम करेगा.’
भाजपा ने त्रिपुरा के जनजातीय लोगों की समस्याओं के समाधान का भी आश्वासन दिया. देवधर ने समाचार एजेंसी भाषा को बताया, ‘हम राज्य के सामाजिक-आर्थिक, सामाजिक-सांस्कृतिक और भाषायी चिंताओं के समाधान पर सहमत हुए हैं.’
उन्होंने कहा कि आईपीएफटी के साथ चुनावी गठबंधन करने के लिए पिछले हफ्ते गुवाहाटी में दो दिवसीय बैठक में बातचीत हुई.
देवधर ने कहा, ‘असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव अन्य वाम विरोधी आदिवासी दलों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन के तौर-तरीकों पर काम करने के लिए राज्य पहुंचे.’ भाजपा जनजातियों को अधिक स्वायत्तता देना चाहती है जिनका राज्य की आबादी में एक तिहाई हिस्सा है.
उन्होंने कहा, ‘आईपीएफटी के साथ गठबंधन को अंतिम रूप मिलने के बाद हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि हम जनजातियों के लिए सुरक्षित 20 सीटों में से 18 सीटों पर जीत दर्ज करेंगे और 60 सदस्यीय विधानसभा में बड़ा बहुमत हासिल करेंगे.’
देवधर ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य का विभाजन नहीं होने देगी. उन्होंने कहा, ‘गठबंधन के सत्ता में आने के बाद राज्य के सभी 19 जनजातीय समूहों को अधिक स्वायत्तता देने के लिए जनजातीय परिषद को सशक्त बनाया जाएगा. परिषद को राज्य का एक तिहाई बजट मिलेगा.’
अतिवादी समूहों से गठबंधन कर रही है भाजपा: येचुरी
कोलकाता: माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने सोमवार 21 जनवरी को भाजपा पर ‘दोहरे मापदंड’ अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि वह पूरे देश में खुद को राष्ट्रवादी ताकत के तौर पर पेश करती है, लेकिन त्रिपुरा में ‘अतिवादी संगठनों’ के साथ हाथ मिला लिया है.
येचुरी ने दावा किया कि त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ेगा और यह राज्य उसके लिए ‘वाटरलू’ साबित होगा. राज्य में माकपा के नेतृत्व वाले वाम मोर्च की सरकार है.
माकपा नेता ने कहा कि भाजपा राज्य विधानसभा चुनाव जीतने के लिए वाम विरोधी ताकतों को एकजुट करने की कोशिश कर रही है.
येचुरी ने कहा, ‘भाजपा वाम विरोधी ताकतों और अतिवादी संगठनों को साथ लाने की कोशिश कर रही है. उसनेआईपीएफटी के साथ गठबंधन भी कर लिया है. वे दूसरे लोगों के साथ भी बातचीत कर रहे हैं.’
वाम मोर्चा के उम्मीदवारों की सूची में 12 नए चेहरे, 12 मौजूदा मंत्री
अगरतला: त्रिपुरा के आगामी विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ वाम मोर्चा के 60 उम्मीदवारों की सूची में 12 नये चेहरे एवं इतने ही मौजूदा मंत्रियों के नाम शामिल हैं.
12 नये चेहरों के अलावा वाम मोर्चा के उम्मीदवारों की सूची में हैरान करने वाली और कोई बात नहीं है क्योंकि अधिकतर पुराने नेताओं को इसमें जगह दी गयी है. यह सूची मंगलवार 23 जनवरी को जारी की गयी.
सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल तीन मुख्य दल आरएसपी, भाकपा और फॉरवर्ड ब्लॉक को एक-एक सीट दी गयी. पिछले चुनाव में इन्हें दो-दो सीटें दी गयी थीं.
वाम मोर्चा के नवनियुक्त संयोजक बिजन धर ने कहा कि जनाधार रखने वाले उम्मीदवारों को नामांकित किया गया है. माकपा की प्रदेश इकाई के सचिव धर ने यह भी बताया कि इस बार कुल मिलकर सात महिलाएं विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं जो पिछले बार से दो ज्यादा है.
उन्होंने कहा, ‘किसी मंत्री को उम्मीदवारों की सूची से हटाया नहीं गया है. वे अपने अपने मौजूदा निर्वाचन क्षेत्रों से ही चुनाव लड़ेंगे.’ धर ने कहा कि मुख्यमंत्री माणिक सरकार अपने गढ़ धनपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे.
नये चेहरों में अगरतला नगर निगम परिषद के मेयर बिश्वनाथ साहा (फॉरवर्ड ब्लॉक) और डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) की प्रदेश शाखा के अध्यक्ष अमल चक्रवर्ती (माकपा) शामिल हैं.
उन्होंने कहा, ‘वाम मोर्चा भारी बहुमत से चुनाव जीतेगा और भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन को चुनाव में करारा जवाब देगा.’
वाम मोर्चा सरकार से लोगों का मोहभंग हुआ: भाजपा
अगरतला: भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि त्रिपुरा में माकपा नीत वाम मोर्चा सरकार से लोग ‘ऊब’ चुके हैं और पार्टी को भाजपा के हाथों हार का सामना करना पड़ेगा.
नेडा के अध्यक्ष हेमंत बिस्व सरमा ने कहा, ‘वाम मोर्चा सरकार के भाग्य को अब दीवारों पर लिखा जा रहा है. राज्य के लोग इसके कुशासन और भ्रष्टाचार के कारण मौजूदा सरकार से ऊब चुके हैं.’
पिछले 25 वर्षों से राज्य की सत्ता चला रही वाम मोर्चा सरकार को हटाने के उद्देश्य से भाजपा ने हाल में वाम दल विरोधी इंडिजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ गठबंधन किया था. आईपीएफटी जनजातीय लोगों के लिए एक पृथक राज्य की मांग करती रही है.
भाजपा ने त्रिपुरा की 60 सीटों में से 51 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है और शेष नौ सीटें आईपीएफटी को दी गई है.
