इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में नगालैंड, त्रिपुरा, असम, मेघालय, मिज़ोरम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और मणिपुर के प्रमुख समाचार.
शिलॉन्ग: हाल ही में भाजपा में शामिल हुए पूर्व कांग्रेस मंत्री एएल हेक और एनसीपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संबूर सुल्लई ने शुक्रवार को मेघालय विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के 45 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की.
उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के तुरंत बाद प्रदेश अध्यक्ष शिबून लिंगदोह की बहन वायलेट लिंगदोह ने यह कहते हुए भाजपा छोड़ दी कि उन्हें टिकट का आश्वासन दिया गया था लेकिन टिकट नहीं दिया गया. उन्होंने नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) का दामन थाम लिया है.
पूर्वोत्तर में अपने पैर फैलाने की आस लगाए बैठी भाजपा मेघालय विधानसभा चुनाव में सभी 60 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. केंद्र और मणिपुर में भाजपा की सहयोगी एनपीपी अकेले अपने दम पर मेघालय चुनाव लड़ रही है.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष शिबून लिंगदोह ने समाचार एजेंसी भाषा से बात करते हुए कहा, ‘पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने 27 फरवरी के चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है.’
दो जनवरी को विधानसभा से इस्तीफा देकर पूर्व कांग्रेस मंत्री एएल हेक और पूर्व राकांपा अध्यक्ष संबूर सुल्लई समेत तीन विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हुए जस्टिन द्खार को ख्लीहरियाट सीट से टिकट दिया गया है.
वायलेट लिंगदोह जैंतिया हिल्स जिले के भाजपा अध्यक्ष बलियोस स्वेर तथा जिले की 42 बूथ समितियों के नेतााओं के साथ एनपीपी में शामिल हो गयीं. वह पूर्वी जैंतिया हिल्स के ख्लीहरियाट से जैंतियां पहाड़ी स्वायत्त जिला परिषद में निर्वाचित सदस्य भी हैं.
एनपीपी कार्यालय में वायलेट लिंगदोह का जबर्दस्त स्वागत किया गया. उन्हें एनपीपी से ख्लीहरियाट सीट से टिकट दिए जाने की संभावना है. उन्होंने कहा, ‘मुझे भाजपा से टिकट का आश्वासन मिला था लेकिन जब टिकट नहीं मिला तो मैं एनपीपी में आ गयी. ’
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष इस संबंध में टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हुए. वैसे एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने बताया कि उन्होंने वाकई में इस्तीफा दे दिया है.
उम्मीदवारों की इस पहली सूची में पूर्व कांग्रेस मंत्री एएल हेक, पूर्व राकांपा प्रदेश अध्यक्ष संबूर शुल्लई समेत आठ अन्य पूर्व विधायक शामिल हैं. इस सूची में दो महिला प्रत्याशी- प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष पेल्सी स्नेटांग और मारियान मारिंग हैं.
कुछ अन्य विधायक, जो 2013 का विधानसभा चुनाव हार गये थे, भी इस सूची में हैं. वे हैं, आर एल तारियांग, जे ए लिंगदोह, फलोर खोंगजी, जॉन मैनर मराक, के सी बोरो और बिल्लीकिन संगमा. लिंगदोह के अनुसार 15 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जल्द ही जारी होने की संभावना है.
भाजपा 2013 के विधानसभा चुनाव में 13 सीटों पर लड़ी थी लेकिन उसे एक भी सीट नहीं मिली थी. असम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में सरकार बनाने के बाद भाजपा पूर्वोत्तर में अपनी उपस्थिति बढ़ाने में जुटी है.
भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकने की क्षमता नीतीश में दिखती है: एनपीपी
शिलॉन्ग: केंद्र में भाजपा की सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने शुक्रवार को कहा कि जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ही एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जो सत्ता से भाजपा को उखाड़ फेंक सकते हैं न कि राहुल गांधी.
एनपीपी और भाजपा केंद्र और मणिपुर में भले ही एक दूसरे की सहयोगी हैं और मिलकर सरकार चला रही है लेकिन वे 27 फरवरी को होने वाले मेघालय विधानसभा चुनाव में अलग अलग लड़ रही हैं.
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा के बेटे कर्नाड पी संगमा की अगुवाई वाली एनपीपी, भाजपा की अगुवाई वाले पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (नेडा) का हिस्सा है. वर्ष 2016 में नेडा बनाया गया था.
प्रदेश एनपीपी अध्यक्ष डब्ल्यूआर खारलुखी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘पूर्वोत्तर से मैं जिस तरह देख रहा हूं, उस दृष्टि से केवल एक ही व्यक्ति भाजपा को उखाड़ सकता है, वह नीतीश कुमार हैं.’
उन्होंने कहा, ‘मैं आपसे कह रहा हूं, शायद 2019 में नीतीश कुमार अगले प्रधानमंत्री होंगे. मेरे शब्दों पर गौर कीजिए.’
उन्होंने यह भी कहा, ‘मैं कांग्रेस के बुद्धिकौशल पर छोड़ूंगा, लेकिन जिस तरह मैं भारत में राजनीतिक स्थिति का आकलन कर रहा हूं, उस हिसाब से उसके लिए एकमात्र समाधान है न कि राहुल गांधी. ’
मालूम हो कि पिछले साल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजद और कांग्रेस से नाता तोड़कर महागबंधन से अलग हो गये थे और उन्होंने भाजपा से हाथ मिलाकर फिर सरकार बनायी थी.
चुनाव आयोग ने मेघालय विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी की
शिलॉन्ग: निर्वाचन आयोग ने 27 फरवरी को मेघालय विधानसभा चुनावों के लिए बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी.
मेघालय के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एफ आर खारकोनगोर ने बताया कि चुनाव आयोग ने राज्य में चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. मेघालय में मौजूदा 60 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल छह मार्च को खत्म हो रहा है.
चुनावी अधिसूचना जारी होने के साथ नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 31 जनवरी से शुरू हो गयी. नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख सात फरवरी है जबकि नामांकन पत्रों की जांच आठ फरवरी को होगी.
नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 12 फरवरी है. मतदान 27 फरवरी और मतगणना तीन मार्च को होगी .
चुनावों में ईवीएम के साथ वीवीपीएटी का इस्तेमाल होगा.
आरएसएस में नेतृत्व के पदों पर महिलाओं की मौजूदगी नहीं: राहुल गांधी
शिलॉन्ग: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में महिलाओं को तवज्जो नहीं मिलने को लेकर उसकी आलोचना करते हुए कहा कि संगठन में नेतृत्व के पदों पर महिलाओं की मौजूदगी ‘शून्य’ है.
