फ़र्ज़ी ख़बरों पर टैक्सपेयर का पैसा बेकार नहीं होना चाहिए: स्मृति ईरानी

सोशल मीडिया पर फ़र्ज़ी ख़बरों के प्रसार के बारे में सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया कोई ख़तरा नहीं है. अगर वहां कोई ग़लत कंटेंट है, तो लोगों के पास उसे सही करने की ताक़त है.

सोशल मीडिया पर फ़र्ज़ी ख़बरों के प्रसार के बारे में सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया कोई ख़तरा नहीं है. अगर वहां कोई ग़लत कंटेंट है, तो लोगों के पास उसे सही करने की ताक़त है.

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फोटो: पीटीआई

कोलकाता: सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को कहा कि सोशल मीडिया खतरा नहीं है. यह लोगों को अपनी बात रखने का उचित मंच देता है.

समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार सरकार द्वारा फर्जी खबरों के प्रसार पर एक्शन लेने के बारे में बताते हुए कहा कि करदाताओं का पैसा फर्जी खबरों पर बेकार नहीं होना चाहिए.

उन्होंने बताया कि अगर अखबारों के मामले में  ऐसा पाया जाता है, तो कोई भी नागरिक या संस्था भारतीय प्रेस परिषद का ध्यान इस तरफ दिला सकते हैं, जिससे परिषद इसका संज्ञान ले.

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रेस काउंसिल के अलावा मंत्रालय से भी संपर्क किया जा सकता है. यदि अखबार द्वारा प्रकाशित कोई खबर जांचने पर फर्जी पायी जाती है, तो  प्रेस काउंसिल उसके खिलाफ एक्शन लेता है.

ईरानी ने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करते हैं कि अगर अखबार फर्जी खबरें प्रकाशित कर रहे हैं, तो उन्हें डीएवीपी से कोई विज्ञापन न मिले.’

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उन्होंने कहा कि यही बात टीवी और रेडियो प्रसारण पर भी लागू होती है.  उन्होंने बताया, ‘एक रेडियो चैनल द्वारा आपत्तिजनक कंटेंट प्रसारित करने पर उस चैनल के राजस्व के स्रोत बंद कर दिए गए. टैक्सपेयर को फर्जी खबरों के लिए पैसा नहीं देना चाहिए.’

सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों के प्रसार के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि सोशल मीडिया कोई खतरा है. यह तकनीक पर आधारित है जो सभी को एक मंच पर आने का अवसर देता है. अगर वहां कोई गलत कंटेंट है, तो लोगों के पास उस विषय में सही पोस्ट करने की ताकत है. हमारे द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला यह सबसे लोकतांत्रिक संचार माध्यम है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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