माकपा का कहना है कि लोग एक बार फिर वाममोर्चा सरकार पर भरोसा जतायेंगे क्योंकि सरकार ने अपने चुनावी वादों को पूरा किया है.
माकपा की राज्य इकाई के सचिव बिजन धर ने कहा, ‘हमने विकास का एक वैकल्पिक मॉडल बनाया है जिससे गरीब लोगों को अधिकतम लाभ हुआ है. वे (लोग) हमें एक बार फिर वोट देंगे.’
इस समय 60 सदस्यीय विधानसभा में वाममोर्चा के 51 विधायक है. भाजपा के सात और कांग्रेस के दो विधायक है.
उधर कांग्रेस की राज्य इकाई के उपाध्यक्ष तापस डे ने कहा, ‘राज्य में भाजपा जैसी सांप्रदायिक ताकतों को इसलिए जमीन मिल रही है क्योंकि वामपंथी अपनी विचारधारा से भटक गये है और वे भाई-भतीजावाद में लिप्त हो गये है.’
उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री माणिक सरकार ईमानदार हो सकते है लेकिन वह पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के भ्रष्ट कृत्यों को रोकने में विफल रहे है.’
विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना जारी
अगतरला: निर्वाचन आयोग ने अगले महीने की 18 तारीख को त्रिपुरा में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. 18 फरवरी को होने वाले मतदान के बाद मतों की गिनती तीन मार्च को होगी और पूरी निर्वाचन प्रक्रिया पांच मार्च को सम्पन्न होगी.
राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों के सभी मतदान केंद्रों पर इस बार ईवीएम मशीन और वीवीपैट मशीनो का इस्तेमाल किया जाएगा. 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा का कार्यकाल 14 मार्च को समाप्त हो रहा है .
सूबे के साठ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से दस अनुसूचित जाति एवं 20 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. प्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए 3,214 मतदान केंद्र बनाए गए हैं . यह आंकड़ा 2013 में हुए विधानसभा चुनावों की अपेक्षा 5.6 फीसदी अधिक है,
तस्वीर आधारित मतदाता पर्ची मतदान से कम से कम सात दिन पहले मतदाआओं के बीच वितरित की जाएगी. मालूम हो कि राज्य में सभी मतदाताओं को फोटो पहचान पत्र दिया गया है. राज्य में कुल 25 लाख, 69 हजार 216 मतदाता हैं, जो विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे.
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी तापस राय ने बताया कि 19 पर्यवेक्षक प्रदेश में पहुंच चुके हैं जो राजनीतिक दलों के खर्चों का आकलन करेंगे. साफ-सुथरी और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया के लिए चुनावी राज्य में सुरक्षा बलों की कुल 300 कंपनियां तैनात की जाएंगी.
उन्होंने बताया कि राज्य के विभिन्न इलाकों में केंद्रीय बलों की 75 कंपनियां तैनात की गयी हैं. राज्य में शराब और पैसों के अवैध वितरण तथा अन्य गैर कानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए निगरानी टीम तैनात की गयी हैं.
मेघालय, त्रिपुरा विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने जारी की उम्मीदवारों की सूची
नई दिल्ली: कांग्रेस ने मेघालय एवं त्रिपुरा विधानसभा चुनावों के लिए शनिवार को अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की जिसमें मेघालय के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा दो सीटों से चुनाव लड़ेंगे.
कांग्रेस ने मेघालय की 60 सीटों में से 57 के लिए और त्रिपुरा की 60 में से 55 सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों की सूची जारी की.
कांग्रेस मेघालय में जहां अपनी सत्ता बचाने के लिए चुनाव मैदान में उतरेगी वहीं त्रिपुरा में उसका मुख्य मुकाबला माकपा से होगा. कांग्रेस ने मेघालय में मुख्यमंत्री मुकुल संगमा को सोंगसाक और आमपथी विधानसभा सीटों से मैदान में उतारा है.
इससे पहले मेघालय कांग्रेस के अध्यक्ष सी लिंगदोह ने बताया था कि राज्य के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा विधानसभा चुनाव में गारो हिल्स क्षेत्र की दो सीटों से चुनाव लड़ने को उत्सुक है.
मुख्यमंत्री आवास पर समिति की बैठक भी हुई थी जिसमें उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की गई थी.
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पार्टी को कुछ सीटों पर उम्मीदवार ढूंढने में दिक्कत हो रही है, खासतौर पर वहां जहां के विधायक कांग्रेस छोड़ नेशनल पीपुल्स पार्टी या भाजपा में शामिल हो गए हैं.
कांग्रेस को मंगलवार को तब झटका लगा, जब उत्तर गारो हिल्स जिले के रेसुबेलपाड़ा के 42 नेताओं ने पार्टी का दामन छोड़ दिया. वे एक निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन कर सकते हैं.
असम: दीमा हसाओ में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू, नगा मसौदे की खबर पर प्रदर्शन में दो की मौत
हाफलांग/गुवाहाटी: पुलिस की गोलीबारी में दो लोगों के मारे जाने के बाद असम के दीमा हसाओ जिले में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू और 48 घंटे के बंद के बाद जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. जिले में शुकवार से अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाया गया था.
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘कर्फ्यू अब भी जारी है . यह अनिश्चितकालीन है . स्थिति अब भी तनावपूर्ण है हालांकि पिछले 24 घंटे में किसी प्रकार के अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.’’
ज्ञात हो कि जिले के माइबांग इलाके में 25 तारीख को नगा शांति समझौते के आरएसएस की तरफ से जारी कथित मसौदे में दीमा हसाओ को नए राज्य ‘ग्रेटर नगालिम’ में शामिल किए जाने की खबर के बाद लोगों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया, जहां पुलिस ने गोली चला दी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गयी थी.