स्थानीय सेंट एडमंड्स कॉलेज में छात्रों को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा, ‘क्या कोई जानता है कि आरएसएस में महिलाओं के हाथों में नेतृत्व के कितने पद हैं? (यह) शून्य है.’
उन्होंने कहा, ‘यदि आप महात्मा गांधी की तस्वीर देखें तो आप हमेशा इस तरफ, उस तरफ, पीछे की तरफ महिलाओं की मौजूदगी देखेंगे. लेकिन यदि आप मोहन भागवत की तस्वीर देखें तो वह हमेशा पुरुषों से ही घिरे रहते हैं. उनके आसपास महिलाएं कभी नजर नहीं आएंगी.’
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल 27 फरवरी को होने वाले मेघालय विधानसभा चुनावों के सिलसिले में अपनी पार्टी के पक्ष में प्रचार करने के लिए राज्य के दौरे पर गए थे हैं. मालूम हो कि कांग्रेस राज्य की सत्ता पर पिछले 15 साल से काबिज है.
चर्च के प्रतिनिधियों ने राहुल से कहा, गिरिजाघरों पर हमलों को लेकर असुरक्षा की भावना
ईसाई बहुल राज्य मेघालय में गिरिजाघरों के प्रतिनिधियों और आदिवासी नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से बुधवार को कहा कि देश भर में अल्पसंख्यकों के संस्थानों पर हमलों की खबरों के बाद उनके अंदर असुरक्षा की गहरी भावना है.
विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए राज्य के दो दिनों के दौरे पर गए राहुल ने एक मुलाकात में गिरिजाघर के प्रतिनिधियों और सेंग खासी जनजाति तथा अन्य अल्पसंख्यक समूहों के प्रतिनिधियों ने कांग्रेस प्रमुख से कहा कि वे लोग किसी के खाने-पीने की आदतों, भाषा और संस्कृति के प्रति असिहष्णुता को लेकर खासतौर पर चिंतित हैं.
चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के बिशप माइकल ने मुलाकात के बाद समाचार एजेंसी भाषा को बताया, ‘जिस तरह की विचारधारा थोपी जा रही है उसे लेकर हमने अपनी चिंता जाहिर की, यह एक खतरा है. हमें साथ मिल कर चलना होगा और हर किसी का सम्मान करना होगा.’
यूनीटेरियन चर्च के नेता डेरिक पी पैरियट ने कहा कि उनके समूह की राहुल के साथ एक परिचर्चा बैठक हुई जिसमें वे कई मुद्दों पर अपनी अपनी ‘असहमति जताने के लिए सहमत’ हुए.
उन्होंने बताया कि राहुल ने ‘विविधता में एकता’ के बारे में बात की और कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय और स्थानीय हितों की सुरक्षा करते हुए देश में समावेशिता के सिद्धांत को नहीं बदल सकती. गिरिजाघरों के प्रतिनिधियों ने देश में व्याप्त धार्मिक असुरक्षा पर भी चिंता जाहिर की.
प्रेसबायटेरियन चर्च ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि रेव जीएस लायटन ने बताया कि हमने मौजूदा शासन में देश के अल्पसंख्यक धार्मिक समूहों के तौर पर असुरक्षा की अपनी भावनाएं जाहिर की. उन्होंने कहा कि गिरिजाघरों पर छिटपुट हमलों के बाद हमें लगता है कि हमें केंद्र और राज्यों में राजनीतिक संरक्षण की जरूरत है.
गौरतलब है कि साल 2011 की जनगणना के मुताबिक पूर्वोत्तर राज्य में ईसाई समुदाय की आबादी तकरीबन 75 फीसदी है. कांग्रेस प्रमुख ने कॉलेज शिक्षकों और जनजातीय संस्थाओं के प्रमुखों के अलावा एनजीओ और स्वयंसेवी समूहों के लोगों से भी मुलाकात की.
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि राहुल ने सेंट एडमंड्स कॉलेज में महिला समूहों से भी बात की. साथ ही युवा मतदाताओं के लिए आयोजित कंसर्ट में शिरकत की.
गांधी ने फेस्टिव ऑफ पीस कंसर्ट में मुश्किल से पांच मिनट बोला जबकि उन्होंने संगीत बैंड्स का आनंद लिया जिसने 4,000 से ज्यादा की भीड़ को रोमांचित किया. कड़ाके की सर्दी के बावजूद वह इस कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे.
गांधी ने कहा, ‘हम जब अपनी विविधता में एक साथ खड़े होते हैं तो हम मजबूत होते हैं. हमारी विविध संस्कृति, अलग अलग भाषाएं और सोचने के विभिन्न तरीके ही भारत की शक्ति है.’
गांधी ने युवाओं से आग्रह किया कि एक दूसरे का सम्मान एवं प्रेम करें जिससे देश मजबूत होगा. उन्होंने कहा, ‘जब हम एक-दूसरे से लड़ते हैं और घृणा फैलाते हैं तो हम अपने देश को मजबूत नहीं कर रहे होते हैं बल्कि इसे कमजोर करते हैं और अपने लोगों, अपने इतिहास और भविष्य का अपमान करते हैं.’
लोगों से अपनी विरासत, भाषा और धर्म पर गर्व करने का आह्वान करते हुए कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘हमें आप सब पर गर्व है और हम आपके सोचने के तरीके का बचाव करेंगे.’
उन्होंने कहा कि सभी राज्यों के प्रत्येक व्यक्ति के लिए देश में स्थान है और उनके सपने तथा आकांक्षाएं समान तौर पर अहम हैं और इसके कोई मायने नहीं है कि वे छोटे राज्य से आते हैं या बड़े प्रदेश से.
राहुल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलकर काम करने का आह्वान किया
मेघालय में विधानसभा चुनावों से पहले टिकटों के आवंटन को लेकर 100 से ज्यादा सदस्यों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलकर काम करने और 27 फरवरी को होने वाले चुनाव में जीत सुनिश्चित करने को कहा.
राहुल गांधी की अपील को इस संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि पूर्व कैबिनेट मंत्री एएल हेक भाजपा में शामिल हो गये हैं वहीं पूर्व उप मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता रावेल लिंगदोह समेत पांच अन्य नेताओं ने नेशनल पीपुल्स पार्टी का दामन थाम लिया है.
साउथ गारो हिल्स जिले की चोकपोट विधानसभा के सौ पार्टी सदस्यों ने लाजारुस संगम्स के नामांकन के खिलाफ 28 जनवरी को इस्तीफा दे दिया था वहीं री भोई जिले की जिरांग सीट से 15 कांग्रेस सदस्यों ने विटनेस सिंगकली को टिकट दिये जाने पर पार्टी छोड़ दी.
एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि यहां पार्टी की बैठक में राहुल ने कहा, ‘मैं आपसे यह कहने यहां आया हूं कि कांग्रेस पार्टी मिलकर काम करेगी. हम आपकी भाषाओं और आदिवासी परंपराओं का संरक्षण करेंगे. हम एक विचार को थोपने नहीं देंगे.’
ज्ञात हो कि इससे पहले राज्य के दो निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी के 115 सदस्यों ने चुनावी टिकट के आवंटन पर इस्तीफा दे दिया था. पहली सूची में कांग्रेस ने 56 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है.
त्रिपुरा: वाम मोर्चा से सत्ता हड़पने की साजिश रच रही भाजपा और आईपीएफटी- माणिक सरकार
उदयपुर (त्रिपुरा): त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा और इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन एक ‘अपवित्र गठबंधन’ है जो इस पूर्वोत्तर राज्य में वाम मोर्चा से सत्ता हड़पने की साजिश कर रहा है.
60 सदस्यों वाली त्रिपुरा विधानसभा के लिए 18 फरवरी को चुनाव होने वाले हैं. भाजपा और आईपीएफटी ने इस चुनाव के लिए गठबंधन किया है. भाजपा 51 और आईपीएफटी नौ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.
सरकार ने यहां एक चुनावी रैली में कहा, ‘मैं आप सभी से अपील करूंगा कि उनकी साजिश को लेकर चौकस रहें, हालात पर नजर रखें और यदि आपके इलाके में बाहरी लोग घूमते नजर आएं तो पुलिस को सूचित करें.’
उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) के प्रमुख ने हाल में घोषणा की थी कि संगठन आने वाले चुनाव में आईपीएफटी का समर्थन करेगा. इससे साबित होता है कि आईपीएफटी ‘भूमिगत उग्रवादी संगठन’ का ‘मुखौटा’ है जो बाहर खुलकर काम कर रहा है.
सरकार ने कहा कि भाजपा ने त्रिपुरा में सरकार बदलने का नारा दिया है, लेकिन देश के लोग उसे 2019 के लोकसभा चुनाव में बदलने की तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि वे अपने ‘जुमले’ या वादे पूरे नहीं कर सकी.
आईपीएफटी की महिला इकाई ने 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला किया
अगरतला: आईपीएफटी की महिला इकाई ने केवल पुरूष उम्मीदवारों को उतारने के अपने मातृ संगठन के कदम के खिलाफ अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित सभी 20 निर्वाचन क्षेत्रों में महिला उम्मीदवारों को टिकट देने का फैसला किया है.
भाजपा और आईपीएफटी ने विधानसभा चुनाव के लिए समझौता किया है. गठबंधन की शर्तों के मुताबिक आईपीएफटी पार्टी जनजातियों के लिए आरक्षित नौ सीटों पर चुनाव लड़ेगी और भाजपा बाकी 51 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी.
‘इंडिजिनस विमेंस फ्रंट ऑफ त्रिपुरा’ (आईडब्ल्यूएफटी) की अध्यक्ष संध्यारानी देववर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘भाजपा के सहयोगी के तौर पर आईपीएफटी ने नौ उम्मीदवारों को उतारा है और हमने महिला उम्मीदवार के लिए केवल एक सीट की मांग की थी. पार्टी अध्यक्ष एनसी देववर्मा ने हमारे अनुरोध को खारिज कर दिया तो हमने यह फैसला किया.’
संपर्क किये जाने पर आईपीएफटी के महासचिव मेवार जमातिया ने कहा कि पार्टी ने जीतने की संभावना वाले उम्मीदवारों को उतारा है. आईपीएफटी महासचिव ने कहा कि महिला इकाई की तीन असंतुष्ट नेताओं ने महिला उम्मीदवारों को उतारने का फैसला किया है और उन्हें अपने फैसले की समीक्षा करने को कहा गया है.
जमातिया ने कहा कि 90 सदस्यीय कार्यकारिणी समिति की बैठक होगी और अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करने पर तीनों नेताओं के बारे में पार्टी फैसला करेगी.
मुख्यमंत्री, मंत्रियों ने नामांकन दाखिल किया
अगरतला: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार और उनकी कैबिनेट के चार साथियों ने विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को नामांकन दखिल किया.
माणिक सरकार सिपाहिजाला जिले में धनपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे. वह 1998 से मुख्यमंत्री हैं. वह इस सीट से लगातार चार बार से चुनाव जीत रहे हैं. नामांकन दाखिल करने के बाद सरकार ने संवाददाताओं से कहा, ‘इस बार हम बड़े अंतर से चुनाव जीतेंगे और देश में मिसाल कायम करेंगे.’
राज्य में 1993 से वाम मोर्चे की सरकार है. राज्य के खेल मंत्री शाहिद चौधरी ने बोक्सानगर सीट से नामांकन दाखिल किया. वन मंत्री नरेश जमातिया ने बागमा और पेयजल आपूर्ति मंत्री रतन भौमिक ने काराबोन सीट से नामांकन दाखिल किया जबकि शिक्षा मंत्री तपन चक्रवर्ती ने उत्तरी त्रिपुरा की चांदीपुर सीट से नामांकन दाखिल किया है.
चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री मोदी दो बार करेंगे राज्य का दौरा
अगरतला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्रिपुरा विधानसभा चुनाव से पहले राज्य का दो बार दौरा करेंगे और जनसभाओं को संबोधित करेंगे. यह जानकारी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बिप्लब कुमार देब ने दी.
मोदी आठ फरवरी को राज्य में दो जनसभाओं को संबोधित करेंगे. इनमें से एक जनसभा उनाकोटि जिले के कैलाशहर में और दूसरी जनसभा दक्षिणी त्रिपुरा जिले के शांतिरबाजार में होगी.
वह 15 फरवरी को एक बार फिर यहां आएंगे और एक जनसभा को संबोधित करेंगे. देब ने संवाददाताओं को बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह राज्य में एक सप्ताह तक रहेंगे और भाजपा-आईपीएफटी के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करेंगे.
प्रदेश भाजपा प्रमुख ने बताया कि यहां से शाह मेघालय और नगालैंड जाएंगे जहां 27 फरवरी को विधानसभा चुनाव होना है.
उन्होंने बताया कि भाजपा के 40 शीर्ष नेता चुनाव प्रचार के लिए राज्य आएंगे जिनमें केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हैं.
