अनिवार्य उपस्थिति के विरोध में ऐड-ब्लॉक के पास वाली सड़क को ब्लॉक करने पर जेएनयू प्रशासन ने एनएसयूआई की छात्र इकाई के चार सदस्यों पर 20-20 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया.
नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) द्वारा उपस्थिति अनिवार्य करने के फैसले को लेकर संस्थान के प्रशासनिक खंड (ऐड-ब्लॉक) के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के लिए जेएनयू छात्रसंघ की केंद्रीय समिति के सदस्यों पर 10,000-10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
चीफ प्रॉक्टर कौशल कुमार द्वारा जारी किए गए सर्कुलर में जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष गीता कुमारी, उपाध्यक्ष सिमोन ज़ोया ख़ान, महासचिव डुग्गीराला श्रीकृष्ण और संयुक्त सचिव सुभांशु सिंह को 10 दिन के भीतर जुर्माने का भुगतान करने को कहा गया.
जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष गीता कुमारी के नाम जारी सर्कुलर में कहा गया है, ‘प्रॉक्टर द्वारा की गई जांच में आपको (गीता कुमारी) ऐड-ब्लॉक की सीढ़ियों के पास विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने का दोषी पाया गया. यहां पर प्रदर्शन उच्च न्यायालय के फैसले का उल्लंघन है.’
सर्कुलर के अनुसार, गीता कुमारी ने ऐड-ब्लॉक पर ‘हाज़िर जनाब’ नाम के कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.
11-12 फरवरी को शाम बड़ी संख्या में जेएनयू छात्रसंघ के नेतृत्व में छात्र-छात्राओं ने प्रशासनिक खंड के बाहर प्रदर्शन किया था और मांग की थी कि कक्षाओं में अनिवार्य उपस्थिति के फैसले को जेएनयू प्रशासन वापस ले ले.
छात्रसंघ अध्यक्ष ने 15 फरवरी को भी प्रशासनिक खंड पर छात्र-छात्राओं को जुटने का आह्वान किया है.
एनएसयूआई से जुड़े छात्रों ने भी अनिवार्य उपस्थिति के विरोध में प्रशासनिक खंड के पास वाली सड़क को ब्लॉक कर दिया था. प्रशासन ने छात्रों पर कार्रवाई करते हुए एनएसयूआई जेएनयू इकाई के अध्यक्ष विकास यादव के साथ मुकेश कुमार, मनीष मीणा और अलीमुद्दीन पर 20-20 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
द वायर से बात करते हुए विकास यादव ने कहा, ‘ये प्रशासन छात्र विरोधी है और जेएनयू को बर्बाद करने पर तुला हुआ है. मुझे दो सेमेस्टर के लिए हॉस्टल से भी निकाल दिया गया और ये भी कहा गया है कि अगर मुझे कोई अपने हॉस्टल में रखेगा, तो उस पर भी कार्रवाई होगी. छात्रों पर कोई 20-20 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाता है. बताइए छात्र 20 हज़ार रुपये कैसे देगा?
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)