सूत्रों ने बताया कि हालात पर नियंत्रण करने के लिये पुलिस ने हवा में गोली चलाई, जिसमें 10 लोग घायल हुए.
प्रदर्शनकारियों की उग्र भीड़ ने गुरुवार को माइबांग रेलवे स्टेशन पर हमला किया था और 12 घंटे के दीमा हसाओ बंद के दौरान यात्रियों को ट्रेन से उतार दिया था.
भीड़ ने गुवाहाटी से सिलचर जाने वाली एक ट्रेन पर हमला बोला और लोगों को ट्रेन से उतार लिया. इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और भीड़ पर नियंत्रण के लिए हवा में गोली चलाईं.
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि गोलीबारी में कोई घायल नहीं हुआ लेकिन कुछ लोगों को मामूली चोट आई. वे मौके से भागने की कोशिश में गिर गये थे.
जिले के कई संगठनों ने ग्रेटर नागालिम में दिमा हसाओ को शामिल करने की खबरों के खिलाफ प्रदर्शन किया. पुलिस ने पहले प्रदर्शनकारियों पर लाठी चलाईं और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले, पटरियों को रोकने वाले और पथराव करने वाले लोगों पर आंसूगैस के गोले छोड़े.
पुलिस गोलीबारी के विरोध में कई संगठनों ने जिले के संदर्भ में नागालिम मुद्दे पर सरकार से लिखित बयान जारी करने की मांग की.
माइबांग में हिंसा के बाद विभिन्न समूहों ने दीमा हसाओ में शुक्रवार को सुबह से 48 घंटे के बंद का आह्वान किया. प्रदर्शनकारी पुलिस उपायुक्त के तत्काल निलंबन तथा सभी दस घायलों को पांच-पांच लाख रुपये दिये जाने की मांग पर अडे़ थे.
अधिकारियों ने बताया कि जल संसाधन मंत्री केशव महंता और पीडब्ल्यूडी मंत्री परिमल शुक्ला बैद्य ने शनिवार सुबह माइबांग जाकर स्थिति का जायजा लिया. इस बीच न्यू हाफलांग स्टेशन पर फंसे यात्रियों ने सुविधाओं की कमी तथा दूसरे स्थान पर जाने के लिए कोई अन्य व्यवस्था नहीं होने के आरोप में रेलवे की संपति को नुकसान पहुंचाया .
गुवाहाटी में उद्योग मंत्री चंद्र मोहन पटरवारी ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि सरकार ने 30 बसों का बेड़ा फंसे यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रवाना किया है.
गणतंत्र दिवस पर राज्य में हुए तीन बम धमाके, कोई हताहत नहीं
गुवाहाटी: असम के तिनसुकिया जिले में गणतंत्र दिवस के मौके पर कम तीव्रता वाले तीन बम धमाके हुए. पुलिस ने बताया कि उसने लखीमपुर जिले में कल रात तलाशी अभियान के दौरान एक आईईडी और दो जिलेटिन की छड़ें बरामद कीं.
तीन विस्फोटों को तिनसुकिया जिले में दो अलग-अलग स्थानों पर उल्फा (आई) के संदिग्ध उग्रवादियों ने अंजाम दिया. पुलिस ने बताया कि विस्फोटों में किसी के भी हताहत होने की खबर नहीं है.
पुलिस ने बताया कि दो विस्फोट चंद मिनट के अंतराल पर जागुन थाने के निकट एक नाले में हुए और तीसरा धमाका लीडो थाने के निकट तिरप कोलियरी में हुआ.
पुलिस महानिदेशक मुकेश सहाय ने गुवाहाटी में संवाददाताओं से कहा कि विस्फोट कम तीव्रता के थे और इसे उल्फा (आई) ने अपने अस्तित्व को दिखाने के लिये अंजाम दिया.
पुलिस ने बताया कि इस बारे में जांच चल रही है और जिले में सुरक्षा के उपाय और कड़े कर दिये गए हैं.
असम: संघ प्रमुख बोले- जब तक हिंदुत्व फलेगा, तब तक ही बना रहेगा भारत का अस्तित्व
गुवाहाटी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भावगत ने बीते रविवार को कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ अपनी सारी शत्रुता भूल गया, लेकिन पड़ोसी देश ने ऐसा नहीं किया.
पूर्वोत्तर में आरएसएस के स्वयंसेवकों की बैठक को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि जब तक हिंदुत्व फले-फूलेगा तब तक ही भारत का अस्तित्व बना रहेगा.
पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में चुनाव से कुछ दिनों पहले संघ प्रमुख ने यहां बैठक को संबोधित किया.
उन्होंने कहा, ‘संघर्ष हुआ. पाकिस्तान का जन्म हुआ. भारतवर्ष 15 अगस्त, 1947 से ही पाकिस्तान के साथ शत्रुता भूल गया. पाकिस्तान अब तक नहीं भूला. हिंदू स्वभाव और दूसरे के स्वभाव में यही अंतर है.’
भागवत ने कहा कि मोहनजोदड़ो, हड़प्पा जैसी प्राचीन सभ्यता और हमारी संस्कृति जिन स्थानों पर विकसित हुई, अब वे पाकिस्तान में हैं.
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान ने (भारत से) क्यों नहीं कहा कि भारत का सब कुछ यहीं पैदा हुआ, ऐसे में हम भारत हैं और आप दूसरा नाम अपनाइए. उन्होंने ऐसा नहीं कहा और इसके बजाय वे भारत के नाम से अलग होना चाहते थे क्योंकि वे जानते थे कि भारत के नाम से ही हिंदुत्व आ जाता है. हिंदुत्व यहां है, इसलिए यह भारत है.’
भावगत ने कहा कि अपनी विविधता के बावजूद भारत के एकजुट रहने की वजह हिंदुत्व है. उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां हिंदुत्व पर आधारित आंतरिक एकता है और इसीलिए भारत एक हिंदू राष्ट्र है.’
आरएसएस के सरसंघचालक ने कहा कि भारत इस विश्व को मानवता का संदेश देता है.