मुख्यमंत्री के पास हैं केवल 3,930 रुपये, कभी आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया: हलफनामा
अगरतला: लगातार पांच बार से सत्ता पर काबिज त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार के पास केवल 3,930 रुपये हैं और उन्होंने आज तक कभी आयकर रिटर्न नहीं भरा है. मुख्यमंत्री द्वारा नामांकन पत्र के साथ दिये गये चुनावी हलफनामे से यह जानकारी प्राप्त हुई.
सरकार अपना पूरा वेतन माकपा को दान देते हैं और उन्हें पार्टी से जीविका भत्ते के रूप में पांच हजार रुपये मिलते हैं. हलफनामे में कहा गया कि 69 साल के नेता के पास 1,520 रुपये हैं जबकि 24,10 रुपये उनके बैंक खाते में हैं. उनकी कोई अन्य राशि बैंक में जमा नहीं है.
धनपुर सीट से चुनाव लड़ रहे सरकार ने सोमवार को अपना नामांकन भरा. उनके पास कोई कृषि योग्य या घर बनाने योग्य जमीन नहीं है. वह मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास में रहते हैं.
मुख्यमंत्री की पत्नी पांचाली भट्टाचार्य सेवानिवृत्त केंद्र सरकार कर्मचारी हैं. उनके पास 20,140 रुपये नकद हैं जबकि दो बैंक खातों में 1,24,101 और 86,473 रुपये जमा हैं.
मुख्यमंत्री की पत्नी के पास दो लाख, पांच लाख और 2 .25 लाख रुपये के तीन सावधि जमा के अलावा 20 ग्राम के आभूषण हैं.
पांचाली को 888 .35 वर्ग फुट क्षेत्र भूमि विरासत में मिली है और अब तक वह वहां निर्माण के लिए 15 लाख रुपये का निवेश कर चुके हैं. जमीन की वर्तमान कीमत 21 लाख रुपये है.
उन्हेांने अंतिम बार 2011-12 में आयकर रिटर्न दाखिल किया था जहां उन्होंने अपनी आय 4,49,770 रुपये बताई थी.
मोदी मैजिक के सहारे वाममोर्चा को शिकस्त देने की भाजपा की तैयारी
नई दिल्ली: सत्तारूढ़ माकपा को विधानसभा चुनाव में शिकस्त देने के लिए भाजपा ने ‘मोदी मैजिक’ को आधार बनाया है, साथ ही लोगों को जोड़ने एवं अपना संदेश उन तक पहुंचाने के वास्ते ‘पन्ना प्रमुखों’ को योजक कड़ी के रूप में उपयोग करने का निर्णय किया है.
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने समाचार एजेंसी भाषा को बताया कि त्रिपुरा में 18 फरवरी को आसन्न विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य का दो बार दौरा करेंगे और जनसभाओं को संबोधित करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत लगभग आधा दर्जन केंद्रीय मंत्री चुनावी रैलियों के साथ-साथ रोडशो करेंगे.
भाजपा के त्रिपुरा प्रदेश प्रभारी सुनील देवधर ने कहा कि पार्टी काफी समय से राज्य में जमीन तैयार करने में जुटी है. इसी का नतीजा है कि करीब 2 साल में डेढ़ लाख लोग दूसरे दलों से भाजपा में आए हैं पार्टी का पूरा जोर बूथ प्रबंधन पर है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व जनता के सामने है और हमें उम्मीद है कि जनता हमें जनादेश देगी. उन्होंने कहा कि हम फर्जी वोटरों की शिनाख्त कर उसे बाहर करवाना, नए वोटरों को जोड़ना और बांग्लादेश से आए फर्जी वोटरों को बाहर करने के साथ ही प्रदेश सरकार के घोटाले और स्थानीय समस्याओं को मुद्दा बना रहे हैं.
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव को भाजपा कितना महत्व दे रही है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह राज्य में एक सप्ताह तक रहेंगे और उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करेंगे.
राज्य में माकपा को टक्कर देने का दायित्व भाजपा पन्ना प्रमुखों को सौंपा गया है. पार्टी ने 60 मतदाताओं पर एक कार्यकर्ता को नियुक्त किया है जिन्हें पन्ना प्रमुख कहा गया है. ये पन्ना प्रमुख लोगों को जोड़ने एवं अपना संदेश पहुंचाने के वास्ते योजक कड़ी के रूप में काम करेंगे .
यह पूछे जाने पर कि भाजपा किन मुद्दों पर जोर दे रही है, देवधर ने कहा कि जो मुद्दे राज्य की जनता को प्रभावित करते हैं, उनमें 24 साल से सरकारी कर्मचारियों का वेतन नहीं बढ़ने के अलावा 1993 से सरकारी अध्यापकों की भर्ती न होना और मनरेगा है, जिसमें घोटाला ही घोटाला है. वहीं बहुचर्चित चिटफंड मामला है, जिसमें जनता का लाखों रुपया फंसा है.
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि त्रिपुरा में 25 वर्षो के वामपंथी शासन में राज में जनजातियों का सर्वाधिक शोषण हुआ है. अत्यंत गरीब लोगों तक प्रदेश की माकपा सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की जन कल्याण की योजनाएं नहीं पहुंचने दी.
देवधर ने कहा कि आज विपक्ष में रहकर हम उनकी केवल आवाज उठा सकते हैं जबकि सत्ता में आने पर जब केंद्र और राज्य में एक ही दल की सरकार आयेगी तब प्रदेश के विकास की रफ्तार तेज हो जायेगी.
असम: गुवाहाटी में खुला भूटान का वाणिज्य दूतावास
गुवाहाटी: असम में भूटान का वाणिज्य दूतावास खुला है. राज्य के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और भूटानी विदेश मंत्री लयोनपो दामचो दोरजी ने शुक्रवार को इसका उद्घाटन किया.
सोनोवाल ने कहा कि महावाणिज्य दूतावास का कार्यालय खुलने से न सिर्फ भूटान और पूर्वोत्तर के पर्यटकों, श्रद्धलुओं, छात्रों और कारोबारियों को फायदा होगा, बल्कि इससे भूटान के साथ असम और पड़ोसी राज्यों के लोगों की मित्रता मजबूत होगी.
उन्होंने कहा, ‘मैं विशेष रूप से इस बात को लेकर खुश हूं कि भूटान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों की औपचारिक शुरुआत के 50 वर्ष पूरा होने के मौके पर गुवाहाटी में वाणिज्य दूतावास खोला है. भारत और भूटान में कई कार्यक्रमों के साथ हम अपनी मित्रता का जश्न मनाएंगे.’