उन्होंने कहा, ‘दूसरे बात करते हैं, लेकिन उनके आचरण में यह नहीं होता है. भारत अपने आचारण से दूसरों को शिक्षा देता है. भारतवर्ष के इस स्वभाव को विश्व हिंदुत्व का नाम देता है.’
भागवत ने कहा, ‘अगर भारत के लोग हिंदुत्व की भावना को भूल जाते हैं तो देश के साथ उनका संबंध भी खत्म हो जाएगा.’
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के विघटन के बाद बांग्लाभाषी बांग्लादेश भारत में शामिल क्यों नहीं हुआ? क्योंकि वहां हिंदुत्व की भावना नहीं है. अगर हिंदुत्व की भावना भूला दी गई तो भारत टूट जाएगा.’
भागवत ने यह भी कहा कि गोरक्षा और गो-निर्भरता वाली कृषि भारतीय किसानों के संकट का एकमात्र समाधान है. उन्होंने अपील की कि लोग इस दिशा में काम करें.
नगालैंड: एनआईए ने स्वयंभू ब्रिगेडियर को गिरफ्तार किया
नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों एनएससीएन-यू और एनएससीएन-के के कैडरों को सरकारी हथियार और असलहे उपलब्ध कराने में कथित संलिप्तता मामले में नगालैंड से एक स्वंयभू ब्रिगेडियर को गिरफ्तार किया है.
जांच एजेंसी ने शुक्रवार को एक बयान जारी करके बताया कि दीमापुर के यूनिटी गांव के अहीतो चोपे को एनआईए और असम राइफल्स के संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया गया. आरोपी को कोहिमा में जुब्जा क्षेत्र में पकड़ा गया.
नगालैंड के दीमापुर में एनआईए की अदालत ने चोपे के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था.
अधिकारियों ने उसके कब्जे से एक एके-56 रायफल, नौ एमएम की दो पिस्तौल, गोला बारूद और 1,32,000 रूपए नकद बरामद किए . उसे गुरुवार दीमापुर में एनआईए की अदालत में पेश किया गया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
बयान में कहा गया कि 2013 में दर्ज मामला सरकारी असलहों तथा गोलाबारूद को उग्रवादी संगठनों को दिए जाने से जुड़ा है.
त्रिपुरा: राज्य में रेल की पटरियों पर हुई तोड़-फोड़
अगरतला: त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने शनिवार को ट्वीट किया कि राज्य में हाल में बिछायी गयी रेल पटरियों की तोड़-फोड़ की घटनाएं हो रही हैं और वे इस मुद्दे पर पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफ) एवं राज्य सरकार के साथ संपर्क में हैं.
राज्यपाल ने ट्वीट किया, ‘त्रिपुरा के कुछ क्षेत्रों में हाल में बिछाई गयीं रेल पटरियों की तोड़ फोड़ के मामले सामने आये हैं. फिश-प्लेटों को हटाने और रेल पटरियों को काटने के प्रयास किए जाने की रिपोर्टें मिली हैं. इस संबंध में मैं महाप्रबंधक, एनएफ रेलवे एवं राज्य सरकार के संपर्क में हूं.’
Cases of sabotage of newly-laid rail track taking place in parts of Tripura. Removal of fish-plates and an attempt at sawing through a rail have been reported. I am in touch with General Manager,N F Railway and the state government
— Tathagata Roy (@tathagata2) January 27, 2018
पुलिस अधीक्षक (जीआरपी) नागेंद्र देब बर्मा ने कहा कि करीब डेढ़ महीने पहले पटरियों पर लगायी गयी फिश-प्लेटों को संभवत: किसी धारदार कटर से काट दिया गया था लेकिन रेलवे के इंजीनियरों ने उनकी मरम्मत कर दी थी.
मेघालय: दो दिन के दौरे पर आएंगे राहुल गांधी
शिलांग: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 30 जनवरी को दो दिन के मेघालय दौरे पर पहुंच रहे हैं. राज्य में अगले महीने विधानसभा चुनाव है.
मेघालय में 60 सदस्यीय विधानसभा सीटों के लिए 27 फरवरी को मतदान होगा और तीन मार्च को नतीजे घोषित किए जाएंगे.
मेघालय प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष एवं शिलांग से सांसद विंसेट पाला ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से कहा, ‘हमारी पार्टी के अध्यक्ष (राहुल गांधी) 30 जनवरी को यहां पहुंचेंगे और जैनिता हिल्स, गारो हिल्स और शिलांग में नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे.’
उन्होंने कहा कि राहुल अपनी इस यात्रा के दौरान किसी जनसभा को संबोधित नहीं करेंगे.
हाल के दिनों में मेघालय में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा क्योंकि उसके पांच विधायक इस्तीफा देकर एनपीपी में शामिल हो गए. दो अन्य विधायक भाजपा और नवगठित पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट में शामिल हो गए.
राज्य में बनेगी क्षेत्रीय दलों की सरकार: यूडीपी नेता
शिलांग: मेघालय में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) ने कहा है कि राज्य में अगली सरकार क्षेत्रीय दलों की बनेगी.
यूडीपी के कार्यकारी अध्यक्ष पॉल लिंगदोह ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से कहा, ‘हम अगली सरकार बना रहे हैं और इसको लेकर किसी तरह का संदेह नहीं है. हम 60 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के आंकड़े 31 तक पहुंचने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे.’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्य में 15 वर्षों से सत्ता में है और सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है, जबकि भाजपा यहां के लोगों के दिल जीतने के लिए संघर्ष कर रही है.
साल 2013 के विधानसभा चुनाव में यूडीपी को आठ सीटें मिलीं थीं और वह दूसरे स्थान पर रही थी. तब कांग्रेस ने 29 सीटें जीती थीं और 13 निर्दलीय तथा दो राकांपा विधायकों की मदद से सरकार का गठन किया था.