सोनोवाल ने ‘ग्लोबल इनवेस्टर्स सम्मिट एडवांटेज असम’ में शामिल होने का न्यौता स्वीकार करने के लिए भूटानी प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे का धन्यवाद किया.
अरुणाचल प्रदेश: कैबिनेट का विस्तार, गामलिन किए गए शामिल
ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने गुरुवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए जरकार गामलिन को उसमें कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया.
गामलिन को शामिल किए जाने के साथ ही राज्य मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या अब 12 हो गई है. मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने यहां बताया कि गामलिन को जल्द ही विभाग आवंटित किया जाएगा.
अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर (अवकाशप्राप्त) बीडी मिश्रा ने राजभवन में गामलिन को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. इस अवसर पर खांडू, उनके मंत्रिमंडल सहयोगी और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
गामलिन पश्चिमी सियांग जिले के आउलो पूर्वी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. वह अरुणाचल प्रदेश ऊर्जा विकास एजेंसी (एपीईडीए) के अध्यक्ष थे. वह नबाम तुकी के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार में परिवहन मंत्री भी रह चुके हैं.
सिक्किम: दलाई लामा ने राज्य की प्रस्तावित यात्रा रद्द की
गंगटोक: तिब्बती धर्म गुरू दलाई लामा ने सिक्किम की अगले महीने की अपनी प्रस्तावित यात्रा को डॉक्टरों की सलाह पर रद्द कर दिया है. चिकित्सकों ने दलाई लामा को उनकी बढ़ती उम्र के मद्देनजर यात्रा को रद्द करने की सलाह दी थी.
दलाई लामा के कार्यालय में सचिव तेंजिन तकल्हा ने सिक्किम में धर्म मामलों के सचिव सामतेन डोल्मा को शुक्रवार को किये एक मेल में कहा कि धार्मिक नेता की 20 मार्च से 29 मार्च तक सिक्किम की प्रस्तावित यात्रा को रद्द कर दिया गया है.
उन्होंने बताया कि दलाई लामा के डॉक्टरों ने उन्हें अपनी यात्रा को रद्द करने की सलाह दी थी. 82 वर्षीय बौद्ध धार्मिक नेता देश के विभिन्न हिस्सों की दो महीने की यात्रा के बाद गत 31 जनवरी को धर्मशाला लौटे थे.
मेघालय: पीसीआई ने पत्रकार पर हमले के मामले में सरकार से रिपोर्ट मांगी
नई दिल्ली: भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने पश्चिमी गारो हिल्स जिले में लकड़ी तस्करों द्वारा कथित तौर पर एक पत्रकार पर हाल में किये गए हमले के मामले में मेघालय सरकार से रिपोर्ट तलब की है.
पुलिस ने बताया कि फ्रीलांस पत्रकार बिप्लव डे जिले के अतियाबारी इलाके में लकड़ी तस्करी के कारोबार की जांच के लिये अपने चालक और मित्र के साथ गए थे, जब उन पर हमला किया गया और उनके कैमरे और मोबाइल फोन को कथित लकड़ी तस्करों ने क्षतिग्रस्त कर दिया.
पीसीआई ने एक वक्तव्य में कहा, ‘मुद्दे का स्वत: संज्ञान लेते हुए पीसीआई अध्यक्ष ने मुख्य सचिव, सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक, पश्चिम खासी जिले के पुलिस अधीक्षक के जरिये मेघालय सरकार को निर्देश दिया है कि वह मामले के तथ्यों पर रिपोर्ट दाखिल करे.’
शिलॉन्ग प्रेस क्लब ने पत्रकार पर हमले की निंदा की है और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. मेघालय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एसोसिएशन ने भी अधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे दोनों हमलों और तस्करी में शामिल समूहों के खिलाफ कार्रवाई करें.
अरुणाचल प्रदेश: जेटली ने की सेला दर्रे में सुरंग बनाने की घोषणा
नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चीन की सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश में रणनीतिक रुप से स्थित तवांग में सैनिकों की तीव्र आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए 13,700 फुट की ऊंचाई पर सेला दर्रे में सुरंग बनाने की सरकारी योजना की घोषणा की.
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश में सेला दर्रे से सुरंग के निर्माण की मंजूरी से रक्षा तैयारियों में पर लग जायेंगे. अपने बजट संबोधन में जेटली ने कहा कि सरकार भारत की रक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में संपर्क बुनियादी ढांचे का विकास कर रही है.
सेला सुरंग के निर्माण का प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब रक्षा प्रतिष्ठान करीब 4,000 किलोमीटर लंबी भारत चीन सीमा पर चीन की मुखरता बढ़ने से चिंता में है.
जेटली ने कहा, ‘लद्दाख क्षेत्र को सभी मौसमों के अनुकूल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए रोहतांग सुरंग का निर्माण पूरा कर लिया गया है. जोजिला दर्रे में 14 किलोमीटर से भी अधिक लंबी सुरंग की निविदा का काम तेजी से चल रहा है. अब मैं सेला दर्रे में सुरंग के निर्माण का प्रस्ताव रखता हूं.’’
सेला दर्रा अरुणाचल प्रदेश में तवांग और कामेंग जिलों के बीच स्थित है और इसे रणनीतिक दृष्टि से अहम माना जाता है.
तीन पूर्वोत्तर राज्यों में चुनावी खर्च पर निगरानी के लिये पर्यवेक्षक तैनात
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव खर्च की सीमा के पालन पर निगरानी के लिये 62 पर्यवेक्षक तैनात किये हैं, जिससे चुनाव में पैसा और गैरकानूनी साधनों के इस्तेमाल को रोका जा सके.
आयोग के अधिकारियों ने बताया कि इनमें 22 पर्यवेक्षकों को नगालैंड, 21 को मेघालय और 19 को त्रिपुरा में तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि इन राज्यों में चुनाव खर्च की सीमा का पालन सुनिश्चित करने के लिये अगर जरूरत महसूस हुयी तो कुछ और पर्यवेक्षकों को तैनात किया जा सकता है.
आयकर विभाग सहित अन्य केंद्रीय विभागों में कार्यरत अधिकारियों को बतौर पर्यवेक्षक तैनात किया गया है. पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट चुनाव आयोग की निर्वाचन व्यय निगरानी इकाई को सौंपेगे. इनका दायित्व चुनाव प्रचार के दौरान गैरकानूनी तरीके से नकदी और शराब आदि के वितरण पर निगरानी रखना है.
नगालैंड: तीसरे दिन तक दाखिल नहीं हुआ कोई नामांकन पत्र
कोहिमा: नगालैंड में 27 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने के तीसरे दिन किसी भी उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल नहीं किया.