इस बार यूडीपी ने ‘हिल्स स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी’ (एचएसडीपी) और गारो नेशनल काउंसिल (जीएनएस) जैसी क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन किया है.
नगालैंड: राज्य में आचार संहिता पूरी तरह से प्रभावी- चुनाव अधिकारी
कोहिमा: नगालैंड के मुख्य चुनाव अधिकारी अभिजीत सिन्हा ने राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और राज्य सरकार का ध्यान चुनाव आचार संहिता की ओर दिलाया है जो 18 जनवरी को राज्य में प्रभावी हुई थी.
साठ सदस्यीय राज्य विधानसभा का चुनाव 27 फरवरी को होना है. बुधवार को जारी बयान में सीईओ ने चुनाव आचार संहिता, चुनाव अपराधों और चुनाव खर्च निगरानी पर चुनाव आयोग द्वारा जारी निर्देश दोहराए.
उन्होंने बताया कि अगर उम्मीदवार, उनके एजेंट या पार्टी कार्यकर्ता को लेकर जा रहे किसी वाहन में 50 हजार रुपये से अधिक की नकदी मिलती है तो उसे जब्त किया जाएगा.
सिन्हा ने नागरिकों से कहा कि अगर उन्हें 50 हजार रुपये से अधिक नकदी लेकर जाना है तो इसके स्रोत और धन के उद्देश्य संबंधी दस्तावेज रखने होंगे.
नगा आदिवासी निकायों, नागरिक समाज ने की चुनाव के बजाय समाधान की मांग
कोहिमा: नगालैंड में आदिवासी संगठनों, नागरिक समाज और अन्य समूहों ने ‘समाधान न कि चुनाव’ की मांग की और राज्य में 27 फरवरी को होने वाला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने के लिए राजनीतिक पार्टियों से संपर्क करने का फैसला किया.
गुरुवार को यहां हुई एक बैठक के दौरान विधानसभा चुनाव से पहले नगा राजनीतिक मुद्दे के समाधान की बढ़ती मांग के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया. इस बैठक में आदिवासी निकाय, नागरिक समाज, महिला संगठनों और छात्रों समेत 19 संगठनों ने हिस्सा लिया.
बैठक में संकल्प लिया गया कि नगा लोग ‘चुनाव से पहले समाधान’ की मांग पर दृढ़ रूप से खड़े होंगे और इस मांग पर आम सहमति बनाने के लिए राज्य के सभी राजनीतिक दलों से भी संपर्क करेंगे.
पांच राजनीतिक दलों कांग्रेस, नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी, जेडी (यू), एनसीपी और नगालैंड कांग्रेस बैठक में शामिल हुए और निर्णय को लेकर अपनी रजामंदी जाहिर की.
राज्य में चुनाव के खिलाफ है एनएससीएन-आईएम
गुवाहाटी: नगा उग्रवादी समूह एनएससीएन-आईएम ने नगालैंड में विधानसभा चुनाव का विरोध किया है और कहा है कि केंद्र सरकार के साथ चल रही शांति वार्ताओं को यह चुनाव ‘कमजोर’ करेगा और शीघ्र राजनीतिक समाधान खोजने में एक ‘गंभीर अवरोध’ पैदा करेगा.
वर्ष 1997 से केंद्र के वार्ताकारों के साथ शांति वार्ताओं में शामिल एनएससीएन-आईएम ने एक बयान में कहा कि ‘थोपा’ गया विधानसभा चुनाव नगा लोगों को स्वीकार्य नहीं है.
नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (इसाक मुईवा) ने कहा, ‘इसलिए, थोपे गये चुनाव की वकालत करने वाले, नगा लोगों के हित को नहीं समझ सकते हैं. हम ऐसे लोग या समूह के गंभीर आलोचना करते हैं क्योंकि वे स्थायी राजनीतिक समाधान खोजने में योगदान नहीं दे सकते हैं .’
60 सदस्यीय नगालैंड विधानसभा के लिए 27 फरवरी को चुनाव होगा.
एनएमए ने राजनीतिक दलों से चुनाव न लड़ने का आह्वान किया
कोहिमा: नगा मदर्स एसोसिएशन (एनएमए) ने बुधवार को राजनीतिक दलों से नगालैंड विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने की अपील की और कहा कि पहले उग्रवाद की समस्या के समाधान हो.
एनएमए सचिव लोचुम्बेनी हमत्सो ने कहा कि नगा लोग चुनाव नहीं, हल चाहते हैं और इस समस्या का हल होना सभी नगाओं के लिए अनिवार्य है.
उन्होंने नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन (एनएसएफ) द्वारा आयोजित रैली में कहा कि नगा माताओं की आकांक्षा स्थायी शांति है जो बदलाव एवं एकता लाएगी.
उन्होंने कहा, ‘नगा लोग चुनाव कराने के विरुद्ध हैं. एनएमस ने भी चुनाव प्रक्रिया कुछ समय के लिए स्थगित करने के लिए प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा है.’
नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन ने नगा राजनीतिक मुद्दे के समाधान की मांग करते हुए शीर्ष जनजातीय संगठनों और नागरिक समाज संगठनों के साथ मिलकर रैली निकाली.
रैली को संबोधित करते हुए एनएसएफ अध्यक्ष किसोसुल क्रिस्टोफर ल्तू ने कहा, ‘नगा शांति प्रक्रिया एवं राजनीतिक वार्ता एक ऐसा मुद्दा है जो हमारा भविष्य तय करने जा रहा है. नगा शांति प्रक्रिया एवं राजनीतिक वार्ता एक ऐसा मुद्दा है जो हमारा भविष्य तय करने जा रहा है और यदि मेरी और आपकी इस मामले में नहीं चलेगी तो किसकी चलेगी. ’
उन्होंने कहा, ‘चुनाव आयोग द्वारा राज्य विधानसभा के चुनाव की घोषणा किये जाने से पहले सभी व्यापक आधार वाले नगा संगठनों ने एक सुर में केंद्र से हल की अपील की थी, न कि चुनाव की. लेकिन इस अपील का केंद्र के बंद कानों पर कोई असर नहीं पड़ा जिससे केंद्र की ईमानदारी पर गंभीर शक पैदा होता है.’