अधिकारियों ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा 31 जनवरी को चुनाव अधिसूचना जारी किए जाने के बाद नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई. नगालैंड के मुख्य चुनाव अधिकारी अभिजीत सिन्हा ने कहा कि अभी तक चुनावों के लिए किसी भी उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल नहीं किया है.
मालूम हो कि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख सात फरवरी है. एक महत्वपूर्ण कदम के तहत नगालैंड में सभी दलों द्वारा चुनाव बहिष्कार की संयुक्त घोषणा पर दस्तखत किए जाने के बाद भाजपा ने गुरुवार को चुनाव लड़ने की घोषणा की थी.
विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किये जाने को लेकर सभी दलों द्वारा हस्ताक्षरित एक साझा घोषणा पत्र से पीछे हटते हुए भाजपा ने घोषणा की थी कि पार्टी चुनाव लड़ेगी.
पार्टी की राज्य इकाई के मीडिया प्रकोष्ठ के संयोजक के जेम्स विजो ने यहां यह घोषणा की. विजो ने एक बयान में कहा, ‘एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत राज्य इकाई के अध्यक्ष विसासोली लहोनुगु के नेतृत्व में भाजपा नगालैंड के एक प्रतिनिधिमंडल ने पार्टी के महासचिव एवं पूर्वोत्तर चुनाव मामलों के प्रभारी राम माधव से नई दिल्ली में मुलाकात की.’
उन्होंने कहा कि भाजपा आलाकमान ने नगालैंड चुनाव से संबंधित मामलों के समाधान और चर्चा के लिए महासचिव को अधिकृत किया था. एक विस्तृत विचार-विमर्श के बाद उन्होंने कहा, ‘इस बात पर सहमति बनी है कि भाजपा तय कार्यक्रम के अनुसार राज्य में समाधान के लिए चुनाव लड़ेगी.’
29 जनवरी को राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दोनों पार्टियों समेत सभी राजनीतिक दलों द्वारा हस्ताक्षरित एक साझा घोषणा पत्र के जारी होने के तीन दिन बाद भाजपा ने चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
इस साझा घोषणा पत्र पर भाजपा की राज्य इकाई के कार्यकारी परिषद के सदस्य खेतो सेमा ने हस्ताक्षर किये थे, लेकिन भाजपा ने इसके अगले दिन ही इससे पीछे हटते हुए कहा था कि चुनाव पर अंतिम निर्णय उसके केंद्रीय नेता लेंगे.
नगा होहो के उपाध्यक्ष एचके झिमोमी से जब भाजपा के निर्णय के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा नगा जनजातीय निकायों ने सभी राजनीतिक पार्टियों से यह दिखाने के लिए स्वेच्छा से चुनाव में भाग नहीं लेने की अपील की थी कि प्रत्येक नगा राजनीतिक मुद्दे के राजनीतिक समाधान के बारे में गंभीर है.
विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी
कोहिमा: चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव की आधिकारिक अधिसूचना 31 जनवरी को जारी की. चुनाव आयोग के सचिव अरविंद आनंद की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक सात फरवरी नामांकन-पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख होगी.
नामांकन-पत्रों की जांच आठ फरवरी को होगी जबकि नामांकन-पत्र वापस लेने की आखिरी तारीख 12 फरवरी होगी. नगालैंड में मतदान 27 फरवरी को सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक होगा.
आधिकारिक अधिसूचना के मुताबिक मतगणना तीन मार्च को होगी जबकि चुनाव की समूची प्रक्रिया पांच मार्च तक पूरी करनी है.
चुनाव अधिसूचना जारी करने के विरोध में नगालैंड होहो एवं नागरिक संगठनों (सीसीएनटीएचसीओ) की कोर कमेटी ने 1 फरवरी को 12 घंटे का नगालैंड बंद बुलाया था. कोर कमेटी की मांग है कि चुनाव टाल दिए जाएं क्योंकि इससे नगा वार्ता कर रहे पक्षों एवं केंद्र सरकार के बीच की राजनीतिक वार्ता ‘दूषित’ होगी.
नगा राजनीतिक मुद्दे पर भाजपा से अपना रुख रूपष्ट करने की मांग
कोहिमा: नगा जनजातीय संगठनों ने भाजपा की राज्य इकाई से कहा है कि वह अपना रुख स्पष्ट करे कि वह नगा राजनीति के जटिल मुद्दे के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है या नहीं.
विभिन्न संगठनों की एक कोर समिति ने कहा कि भाजपा को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए क्योंकि पार्टी संयुक्त घोषणा पत्र में शामिल नहीं हुयी जिससे राज्य में भ्रम की स्थिति पैदा हो गयी है.
नगा पीपुल्स फ्रंट, भाजपा और कांग्रेस सहित 11 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने 27 फरवरी का चुनाव नहीं लड़ने का सोमवार को फैसला किया था. इस संबंध में एक संयुक्त घोषणापत्र जारी किया जाना था.
राजनीतिक दलों ने जनजातीय संगठनों तथा सिविल सोसाइटी समूहों की मांग पर सहमति जताते हुए यह फैसला किया था. विभिन्न संगठनों की मांग थी कि पहले नगा राजनीतिक समस्या का हल किया जाए.
भाजपा नगालैंड विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने संबंधी संयुक्त घोषणा से पीछे हटी
कोहिमा: नगालैंड में एक नाटकीय घटनाक्रम में मंगलवार को भाजपा विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने की सर्वदलीय घोषणा से पीछे हट गयी और उसने कहा कि इस मुद्दे पर पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व फैसला करेगा.
भाजपा ने अपने कार्यकारी परिषद सदस्य खेतो संपार्ती को भी निलंबित कर दिया था जिन्होंने इस संयुक्त घोषणा पर दस्तखत किये थे.
सोमवार को नगा पीपुल्स फ्रंट, भाजपा, कांग्रेस समेत 11 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने पहले नगा राजनीतिक समस्या का समाधान करने की जनजातीय संगठनों एवं सभ्य नागिरक समाजों की मांग से राजी होते हुए विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया था.
प्रदेश पार्टी अध्यक्ष विसासोली लोंगू ने समाचार एजेंसी भाषा से कहा, ‘हमने दो पार्टी नेताओं को बैठक में शामिल होने के लिए अधिकृत किया था लेकिन उनसे यह भी कहा था कि यदि चुनाव के संबंध में कोई बात हो तो पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं से बातचीत की जानी चाहिए. चूंकि खेतो ने केंद्रीय नेताओं से संपर्क किये बगैर ही दस्तखत कर दिये, इसलिए उन्हें निलंबित कर दिया गया है.’