उन्होंने यह भी कहा, ‘चुनाव आयोग द्वारा राज्य विधानसभा के चुनाव की घोषणा किये जाने से पहले सभी व्यापक आधार वाले नगा संगठनों ने एक सुर में केंद्र से हल की अपील की थी, न कि चुनाव की. ’
शीर्ष नगा जनजातीय संगठन नगा होहो ने पहले प्रधानमंत्री को सौंपे ज्ञापन में कहा था, ‘यह नगा लोगों का सर्वसम्मत दृष्टिकोण है कि राजनीतिक समाधान या नगा शांति समझौता चुनाव से अधिक महत्वपूर्ण है, ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि विधानसभा चुनाव शांति एवं अमन के लिए टाला जाए.’
वहीं भाजपा के नगालैंड मामलों के प्रभारी पार्टी महासचिव राम माधव ने कहा था कि विधानसभा चुनाव कराने ही होंगे क्योंकि संवैधानिक बाध्यता को टाला नहीं जा सकता.
मददगार सरकार राज्य में तेजी से समाधान लाएगी: राम माधव
दीमापुर: उग्रवाद के मुद्दे को सुलझाने से पहले अगले महीने नगालैंड में चुनाव कराने पर एक शीर्ष नगा जनजातीय संगठन ‘नगा होहो’ के आपत्ति जताए जाने के एक दिन बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता राम माधव ने कहा कि एक नई और मददगार राज्य सरकार इसका समाधान तेजी से कर सकती है.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और नगालैंड व त्रिपुरा राज्य के चुनाव प्रभारी माधव ने कहा कि विधानसभा चुनाव तो होंगे ही क्योंकि कुछ संवैधानिक बाध्यताओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. इन दोनों राज्यों में कुछ समय बाद चुनाव होने हैं.
उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘भारत सरकार और एनएससीएन (आईएम) के बीच शांति प्रक्रिया काफी हद तक बढ़ी है. हमें एक ऐसी सरकार की जरूरत है जो समझौते को अंतिम रूप देने में मददगार साबित हो.
ज्ञात हो कि बीते दिनों नगा होहो के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में गृहमंत्री राजनाथ सिंह समेत कई केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की है और केंद्र तथा नगा विद्रोही संगठन एनएससीएन-आईएम के बीच एक शांति समझौते से पहले चुनावों के खिलाफ अपनी आवाज उठाई.
नगा होहो के अध्यक्ष चुबा ओजुकुम ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘सभी आदिवासी, नागरिक समाज, राजनीतिक नेताओं ने एक साथ आकर कहा है कि वे चुनावों से पहले नगा मुद्दे का समाधान चाहते हैं.’
उनसे जब आगे की रणनीति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘हम उम्मीदवारों से चुनाव नहीं लड़ने के लिए कहेंगे. हम किसी भी कीमत पर चुनाव नहीं चाहते हैं.’
नगा होहो के अध्यक्ष ने कहा कि गृहमंत्री ने उन्हें बताया कि केंद्र सरकार नगालैंड में शांति के अपने प्रयासों को जारी रखेगी और मंत्री ने उनसे चुनाव प्रक्रिया में सहयोग करने के लिए कहा. ओजुकुम ने कहा कि नगा होहो राजनीतिक नेताओं और अन्य नागरिक समाज संगठनों के साथ विचार-विमर्श करके अंतिम निर्णय लेंगी.
उल्लेखनीय है कि इस महीने के शुरू में नगा होहो ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करके उन्हें बताया था कि नगा लोगों के लिए चुनाव से ज्यादा नगा शांति समझौता महत्वपूर्ण है और इसलिए शांति के लिए चुनावों को टालना जरूरी हो गया है.
त्रिपुरा: मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ता के घर से पिस्तौल बरामद
सोनामुरा: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने गुरुवार को भारत-बांग्लादेश सीमा के निकट तारापुर गांव में भाजपा के एक कार्यकर्ता के घर से एक पिस्तौल, कारतूस और मादक पदार्थ बरामद किये.
तारापुर प्रदेश के सिपहिजाला जिले में है और धानपुर विधानसभा क्षेत्र में आता है जहां से राज्य के मुख्यमंत्री मानिक सरकार 1998 से लगातार चार बार विधायक चुने गये हैं और वह इस बार भी यहां से चुनाव लड़ेंगे.
त्रिपुरा विधानसभा के लिए 18 फरवरी को चुनाव होना है. खुफिया सूचना के आधार पर बीएसएफ के जवानों ने तड़के भाजपा कार्यकर्ता अब्दुर रहमान के घर पर छापेमारी की और नौ कारतूस सहित नौ एमएम की एक पिस्तौल, 270 बोतल कफ सीरप, 450 टैबलेट बरामद किये. इन दोनों का इस्तेमाल मादक पदार्थ में किया जाता है.
इसके अलावा रहमान के घर से 2.10 लाख रुपये और 10,402 बांग्लादेशी टका भी बरामद किये गये. बाद में उसे पुलिस को सौंप दिया गया.
सिक्किम: लाभ का पद मामले में विधायकों को अयोग्य करार देने की याचिका चुनाव आयोग को भेजी
गंगटोक: सिक्किम के राज्यपाल एन श्रीनिवास पाटिल ने वह याचिका चुनाव आयोग को भेज दी है जिसमें सत्तारूढ़ सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के 14 विधायकों को लाभ के पद पर होने के कारण अयोग्य करार देने की मांग की गई है.
पूर्व सांसद पहलमान सुब्बा, नवीन किरण और अन्य ने राज्यपाल को दो दिन पहले आवेदन दिया था और उनसे संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत सिक्किम विधानसभा के 14 विधायकों की अयोग्यता पर अंतिम फैसला करने से पहले चुनाव आयोग की राय लेने का अनुरोध किया था.