हालांकि उनका कहना था कि भाजपा नगा राजनीतिक समस्या के शीघ्र समाधान के पक्ष में है लेकिन विधानसभा चुनाव भिन्न मुद्दा है. पार्टी की प्रदेश इकाई को केंद्रीय नेतृत्व से इस संबंध में निर्देश का इंतजार है.
ज्ञात हो किसोमवार को एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में सत्तारूढ़ नगा पीपुल्स फ्रंट सहित 11 दलों ने चुनाव में मुकाबला नहीं करने का फैसला किया था. लंबित नगा राजनीतिक समस्या को पहले सुलझाने के लिए आदिवासी संगठनों और नागरिक समाज समूहों की मांगों का दलों ने समर्थन किया है .
नगालैंड आदिवासी होहो और नागरिक संगठन की कोर कमेटी (सीसीएनटीएचसीओ) की बुलायी गई बैठक में यह फैसला किया गया . इसमें 11 दलों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे .
दलों के दस्तखत वाले संयुक्त घोषणापत्र में कहा गया है, ‘नगा लोगों की सर्वसम्मत राय है कि राजनीतिक समाधान या नगा शांति समझौता, चुनाव से ज्यादा महत्वपूर्ण है और इस वजह से अमन चैन के लिए नगालैंड के विधानसभा चुनाव को टालना जरूरी है. ’
भाजपा के अलावावा इन दलों में – नगा पीपुल्स फ्रंट, कांग्रेस, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक पीपुल्स पार्टी, नगालैंड कांग्रेस, यूनाइटेड नगालैंड डेमोक्रेटिक पार्टी , आम आदमी पार्टी, नेशनल कांग्रेस पार्टी, लोक जन पार्टी, जनता दल (यू) और नेशनल पीपुल्स पार्टी शामिल थे.
एनपीएफ के 10 विधायकों ने इस्तीफा दिया
कोहिमा: नगालैंड में विधानसभा चुनावों को टालने की मांग के बाद राजनीतिक सरगर्मी के तेज होने के बीच नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के 10 विधायकों ने पार्टी और सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.
इस्तीफे सोमवार को दिए गए हैं. उसी दिन एनपीएफ और कांग्रेस समेत 11 राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव नहीं लड़ने के लिए एक संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. वे आदिवासी निकायों और नागरिक समाज समूह की मांगों के आगे झुक गए हैं जो चाहते हैं कि लंबे समय से चली आ रही नगा समस्या को पहले हल किया जाए.
विधानसभा सचिवालय के एक नोट में बताया गया है कि विधानसभा अध्यक्ष इम्तिवपांग ने इस्तीफों को स्वीकार कर लिया है और सीटों को खाली घोषित कर दिया गया है. विधायकों ने कहा कि उन्होंने चुनावों से पहले नगा राजनीतिक मुद्दे को हल करने के लिए नगा लोगों की इच्छाओं का ख्याल करते हुए इस्तीफा दिया है.
उन्होंने कहा कि हमने पिछले साल 15 दिसंबर को नगालैंड विधानसभा द्वारा पारित एक प्रस्ताव के मद्देनजर इस्तीफा दिया जो भारत सरकार से चुनाव से पहले नगा राजनीतिक मुद्दे को हल करने की गुजारिश करता है.
नगा चुनाव बहिष्कार पर रिजीजू बोले, चुनाव एक संवैधानिक प्रक्रिया
नई दिल्ली: नगालैंड में विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार करने के एक दिन बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि चुनाव एक संवैधानिक प्रक्रिया है और केंद्र सरकार संविधान से बंधी है.
कई ट्वीट कर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने कहा कि सरकार लंबित नगा मुद्दे को बड़ा महत्व देती है. उन्होंने कहा, ‘समय से चुनाव कराना एक संवैधानिक प्रक्रिया है . केंद्र सरकार संविधान से बंधी है.’
रिजीजू भाजपा के नगालैंड के चुनाव प्रभारी हैं. उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आयी है, जब नगालैंड में सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव नहीं लड़ने की कल घोषणा की. उन्होंने जनजातीय संगठनों और नागरिक समाज संगठनों की इस मांग के समर्थन में यह कदम उठाया है कि (चुनाव से पहले) नगा राजनीतिक समस्या का हल किया जाए.
रिजीजू ने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के वादे पर यकीन रखें. भारत सरकार लंबित नगा मुद्दे को बड़ा महत्व देती है. हमारा मानना है कि नगालैंड में शांतिपूर्ण चुनाव से वर्तमान शांति वार्ता में मदद मिलेगी एवं हमारे संकल्प को बल मिलेगा.’
एनएससीएन आईएम की केंद्र सरकार के वार्ताकार के साथ 1997 से शांति वार्ता चल रही है. नवंबर, 2017 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मेघालय यात्रा के दौरान कहा था कि नगालैंड इतिहास रचने की दहलीज पर है क्योंकि नगा राजनीतिक मुद्दे का शीघ्र ही अंतिम समझौता होगा.
नगा समूहों ने लोगों से नामांकन दाखिल नहीं करने को कहा
कोहिमा: सात नगा राष्ट्रीय राजनीतिक समूहों (एनएनपीजी) ने चुनाव में नामांकन दाखिल करने के खिलाफ लोगों को आगाह किया है.
इस संबंध में नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड-इसाक मुइवा (एनएससीएन-आईएम) तथा छह अन्य नगा राष्ट्रीय राजनीतिक समूहों ने एक संयुक्त घोषणापत्र जारी किया.
अन्य संगठन हैं : एनएससीएन (यूनिफिकेशन), नेशनल नेशनल काउंसिल (एनएएनसी/एफजीएन), एनएनसी (मातृ संगठन), एनपीजीएन/एनएनसी (एनए), एनएससीएन (आर) और एनएनसी / जीडीआरएन (एनए) है.
दीमापुर में नगालैंड के आदिवासी होहो और नागरिक संगठनों की कोर कमेटी द्वारा आयोजित बैठक में यह फैसला किया गया.
सीबीआई ने मणिपुर फर्जी मुठभेड़ मामले में 30 और प्राथमिकी दर्ज कीं
नई दिल्ली: मणिपुर में कथित न्यायेतर हत्या और फर्जी मुठभेड़ के मामलों की जांच कर रही सीबीआई की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने उच्चतम न्यायालय की ओर से तय की गई 31 जनवरी की समयसीमा का पालन करते हुए 30 लंबित मामलों की जांच का जिम्मा संभाल लिया है.
उच्चतम न्यायालय ने बीते 16 जनवरी को इस मामले में अपने पहले के निर्देश के मुताबिक पर्याप्त संख्या में केस दर्ज नहीं करने को लेकर सीबीआई की खिंचाई की थी.