विधायकों की सदस्यता रद्द होने की स्थिति में पवन कुमार चामलिंग की सरकार पर असर पड़ना तय है. याचिकाकर्ताओं ने राज्यपाल को सिक्किम उच्च न्यायालय के एक आदेश का हवाला दिया जिसमें संसदीय सचिव के पद को असंवैधानिक घोषित किया गया था.
असम: सरकार ने 2,685 कैदियों को दी सजा में छूट
गुवाहाटी: असम सरकार ने इस वर्ष गणतंत्र दिवस के मौके पर 2,685 कैदियों की सजा में छूट देने का फैसला किया है.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि राज्य सरकार ने कुछ श्रेणियों के कैदियों की सजा में छूट देने का फैसला किया है जिन्हें असम के न्यायाधिकार वाली अदालतों ने दोषी ठहराया था और कठोर सजा दी थी.
असम की अलग-अलग जेलों में 3,089 दोषी ठहराए गए कैदी हैं. इनमें से 2,685 कैदियों की सजा में छूट दी गई है.
इनमें 2,650 कैदियों को 30 दिन, 23 कैदियों को 15 दिन, छह को 10 दिन और छह अन्य को सजा में पांच दिन की छूट मिलेगी.
अरुणाचल प्रदेश: एनएससीएन (आईएम) का कार्यकर्ता गिरफ्तार
इटानगर: सुरक्षा बलों ने नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड-इसाक मुइवा (एनएससीएन-आईएम) धड़े के एक कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया है.
रक्षा प्रवक्ता कर्नल चिरणजीत कुंवर ने गुरुवार को सूचित किया कि खुफिया जानकारी के आधार पर असम राइफल्स ने एक अभियान चलाकर जिले के लोंगफा गांव से संगठन के सदस्य कुहांग सोंगथिंग को गिरफ्तार कर लिया.
प्रवक्ता ने बताया कि वह ग्रामीणों को आतंकित करने और रुपये ऐंठने का प्रयास कर रहा था. उन्होंने बताया कि उसके पास से सिंगल बोर का एक राइफल, जबरन वसूली से संबंधित दस्तावेज और अन्य कागजात बरामद किये गए.
प्रवक्ता ने बताया कि पूछताछ के दौरान उसने संगठन के नाम पर इलाके में जबरन वसूली की बात स्वीकार की.
मिज़ोरम: म्यांमार के शरणार्थियों ने देश लौटने से इनकार किया
आइज़ोल: पिछले साल नवंबर में म्यांमार में अराकान विद्रोहियों और सेना के बीच संघर्ष के बाद मिजोरम के लावंग्तलाई जिले में शरण लेने वाले वहां के 1,400 लोगों ने अपने देश लौटने से इनकार कर दिया है.
जिले के पुलिस अधीक्षक लालसंगलुरा ने कहा कि म्यांमार सेना द्वारा सीमाई इलाकों में रहने वाले अराकान विद्रोहियों पर की गयी कार्रवाई के चलते पिछले साल 25 नवंबर के बाद से म्यांमार से पलायन करने वाले शरणार्थियों ने यह कहते हुए वापस जाने से मना कर दिया कि वे म्यांमार के सैन्यकर्मियों से ‘डरे’ हुए हैं.
उन्होंने कहा, ‘हालांकि म्यांमार सेना और अराकान विद्रोहियों के बीच संघर्ष साफ तौर पर रुक गया है और करीब एक महीने से गोलियों की कोई आवाज सुनायी नहीं दी है, मिजोरम-म्यांमार सीमा के चार गांवों – लैत्लांग, दमजौतलांग, जोचाछुआ और ह्मावंगबुछुआ – में शरण लेने वाले लोगों ने फिर भी अपने गांव लौटने से मना कर दिया है.’
ये शरणार्थी मुख्य रूप से म्यांमार के चिन राज्य के वारंग, पलेटवा, पकांग्वा और मुलाव जैसे सीमाई गांवों के रहने वाले हैं.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शरणार्थियों को प्रशासनिक सहूलियत के लिए दो गांवों में समूहों में राहत शिविरों में रखा गया है और ऐसा इसलिए भी किया गया है कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सब अपने इलाके में शांति बहाल होने के बाद अपने घर लौट सकें.
मेघालय: लकड़ी तस्करों के हमले में पत्रकार घायल
शिलांग: मेघालय के पश्चिम खासी हिल्स जिले में लकड़ी तस्करों के कथित हमले में एक पत्रकार घायल हो गया और हमले में उसके कैमरे एवं मोबाइल फोन को भी नुकसान पहुंचा.
लकड़ी तस्करी के कारोबार के बारे में जानकारी जुटाने के इरादे से फ्रीलांस पत्रकार बिप्लब डे अपने मित्र एवं एक ड्राइवर के साथ जिले के अठियाबाड़ी इलाके में गये थे कि तभी लकड़ी तस्करों ने मंगलवार रात उन पर हमला कर दिया और उनके कैमरे एवं मोबाइल फोन को भी नष्ट कर दिया.
पुलिस अधीक्षक (एसपी) जी डी खरवानलांग ने समाचार एजेंसी भाषा को बताया, ‘हमें मामले की सूचना मिली है और हम इस संबंध में जांच कर रहे हैं.’ एसपी ने कहा कि मामले में संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी और किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा.
शिलांग प्रेस क्लब (एसपीसी) ने पत्रकार पर हमले की निंदा की और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. यहां जारी एक बयान में एसपीसी के अध्यक्ष डी ओ लैतफलांग ने कहा, ‘लकड़ी तस्करों ने पत्रकार पर उस वक्त हमला किया जब वह इलाके में लकड़ी तस्करी की गतिविधि को कवर करने गये थे.’
मेघालय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एसोसिएशन ने भी अधिकारियों से हमले एवं तस्करी दोनों कृत्यों में शामिल समूहों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया.
असम: गुलाबी ऑटोरिक्शा चलाने के लिए महिलाओं का पहला समूह तैयार
बोंगईगांव: असम में महिलाओं के लिए महिलाओं द्वारा विशेष रूप से चलाए जाने वाले गुलाबी ऑटोरिक्शा का पहला बेड़ा तैयार है.
बोंगईगांव शहर के परियोजना प्रबंधक कुसुम्बर चौधरी ने बताया कि ‘राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन’ के तहत पिछले हफ्ते यहां पहले बैच में आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि की तेरह महिलाओं को गुलाबी ऑटोरिक्शा दिये गये हैं.
उन्होंने बताया कि पहली बैच की ये महिलाएं एक स्वयं-सहायता समूह (एसएचजी) से आयी हुई हैं जिसमें अधिकतर महिलाएं विवाहित है. इन सभी को गुवाहाटी के ‘दिसपुर ड्राइविंग प्रशिक्षण स्कूल’ में वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया गया .
उन्होंने बताया कि दो महीने के प्रशिक्षण के बाद उन्हें ऑटोरिक्शा प्रदान किया गया . उन्होंने कहा कि शुरुआत में ये महिलाएं सुबह से लेकर शाम छह बजे तक सड़कों पर ऑटो चलाएंगी और इस दौरान पोशाक के रूप में ये सलवार-कमीज पहनेंगी.
इसमें से दस ऑटो बोंगईगांव रिफाइनरी ने प्रदान किये हैं जबकि बाकी तीन की व्यवस्था एसएचजी ने राष्ट्रीयकृत बैंकों से ऋण लेकर की है. चौधरी ने बताया कि दिल्ली, मुंबई, सूरत, रांची और भुवनेश्वर जैसे शहरों में महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष रूप से गुलाबी ऑटोरिक्शा सेवा का परिचालन किया जाता है.
जून में होगा बोगीबिल पुल का उद्घाटन: लोहानी
गुवाहाटी: रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने कहा है कि पिछले 15 साल से बन रहे देश के सबसे लंबे रेल एवं सड़क पुल का जून में उद्घाटन किया जाएगा. 4.94 किलोमीटर लंबा बोगीबिल पुल ब्रह्मपुत्र के दक्षिणी तट और उत्तरी तट को जोड़ेगा.
बोगीबिल पुल का 2002 से निर्माण हो रहा है और 2009 में ही उद्घाटन होना था लेकिन निर्माण में विलंब से अब इसका उद्घाटन होगा .
लोहानी ने गुरुवार शाम यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘उत्तरपूर्वी सीमांत रेलवे मुश्किल परिस्थितियों में काम कर रही है. कुछ महीनों से मणिपुर में आर्थिक नाकाबंदी की गयी थी. लेकिन हम लोग काम करते रहे और इस क्षेत्र में हमारी परियोजनाओं पर काम जारी रहा.’
उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि मणिपुर में इंफाल तक रेलवे पटरी बनने का काम 2020 तक पूरा हो जाएगा.
सिक्किम: अब सरकारी वाहनों से बाजार में पहुंचेंगे जैविक उत्पाद
गंगटोक: सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग ने कहा है कि राज्य सरकार प्रत्येक विधानसभा में एक ऐसा वाहन मुहैया कराएगी जो ताजा जैविक उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने का काम करेंगे.
राज्य सरकार का यह फैसला प्रत्यक्ष तौर पर भविष्य में बाजार में सब्जियों और फलों की कमी से निपटने के उद्देश्य से किया गया है. दरअसल सिक्किम एक अप्रैल, 2018 से राज्य के बाहर से आने वाले अजैविक उत्पादों की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगा रहा है.
विपक्षी पार्टियों ने इस प्रतिबंध पर सवाल उठाते हुए इससे कृषि सामग्रियों की कमी होने तथा मूल्यों के बढ़ने पर चिंता जताई थी.
चामलिंग ने दक्षिण सिक्किम के यांगांग में आयोजित एक कार्यक्रम में बताया कि सरकारी वाहनों से जैविक उत्पादों को बाजार तक ले जाने से सिक्किम को कृषि और बागबानी क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने में मदद मिलेगी.
मुख्यमंत्री ने किसानों से मिश्रित खेती करने की भी अपील की है.
मणिपुर: मुख्यमंत्री ने गरीबों और दिव्यांगों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत की
इम्फाल: मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बीते रविवार को गरीबों और दिव्यांगों के लिए एक अग्रणी स्वास्थ्य बीमा योजना मुख्यमंत्री हक्सेलगी तेंगबांग (सीएमएचटी) की शुरुआत की.
एक सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री ने यहां खुमान लम्पाक स्टेडियम में राज्य के लोगों के लिए राज्य दिवस के उपहार के रूप में सीएमएचटी के साथ 10 एंबुलेंस की भी शुरुआत की.
सिंह ने इस मौके पर कहा कि सीएमएचटी उनकी सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना थी. सीएमएचटी के तहत गरीब लोगों को सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों और अन्य सूचीबद्ध चयनित निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया जायेगा.
लाभार्थी ‘आशा’ कार्यकर्ताओं की मदद से योजना के लिए खुद को नामांकित करा सकते है. इस योजना के शुभारंभ के मौके पर मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य लोगों ने कुछ चयनित लाभार्थियों को योजना के लिए स्वास्थ्य कार्डों का वितरण किया.
उन्होंने कहा कि आज इस नई योजना की शुरुआत होने के बाद उनकी सरकार राज्य के लोगों को दो प्रमुख सामाजिक सुरक्षा योजनाएं उपलब्ध करा चुकी है. एक अन्य योजना सीएमएसटी की शुरुआत गत तीन दिसम्बर को की गई थी.
विज्ञप्ति के अनुसार कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य के जिलों के लिए 10 उन्नत एंबुलेंसों की भी शुरुआत की.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)