शीर्ष न्यायालय ने एसआईटी को निर्देश दिया था कि वह इस साल 31 जनवरी को या इससे पहले 30 और प्राथमिकियां दर्ज करे. यह निर्देश तब दिया गया था जब एसआईटी ने न्यायालय को बताया कि उसने अब तक इस मामले में 12 प्राथमिकियां दर्ज की हैं.
सीबीआई ने अब मणिपुर फर्जी मुठभेड़ मामले में 30 और प्राथमिकियां दर्ज की है, जिससे मामलों की कुल संख्या 42 हो गई है.
मणिपुर में कथित न्यायेतर हत्या के 1,528 मामलों की जांच कराने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहे उच्चतम न्यायालय ने 81 मामलों में प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए थे, लेकिन सीबीआई को इतनी बड़ी तादाद में मामले दर्ज करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले.
सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद न्यायालय ने 16 जनवरी को आदेश दिया था कि वह पहले दर्ज किए गए 12 मामलों के अतिरिक्त 30 और प्राथमिकियां दर्ज करे.
असम: फिल्म के जरिए वैश्विक दर्शकों तक असम की खूबी पहुंचाएंगे जाह्नू बरूआ
गुवाहाटी: असम के जाने माने फिल्मकार जाह्नू बरूआ राज्य सरकार की नई पर्यटन नीति के तहत हॉलीवुड के साथ मिल कर एक फिल्म बनाने जा रहे हैं.
हाल ही में यहां एक कार्यक्रम में बरूआ और इवानहोइस किलैन केर्विन ने बताया कि इस फिल्म की अधिकतर शूटिंग असम और न्यूयॉर्क में की जाएगी.
इसका निर्माण हॉलीवुड इवानहोई पिक्चर्स एंड मुंबईस इस्टर्ली पिक्चर्स के साथ मिल कर किया जाएगा. इस फिल्म में राज्य फिल्मोद्योग के अभिनेताओं के अलावा दुनिया के दूसरे हिस्से के अभिनेताओं को भी शामिल किया जाएगा.
इस फिल्म की शूटिंग ऊपरी असम और उत्तरी अमेरिका के कुछ हिस्सों के प्राकृतिक स्थलों पर की जाएगी. निर्देशक ने बताया कि यह फिल्म दो भाषाओं अंग्रेजी और असमिया में प्रदर्शित की जाएगी.
असम पर्यटन विकास निगम (एटीडीसी) के अध्यक्ष जयंत मल्लाह बरूआ ने बताया कि फिल्म का निर्माण नई पर्यटन नीति के तहत किया जाएगा जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने राज्य के सौंदर्य को प्रदर्शित करना है. बरूआ ने बताया कि उम्मीद है कि जल्दी ही इस फिल्म की शूटिंग शुरू होगी.
सिक्किम: बाहरी गैर जैविक उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक वापस लिया
गंगटोक: सिक्किम सरकार ने सोमवार को विधानसभा से वह विधेयक वापस ले लिया जो पूर्वोत्तर राज्य में बाहर से आने वाले गैर जैविक उत्पाद पर प्रतिबंध लगाने से संबंधित है.
इस विधेयक में बाहर से सिक्किम आने वाली गैर जैविक सब्जियां, मवेशी तथा अन्य उत्पादों की आपूर्ति पर 31 मार्च 2018 से रोक लगाना प्रस्तावित था.
जब उपाध्यक्ष सोनम ग्यात्सो लेपचा ने विधेयक पेश करने को कहा तो उद्यान एवं नकदी फसल विकास विभाग मंत्री सोमनाथ पुडयाल ने सिक्किम नॉन-ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर ऐंड हॉर्टीकल्चर कमोडिटीज ( रोकथाम एवं नियमन) विधेयक को वापस ले लिया.
पुडयाल ने कहा कि विधेयक वापस लेने की वजह तकनीकी है. हालांकि राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विधेयक के मसौदे में गड़बड़ी है और उसमें बड़े पैमाने पर बदलाव की जरूरत थी. उन्होंने कहा कि विधेयक अब बजट सत्र में लाया जाएगा.
मिज़ोरम: मार्च में ब्रू शरणार्थियों की वापसी के लिए तैयारी
आइजोल: मिजोरम सरकार ने पड़ोसी त्रिपुरा के छह राहत शिविरों में रह रहे 32 हजार से अधिक ब्रू लोगों की मार्च के पहले सप्ताह से राज्य में वापसी को लेकर तैयारी शुरू कर दी है.
राज्य गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव लालबिआकजामा ने सोमवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि केंद्र ने इसके लिए पहली किस्त के रूप में 7.9 करोड़ रुपये जारी किये हैं जबकि राज्य सरकार का अनुमान है कि इसके लिए 123 करोड़ रुपये से अधिक की जरूरत होगी.
लालबिआकजामा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘वापसी के इच्छुक ब्रू लोगों की पहचान के बाद ही इन लोगों की वापसी हो सकती है.’ गृह मंत्रालय और मिजोरम सरकार के अधिकारियों का एक दल फरवरी में राहत शिविरों का दौरा करेगा और उन ब्रू लोगों की पहचान करेगा जो मिजोरम में वापसी के इच्छुक है और जो इच्छुक नहीं हैं.
उल्लेखनीय है कि 21 अक्तूबर, 1997 को ब्रू उग्रवादियों द्वारा एक वन अधिकारी की हत्या के बाद भड़के सांप्रदायिक तनाव के कारण मिजोरम के हजारों ब्रू लोगों को त्रिपुरा भागना पड़ा था.
असम: भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण गुवाहाटी में करेगा निवेश
गुवाहाटी: केंद्र सरकार ने कहा है कि एक नया एकीकृत अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल बनाने के लिए भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण गुवाहाटी में 1,232 करोड़ रूपये का निवेश करेगा.
नागरिक उड्डयन मंत्री पी अशोक गजपति राजू ने बीते रविवार को कहा कि गुवाहाटी में नया अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल 2021 तक बन कर तैयार हो जाएगा. इस अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल के निर्माण के लिए राजू और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने संयुक्त रूप से शिलान्यास किया.
इस मौके पर राजू ने कहा कि यह नया टर्मिनल वायु संपर्क को काफी हद तक बढ़ावा देगा. उन्होंने बताया कि इसके निर्माण के लिए कुल निवेश 1,232 करोड़ रूपये का होगा. यह प्रस्तावित नया टर्मिनल 90 हजार वर्ग मीटर में बनेगा. इसमें विश्व स्तर की सुविधा होगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)